लाहौल स्पीतिः जनजातीय क्षेत्र लाहौल घाटी के अलग- अलग स्कूल में तैनात 3 महिला शिक्षिकाओं के जज्बे की घाटी में हर कोई तारीफ कर रहा है. इन्हें अपनी प्रशंसा की भूख नहीं है, बल्कि बच्चों के भविष्य संवारने की चिंता रही है. इनमें एक शिक्षिका ने तो अपने घर पर ही बच्चों की नियमित पढ़ाई जारी रखते हुए खान, पान और रहने की व्यवस्था भी की है.
वहीं, दूसरी प्राइमरी स्कूल की एक और शिक्षिका ने कोरोना काल के बीच सरकार के दिशा-निर्देश का पालन करते हुए अपनी स्टेशन न छोड़कर बच्चों के भविष्य संवारते हुए घर-घर जाकर भी पढ़ाया है.
तीनों शिक्षिकाओं को किया जाएगा सम्मानित
इन महिला शिक्षिका के जुनून को देखते हुए स्थानीय स्कूल प्रशासन व जनता की ओर से उनके प्रशंसनीय सेवाओं के लिए इन्हें तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा के हाथों सात फरवरी को त्रिलोकनाथ स्नो फेस्टिवल के मौके पर सम्मानित भी किया गया.
बच्चों की पढ़ाई में की मदद
इस दौरान मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने उनके उज्जवल भविष्य की भी कामना की है. एक अन्य वरिष्ठ स्कूल में तैनात शिक्षिका की भी प्रशंसा कम नहीं है. क्षेत्र के लोगों ने ऐसे सराहनीय कार्य करने वालों शिक्षक व शिक्षिकाओं को शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन से सम्मानित करने की पैरवी भी की है. कोरोना महामारी के चलते प्रदेश में 11 माह बाद स्कूल खुले है. उन दिनों अध्यापकों ने बच्चों की पढ़ाई आनलाइन जारी रखे हुए थे.
बेहतरीन सेवाओं के लिए किए जाएंगे सम्मानित
इसके अलावा उपायुक्त लाहौल-स्पीति पंकज राय ने शिक्षिका छेरिंग डोलमा, किरन लता और अनीता देवी के कार्यों की सराहना की है. स्थानीय लोगों ने इन शिक्षिकाओं को सम्मानित करने की पैरवी की है. उपायुक्त लाहौल- स्पीति पंकज राय ने कहा बेहतरीन सेवाओं के लिए सम्मानित किए जाएंगे.
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