कुल्लू: देश की आर्थिक राजधानी और मायानगरी के नाम से मशहूर मुंबई शहर में बीते दिनों में कई बॉलीवुड कलाकारों के नाम ड्रग्स के कारोबार से जुड़े होने की बात सामने आई है. इस दौरान सीबीडी ऑयल का नाम भी खूब चर्चा में रहा है. NDPS की ड्रग्स कैटेगरी में शामिल सीबीडी ऑयल का नाता पहाड़ों और हसीं वादियों से घिरे छोटे से राज्य हिमाचल से भी है.
जिला कुल्लू की मनोरम घाटियां जहां देश-विदेश में पर्यटन के लिए मशहूर हैं. तो वहीं, नशे की और आकर्षित होकर भी हर साल सैलानी घाटी का रुख करते है. हालांकि कुल्लू पुलिस की कार्रवाई भी नशा कारोबारियों पर लगातार हो रही है. लेकिन उसके बावजूद भी आए दिन नशा तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं.
भांग के पौधे का अर्क है सीबीडी ऑयल
विशेषज्ञों के अनुसार सीबीडी ऑयल भांग के पौधे का अर्क है. जो नशे के लिए भी प्रयोग किया जाता है. हालांकि इसके कई गुण औषधीय उपयोग में भी लाए जाते हैं लेकिन भारत मे इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है. हालांकि कुछ बेवसाइट पर यह ऑनलाइन भी मिल रहा है. लेकिन भारत में इसके इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है.
चिकित्सीय इस्तेमाल की मंजूरी नहीं
कुल्लू अस्पताल में डी एडिकशन सेंटर के प्रभारी डॉक्टर सत्यव्रत वैद्य बताते हैं कि कुछ रिसर्च में यह दावा किया गया है कुछ गंभीर बीमारियों में इसके इस्तेमाल से राहत मिलती है. मांसपेशियों के दर्द और घबराहट से लेकर जोड़ों के दर्द, मिरगी और तनाव से पैदा होने वाली बीमारियों में इनका इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन इसके चिकित्सीय इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिली है.
खतरनाक हैं सीबीडी ऑयल के साइड इफेक्ट
स्वास्थ्य विभाग के जानकारों का मानना है कि सीबीडी ऑयल पर अभी कोई रिसर्च नही हुई है और इसके कई साइड इफेक्ट भी शामिल हैं. कई बार इसके इस्तेमाल से व्यक्ति के शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है और दिमाग की नसों पर भी इसका बुरा असर होता है. इसे नशे के तौर पर इस्तेमाल करना शरीर के लिए घातक है.
ऑयल बनाने के लिए इन चीजों का होता है इस्तेमाल
सीबीडी केनबिडयॉल बनाने के लिए भांग के पौधे के फूल, पत्ती और डंठल का उपयोग होता है. इसमें टीएससी (टेट्रा हाइड्रो कैनाबिडियॉल) की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती है. नशा करने वाले इसे धुएं और भाप के जरिए शरीर में लेते हैं.
करोड़ों में बिकता है तेल
सीबीडी ऑयल का भांग के साथ गहरा नाता है. भांग से ही नशे के लिए इस्तेमाल होने सीबीडी ऑयल को तैयार किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी 100 ग्राम की कीमत भी करोड़ो रुपयों में होती है.
नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई जारी
एसपी कुल्लू गौरव सिंह का कहना है कि जिला कुल्लू में सीबीडी ऑयल से जुड़ा कोई भी मामला सामने नहीं आया है. वहीं, नशा तस्करों पर कुल्लू पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है. पुलिस ने एक साल में 250 किलो से अधिक चरस बरामद की है.
भारत में 1985 से भांग के इस्तेमाल पर रोक
भारत में भांग का इस्तेमाल 1985 तक लीगल था लेकिन बाद में नारकोटिक ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 के तहत इसके इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया. हालांकि भांग से निकाली गई कुछ चीजें अभी भी कानूनी है. और इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.