कुल्लूः हिडन-टूरिज्म के नाम से जानी जाने वाली खराहल घाटी जल्द ही दुनिया के मानचित्र पर प्रसिद्धी हासिल करने वाली है. अब बाहरी पर्यटकों के लिए मनाली की भांति यहां पर भी विंटर सीजन में मिलने वाली सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. यह बात चर्चित लेखक और विचारक गणेश गनी ने क्रिसमस की शुभ अवसर पर वाइल्ड लैंड एडवेंचर कैंप द्वारा तैयार घाटी के पहले स्नो-इग्लू के शुभारंभ के अवसर पर कही.
बता दें कि खराहल घाटी के युवा गोविन्द राम और उनके सहयोगियों ने अपनी मेहनत और लगन के साथ टूरिज्म को बतौर स्वरोजगार अपनाकर साहसिक पर्यटन की दिशा में अनूठी पहल की है. उन्होंने घाटी के आखिरी गांव धारठ में अपना बेस कैंप स्थापित कर वहां से मलाणा-चंद्रखणी, देवरोपा, फुटासौर की तरफ ट्रैकिंग और सैरगाह का साहसिक कार्य शुरू किया है.
खराहल घाटी के अतिंम चोटी पर बनाया इग्लू
इन दिनों इस ट्रैकिंग मार्ग पर अच्छी खासी बर्फ जमी है. ऐसे में उन्होंने पर्यटकों की सुविधा के लिए खराहल घाटी के अतिंम चोटी पर स्थित सौइलंग मैदान में स्नो-इग्लू का निर्माण कर एक और मील का पत्थर स्थापित किया है. संभवतः वाइल्ड लैंड एडवेंचर कैंप की इस पहल से घाटी में पर्यटन के द्वार खुलेंगे और युवाओं को स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान होंगे.
वाइल्ड लैंड एडवेंचर कैंप के प्रबंध-निदेशक गोविन्द राम के बताया कि वह कई सालों से साहसिक-पर्यटन से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग की अनुमति के बगैर कई बार कार्य करने में जोखिम रहता है, लेकिन अब उन्होंने विभाग से अनुमति ले ली है. ऐसे में वह बेझिझक अपने कार्य को अंजाम देंगे.
इस पहल से घाटी का नाम होगा रोशन
शुभारंग अवसर पर मुख्य-अतिथि गणेश गनी ने बताया कि वह युवाओं के जज्बे और साहस को देखकर खुशी महसूस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि गोविन्द राम और उनके सहयोगियों की इस पहल से घाटी का नाम रोशन होगा. साथ ही उनकी अर्थिकी भी मजबूत होगी. उन्होंने इस पहल में आमजन के उनका सहयोग करने की अपील की है.
ये भी पढ़ें- साइना नेहवाल को एकेडमी के लिए 52 कनाल भूमि आवंटित करने पर क्यों उठने लगे सवाल