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कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति ज्यों की त्यों, जानें वजह - कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति न्यूज

कुल्लू में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सरकार द्वारा विभिन्न बातें की जा रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है. दरअसल जिला के चिकित्सालय सहित जिले के विभिन्न सामुदायिक और प्राथमिक अस्पतालों में चिकित्सकों के स्वीकृत 117 पदों पर सिर्फ 79 चिकित्सक ही सेवाएं दे रहे हैं, जबकि 38 पद रिक्त हैं.

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Published : Dec 7, 2019, 11:36 PM IST

Updated : Dec 7, 2019, 11:58 PM IST

कुल्लू: कुल्लू में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सरकार द्वारा विभिन्न बाते की जा रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है. दरअसल जिला के चिकित्सालय सहित जिले के विभिन्न सामुदायिक और प्राथमिक चिकित्सालयों में चिकित्सकों के स्वीकृत 117 पदों पर सिर्फ 79 चिकित्सक ही सेवाएं दे रहे हैं, जबकि 38 पद रिक्त हैं.

कुल्लू जिला में साल दर साल बढ़ती आबादी के साथ ही मरीजों की संख्या में हो रहे इजाफें से बढ़ते मरीजों के अनुपात में स्वास्थ्य सुविधाएं एक ढाक के तीन पात की तरह कई सालों से जस की तस हैं. वहीं, अगर जिला के सबसे बड़े क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू की ही बात करें तो यहां पर चिकित्सकों के 37 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 28 चिकित्सक ही यहां पर कार्यरत हैं, जबकि नौ पद खाली चल रहे हैं. यही हाल जिला के अन्य प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की, जहां पर दो ही चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

कुल्लू में दो रेडियोलॉजिस्ट, दो सर्जन, दो नेत्र रोग विशेषज्ञ, दो स्त्री रोग विशेषज्ञ, दो बाल रोग विशेषज्ञ, दो ईएनटी स्पेशलिस्ट, दो अनेस्थिसिया स्पेशलिस्ट, एक मेडिकल स्पेशलिस्ट और एक त्वचा रोग विशेषज्ञ नियुकित हैं. 12 एमबीबीएस डॉक्टर भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन हड्डी रोग विशेषज्ञ न होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि हाल ही में हड्डी रोग विशेषज्ञ सहित अन्य आठ चिकित्सकों के सेलेक्शन में प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में रजिस्ट्रार के लिए हुई है, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.

वीडियो

कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में अगर राजनीतिक पार्टियों और उनके कार्यकाल की बात की जाए, तो दोनों पार्टियों के कार्यकाल में स्वास्थ्य सुविधों की हालत जस की तस है. कुल्लू ब्लॉक क्षेत्र में 37 डॉक्टर्स के पद है, जिसमें से 28 भरे है, जबकि नौ खाली हैं. बंजार ब्लॉक में 11 डॉक्टर्स के पद है, जिसमें से छह भरे है, जबकि पांच खाली हैं. आनी ब्लॉक में 21 डॉक्टर्स के पद है, जिसमें से 11 भरे हैं, जबकि10 खाली हैं. निरमंड ब्लॉक में 16 डॉक्टर्स के पद है, जिसमें से आठ भरे हैं, जबकि आठ खाली चल रहे हैं. नग्गर ब्लॉक में 17 डॉक्टर्स के पद है, जिसमें से 15 भरे हैं, जबकि दो खाली है.

कुल्लू अस्पताल के सीएमओ डॉ. सुशील चंद्र ने बताया कि जिलाभर में स्वास्थ्य नीतियां घर-द्वार तक पहुंचाई जा रही हैं और जिला के हर स्वास्थ्य केंद्र में दो चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

कुल्लू: कुल्लू में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सरकार द्वारा विभिन्न बाते की जा रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है. दरअसल जिला के चिकित्सालय सहित जिले के विभिन्न सामुदायिक और प्राथमिक चिकित्सालयों में चिकित्सकों के स्वीकृत 117 पदों पर सिर्फ 79 चिकित्सक ही सेवाएं दे रहे हैं, जबकि 38 पद रिक्त हैं.

कुल्लू जिला में साल दर साल बढ़ती आबादी के साथ ही मरीजों की संख्या में हो रहे इजाफें से बढ़ते मरीजों के अनुपात में स्वास्थ्य सुविधाएं एक ढाक के तीन पात की तरह कई सालों से जस की तस हैं. वहीं, अगर जिला के सबसे बड़े क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू की ही बात करें तो यहां पर चिकित्सकों के 37 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 28 चिकित्सक ही यहां पर कार्यरत हैं, जबकि नौ पद खाली चल रहे हैं. यही हाल जिला के अन्य प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की, जहां पर दो ही चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

कुल्लू में दो रेडियोलॉजिस्ट, दो सर्जन, दो नेत्र रोग विशेषज्ञ, दो स्त्री रोग विशेषज्ञ, दो बाल रोग विशेषज्ञ, दो ईएनटी स्पेशलिस्ट, दो अनेस्थिसिया स्पेशलिस्ट, एक मेडिकल स्पेशलिस्ट और एक त्वचा रोग विशेषज्ञ नियुकित हैं. 12 एमबीबीएस डॉक्टर भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन हड्डी रोग विशेषज्ञ न होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि हाल ही में हड्डी रोग विशेषज्ञ सहित अन्य आठ चिकित्सकों के सेलेक्शन में प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में रजिस्ट्रार के लिए हुई है, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.

