किन्नौर: हिमाचल प्रदेश का जनजातीय जिला किन्नौर पर्यटन की दृष्टि से विकसित हो रहा है. जिला प्रशासन द्वारा जिले में साहसिक खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी कड़ी में जिले में पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग का ट्रायल किया गया जो सफल रहा (Trial of Paragliding and River Rafting in Kinnaur) है. यह ट्रायल एबीवीआईएमएएस (ABVIMAS) मनाली के विशेषज्ञों द्वारा लिया गया. (Paragliding in himachal)
बता दें कि किन्नौर में रिवर राफ्टिंग का ट्रायल (River Rafting in Kinnaur) स्पिलो से टिडोंग परियोजना तक लिया गया और काशंग में पैराग्लाडिंग का ट्रायल लिया (Paragliding in Kinnaur) गया. जिला प्रशासन का मानना है कि इन साहसिक खेलों को जिले में बढ़ावा देने ये यहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार प्रदान होगा और उनकी आर्थिकी भी मजबूत होगी. साथ ही जिले में पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ेगी.
डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि जिले की स्पिलो से टिडोंग के मध्य सतलुज नदी काफी समतल क्षेत्र में बहती है. ऐसे में इस क्षेत्र में रिवर राफ्टिंग का ट्रायल किया गया, जो सफल हुआ (Paragliding and River Rafting in Kinnaur) है. उन्होंने कहा कि पहली बार सतलुज नदी में रिवर राफ्टिंग का ट्रायल किया गया. इसके सफल ट्रायल से जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जगी है.
वहीं, दूसरी ओर पैराग्लाइडिंग का ट्रायल पांगी के काशंग पर किया गया. जिसका ट्रायल भी सफल रहा है. ऐसे में पर्यटन को बढ़ावा देने से यहां के लोगों को भी लाभ मिलेगा और क्षेत्र में और भी विकास होगा. डीसी ने कहा कि जिले में आजतक साहसिक खेलों में केवल बर्फबारी के दौरान सकी खेल किया जाता था जिससे पर्यटन को अवश्य बढ़ावा मिला, लेकिन अब इन दोनों साहसिक खेलों को जल्द पर्यटन क्षेत्र से जोड़ा (Adventure Activities in Kinnaur) जाएगा.
ये भी पढ़ें: स्वच्छता रैंकिंग में शिमला ने लगाई छलांग, देश भर में 56वें स्थान पर पहुंची पहाड़ों की रानी