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कुल्लू दशहरा उत्सव में हो रहा देवी-देवताओं का मिलन, अपने आराध्य के दर्शन के लिए पहुंचे रहे श्रद्धालु

कुल्लू दशहरा उत्सव में ढोल-नगाड़ों की थाप पर देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना की गई. पूजा के समय ढोल, नगाड़े और नरसिंगों के स्वर लहरियों से पूरा ढालपुर मैदान गूंज उठा.

The meeting of Gods and Goddesses in kullu Dussehra festival
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Published : Oct 11, 2019, 7:23 PM IST

कुल्लू: देव समागम अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के चौथे दिन देवी-देवताओं के दरबार में दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही है. इस दौरान शुक्रवार को सैकड़ों श्रद्धालुओं ने देवता को पुष्प अर्पित कर शीश नवाया और क्षेत्र की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया है. ढालपुर मैदान में भी लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली.

दशहरा उत्सव में पहुंचे लोग जमकर खरीदारी करते हुए नजर आए. जिले के अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ शिविर, देवता बिजली महादेव, माता हिडिंबा, माता पार्वती, माता दोचा मोचा, त्रिपुरा सुंदरी, माता पार्वती, देवता यमदाग्नि, बालू नाग, शृंगा ऋषि सहित अन्य देवताओं के शिविरों में दिनभर चहल-पहल देखने को मिली.

दशहरा में आने वाले लोग सबसे पहले अपने आराध्य देवता के दर्शन करते हैं. इस दौरान श्रद्धालुओं ने देवी-देवता के समक्ष अपनी समस्याएं भी रखी, जिनका देवता ने अपने गुर के माध्यम से समाधान किया. दशहरा उत्सव के दौरान बच्चों और युवाओं ने सुबह से लेकर शाम तक झूले का खूब आनंद लिया. यहां पर भी दिनभर युवाओं की काफी भीड़ दिखने को मिली है. गोल गप्पो का भी लोगों ने खूब स्वाद लिया.

वीडियो.

स्वर लहरियों से गूंज उठा मैदान
दशहरा उत्सव में ढोल-नगाड़ों की थाप पर देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना की गई. पूजा के समय ढोल, नगाड़े और नरसिंगों की स्वर लहरियों से पूरा ढालपुर मैदान गूंज उठा. सैकड़ों वाद्य यंत्रों की धुनों से पूरा माहौल देवमय हो रहा है. कुछ देवता शुक्रवार को अपने शिविरों से निकलकर देव मिलन को पहुंचे. नरोगी की माता भागासिद्ध और पीणी क्षेत्र की आराध्य माता भागासिद्ध का ढोल नगाड़ों की थाप पर भव्य मिलन हुआ.

ये भी पढ़ें:अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा: 300 साल बाद कुल्लू दशहरे में पहुंचे 280 देवी-देवता

कुल्लू: देव समागम अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के चौथे दिन देवी-देवताओं के दरबार में दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही है. इस दौरान शुक्रवार को सैकड़ों श्रद्धालुओं ने देवता को पुष्प अर्पित कर शीश नवाया और क्षेत्र की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया है. ढालपुर मैदान में भी लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली.

दशहरा उत्सव में पहुंचे लोग जमकर खरीदारी करते हुए नजर आए. जिले के अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ शिविर, देवता बिजली महादेव, माता हिडिंबा, माता पार्वती, माता दोचा मोचा, त्रिपुरा सुंदरी, माता पार्वती, देवता यमदाग्नि, बालू नाग, शृंगा ऋषि सहित अन्य देवताओं के शिविरों में दिनभर चहल-पहल देखने को मिली.

दशहरा में आने वाले लोग सबसे पहले अपने आराध्य देवता के दर्शन करते हैं. इस दौरान श्रद्धालुओं ने देवी-देवता के समक्ष अपनी समस्याएं भी रखी, जिनका देवता ने अपने गुर के माध्यम से समाधान किया. दशहरा उत्सव के दौरान बच्चों और युवाओं ने सुबह से लेकर शाम तक झूले का खूब आनंद लिया. यहां पर भी दिनभर युवाओं की काफी भीड़ दिखने को मिली है. गोल गप्पो का भी लोगों ने खूब स्वाद लिया.

वीडियो.

स्वर लहरियों से गूंज उठा मैदान
दशहरा उत्सव में ढोल-नगाड़ों की थाप पर देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना की गई. पूजा के समय ढोल, नगाड़े और नरसिंगों की स्वर लहरियों से पूरा ढालपुर मैदान गूंज उठा. सैकड़ों वाद्य यंत्रों की धुनों से पूरा माहौल देवमय हो रहा है. कुछ देवता शुक्रवार को अपने शिविरों से निकलकर देव मिलन को पहुंचे. नरोगी की माता भागासिद्ध और पीणी क्षेत्र की आराध्य माता भागासिद्ध का ढोल नगाड़ों की थाप पर भव्य मिलन हुआ.

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Intro:दशहरा उत्सव में हो रहा देवी देवताओं का मिलन
शिविरों में हो रहा कुल्लुवी नाटी का आयोजनBody:
देव समागम अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के चौथे दिन देवी-देवताओं के दरबार में दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही है। इस दौरान शुक्रवार को सैकड़ों श्रद्धालुओं ने देवता को पुष्प अर्पित कर शीश नवाया और क्षेत्र की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया है। मैदान में भी लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। दशहरा उत्सव में पहुंचे लोगों ने जमकर खरीदारी की है। जिले के अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ शिविर, देवता बिजली महादेव, माता हिडिंबा, माता पार्वती, माता दोचा मोचा, त्रिपुरा सुंदरी, माता पार्वती, देवता जमदग्नि, बालू नाग, शृंगा ऋषि सहित अन्य देवताओं के शिविरों में दिनभर चहल-पहल देखने को मिली। दशहरा में आने वाले लोग सबसे पहले अपने आराध्य देवता के दर्शन करते हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं ने देवी-देवता के समक्ष अपनी समस्याएं भी रखी, जिनका देवता ने अपने गुर के माध्यम से समाधान किया। दशहरा उत्सव के दौरान बच्चों और युवाओं ने सुबह से लेकर शाम तक झूले का खूब आनंद लिया। यहां पर भी दिनभर युवाओं की काफी भीड़ दिखने को मिली है। गोल गप्पो का भी लोगों ने खूब स्वाद लिया।
स्वर लहरियों से गूंज उठा मैंदान
दशहराउत्सव में ढोल-नगाड़ों की थाप पर देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना की गई। पूजा के समय ढोल, नगाड़े और नरसिंगों की स्वर लहरियों से पूरा ढालपुर मैदान गूंज उठा। सैकड़ों वाद्य यंत्रों की धुनों से पूरा माहौल देवमय हो रहा है। कुछ देवता शुक्रवार को अपने शिविरों से निकलकर देव मिलन को पहुंचे। नरोगी की माता भागासिद्ध और पीणी क्षेत्र की आराध्य माता भागासिद्ध का ढोल नगाड़ों की थाप पर भव्य मिलन हुआ। Conclusion:बंजार घाटी के देवी-देवता देवमिलन के लिए एक दूसरे के अस्थायी शिविरों तक पहुंचे। ढोल-नगाड़ों की थाप पर निकले इन देवताओं को देखकर पर्यटक भी रोमांचित हो गए।
बाईट: रोशन लाल, पुजारी पुंडरीक ऋषि
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