लाहौल-स्पीति: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2020 अक्तूबर में जब अटल टनल का शुभारंभ किया तो उसके बाद से ही अपने आप मे अजूबा अटल टनल को निहारने के लिए देश विदेश के सैलानियों का तांता लगना शुरू हो गया. आज अटल टनल जहां पर्यटन के क्षेत्र में एक मिसाल बन चुकी है तो वहीं, इसी टनल से जनजातीय जिला लाहौल को भी अलग पहचान मिली है.
साल भर के 6 महीने में देश दुनिया से कटे रहने वाले जिला में अब 12 माह लोगों का आवागमन शुरू हो गया है तो वहीं, अटल टनल ने ही लाहौल घाटी के विकास की एक नई इबारत लिख डाली है. अटल टनल बनने से पहले लाहौल घाटी की तस्वीर कुछ अलग थी. साल में 6 माह बर्फबारी के चलते रोहतांग दर्रा बंद रहता था और ऐसे में सर्दियों में लाहौल घाटी के लोगों का जीवन काफी कष्ट भरा होता था.
वहीं, बर्फबारी के बीच ना तो वे दूसरे इलाके में जा सकते थे और ना ही उन्हें मूलभूत सुविधाएं मिल पाती थी. अटल टनल बनने के बाद अब लाहौल घाटी की तस्वीर बदल गई है. अटल टनल को निहारने आने वाले सैलानियों से हो रही आय से अब घाटी के विकास को भी तेज गति प्रदान की जा रही है. अटल टनल बनने के बाद यहां पर्यटन सीजन में हजारों वाहनों का लगातार आना जाना हो रहा है.
पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब लाहौल प्रशासन के द्वारा लाहौल घाटी के प्रवेश द्वार पर एक नाका भी स्थापित किया गया है. जहां पर साडा के तहत बाहरी राज्यों के वाहनों से शुल्क भी वसूला जा रहा है. साडा के तहत एकत्र होने वाली इस राशि को लाहौल घाटी के विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा. जिससे लाहौल घाटी के विकास को गति मिलेगी.
अटल टनल बनने के बाद लाहौल स्पीति में सैलानियों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है. ऐसे में प्रशासन ने सिस्सू में SADA (Special Area Development Authority) बैरियर स्थापित किया है. अगर कोई सैलानी दोपहिया वाहन से यात्रा कर रहा है तो उसे 50 रुपये टैक्स देना होगा वहीं, कार से 200 रुपये, एसयूबी से 300 रुपये, बस और ट्रक से 500 रुपये वसूले जा रहे हैं.
एसडीएम केलांग प्रियंका नागटा ने जानकारी देते हुए बताया कि नॉर्थ पोर्टल सिस्सू में बैरियर लगाने से जो राशि जमा हो रही है उसे स्थानीय क्षेत्र के विकास पर खर्च किया जाएगा. इस बैरियर पर हिमाचल के नागरिकों से ये टैक्स नहीं वसूला जाएगा.
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