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कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में अगर राजनीतिक पार्टियों और उनके कार्यकाल की बात की जाए, तो दोनों पार्टियों के कार्यकाल में स्वास्थ्य सुविधों की हालत जस की तस है. कुल्लू ब्लॉक क्षेत्र में 37 डॉक्टर्स के पद है, जिसमें से 28 भरे है, जबकि नौ खाली हैं. बंजार ब्लॉक में 11 डॉक्टर्स के पद है, जिसमें से छह भरे है, जबकि पांच खाली हैं. आनी ब्लॉक में 21 डॉक्टर्स के पद है, जिसमें से 11 भरे हैं, जबकि10 खाली हैं. निरमंड ब्लॉक में 16 डॉक्टर्स के पद है, जिसमें से आठ भरे हैं, जबकि आठ खाली चल रहे हैं. नग्गर ब्लॉक में 17 डॉक्टर्स के पद है, जिसमें से 15 भरे हैं, जबकि दो खाली है.

कुल्लू अस्पताल के सीएमओ डॉ. सुशील चंद्र ने बताया कि जिलाभर में स्वास्थ्य नीतियां घर-द्वार तक पहुंचाई जा रही हैं और जिला के हर स्वास्थ्य केंद्र में दो चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

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सीएम साहब, चिकित्सकों के बिना कैसे मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा
- जिला कुल्लू में चिकित्सकों के 38 पद रिक्त
- 117 पद स्वीकृत 79 चिकित्सक दे रहे सेवांए
-जिला के कई पीएचसी व सीएचसी में चिकित्सकों की कमी से लोगों को पेश आ रही दिक्कतें
- क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में ही चिकित्सकों के 37 में से नौ पद रिक्त
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सीएम साहब, चिकित्सकों के बिना जनमानस को आखिर कैसे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो पाएगी। जी हां, चिकित्सकों की कमी से जूझ रही कुल्लू जिला की जनता प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से यही कह रही है कि चिकित्सकों के बिना उपचार कैसे संभव हो पाएगा। आलम यह है कि जिला चिकित्सालय सहित जिले के विभिन्न सामुदायिक और प्राथमिक चिकित्सालयों में चिकित्सकों के स्वीकृत 117 पदों के सापेक्ष 79 चिकित्सक ही सेवाएं दे रहे हैं जबकि 38 पद रिक्त चल हुए हैं जिसके चलते कुल्लू ही नहीं बल्कि जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति, पांगी व मुख्यमंत्री के गृह जिला मंडी के लोगों को हर दिन परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। जिला में साल दर साल बढ़ती आबादी के साथ ही मरीजों की संख्या में हो रहे इजाफे के बढ़ते मरीजों के अनुपात में स्वास्थ्य सुविधाएं एक ढाक के तीन पात की तरह कई वर्षों से जस की तस हैं। यदि जिला के सबसे बड़े क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू की ही बात करें तो यहां पर चिकित्सकों के 37 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 28 चिकित्सक ही यहां पर कार्यरत हैं जबकि नौ पद खाली चल रहे हैं। यही हाल जिला के अन्य प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के भी हैं जहां पर एक या दो ही चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जिससे खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती है। चिकित्सकों के नहीं होने से कई बार मरीजों को बिना उपचार के ही घर लौटना पड़ रहा है या फिर निजी अस्पतालों में उपचार करवाने को मजबूू्र हैैं।

बॉक्स :

ऑर्थो स्पेशलिस्ट न होने से हो रही परेशानी :

हालांकि कुल्लू में दो रेडियोलाॅजिस्ट, दो सर्जन, दो नेत्र रोग विशेषज्ञ, दो स्त्री रोग विशेषज्ञ, दो बाल रोग विशेषज्ञ, दो ईएनटी स्पैशलिस्ट, दो अनेस्थिसिया स्पैशलिस्ट, एक मेडिकल स्पैशलिस्ट और एक त्वचा रोग विशेषज्ञ तैनात हैं और 12 एमबीबीएस डाॅक्टर भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन हड्डी रोग विशेषज्ञ न होने से सबसे अधिक परेशानी पेश आ रही है। गौर रहे कि अभी हाल ही में हड्डी रोग विशेषज्ञ सहित अन्य आठ चिकित्सकों की सेलेक्शन प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कालेजों में रजिस्ट्रार के लिए हुई है, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।

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जिलाभर के स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की स्थिति :
स्थान स्वीकृत पद भरे रिक्त

1. कुल्लू 37 28 नौ

2. नग्गर 17 15 दो

3. जरी 15 11 चार

4. बंजार 11 छह पांच

5. आनी 21 11 10

6. निरमंड 16 आठ आठ
Conclusion:



बॉक्स
जिलाभर में स्वास्थ्य नीतियां घरद्वार तक पहुंचाई जा रही हैं। जिला के हर स्वास्थ्य केंद्र में एक या दो चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए हमेशा प्रयासरत है।
--डा. सुशील चंद्र, सीएमओ, कुल्लू

बाइट हरिचन्द शर्मा, पूर्व अध्यक्ष मनाली कांग्रेस
बाइट अरुणा पूर्व अध्यक्ष महिला कांग्रेस
बाइट महेंद्र ठाकुर सदस्य प्रदेश कार्यकारिणी एबीवीपी
Last Updated : Dec 7, 2019, 11:58 PM IST

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