करसोग: उपमंडल को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की राह में लाने वाले अधिकारी रामकृष्ण चौहान का हाल ही में तबादला कर दिया गया है, जिसके चलते सरकार के इस आदेश से किसान काफी आहत हैं और सरकार से इस फैसले को लेकर पुन विचार करने का आग्रह किया है.
विकासखंड करसोग में कृषि विभाग में रामकृष्ण चौहान ने सितंबर 2018 में विषय वार्ता विशेषज्ञ (एसएमएस) का पदभार संभाला था और उस वक्त क्षेत्र में बहुत ही कम किसान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की जानकारी रखते थे, लेकिन रामकृष्ण चौहान ने कुशल अधिकारी की तरह सबसे पहले विभिन्न क्षेत्रों में ट्रेनिंग कैंप आयोजित कर किसानों को प्राकृतिक खेती के टिप्स दिए.
रामकृष्ण चौहान ने किसानों को बताया कि महंगी रासायनिक खेती की तुलना में कैसे प्राकृतिक खेती की तकनीक को अपनाकर अधिक मुनाफा कमाकर आर्थिक समृद्धि लाई जा सकती है. यही नहीं किसानों को प्राकृतिक खेती से स्वास्थ्य और पर्यावरण पर पड़ने वाले अच्छे प्रभावों के बारे में भी जागरूक किया गया.
ऐसे में करीब दो साल के अंतराल में विभिन्न क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 300 कैंप लगाए गए, जिससे आज 6 हजार किसान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती से जुड़े हैं और कुछ बीघा भूमि से शुरू हुआ प्राकृतिक खेती का सफर अब 2500 बीघा भूमि से अधिक तक पहुंच गया है.
सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की मास्टर ट्रेनर लीना शर्मा ने बताया कि रामकृष्ण चौहान ने किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती करने के लिए बहुत प्रेरित किया है, जिसका नतीजा ये है कि आज 6 हजार किसान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती से जुड़े हैं और कुछ बीघा भूमि से शुरू हुआ प्राकृतिक खेती का सफर अब 2500 बीघा भूमि से अधिक तक पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि किसानों ने सरकार से तबादला आदेश रद्द किए जाने की मांग की है.
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