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रोहतांग दर्रे सहित ऊंची चोटियों में बर्फबारी का दौर जारी, वाहनों की आवाजाही ठप्प - रोहतांग दर्रा सहित ऊंची चोटियों में बर्फबारी का दौर जारी

हिमाचल प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट बदली है. रोहतांग दर्रा सहित ऊंची चोटियों में बर्फबारी का दौर जारी है, जिससे लाहौल स्पिति और कुल्लू घाटी का संपर्क टूट गया है. ऐसे में लाहौल स्पिति के लोगों की नजरें रोहतांग सुरंग पर टिक गई हैं.

rohtang pass road closed due to snowfall
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Published : Nov 22, 2019, 5:36 PM IST

कुल्लू: जिला के रोहतांग दर्रे सहित ऊंची चोटियों पर बर्फबारी का दौर लगातार जारी है. गुरुवार को हुई बर्फबारी से लाहौल स्पीति और कुल्लू घाटी का संपर्क टूट गया है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

गुरूवार को मनाली से लाहौल स्पीति के लिए निकले 44 वाहनों को बीआरओ की मदद से लाहौल स्पीति पहुंचाया गया. इसके अलावा रोहतांग दर्रा बंद होने से लाहौल घाटी के लोगों की नजरें एक बार फिर रोहतांग सुरंग पर टिक गई हैं.

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रोहतांग दर्रा सहित ग्राम्फु, कोकसर, सिसु व गोंदला, योचे, दारचा, छिका व रारिक राहनीनाला, मढ़ी, ब्यासनाला गांव में बर्फबारी का दौर जारी है. इसके अलावा बारालाचा दर्रा, जिंगजिंगबार, दारचा की पहाड़ियों, मयाड़ घाटी, घेपन पीक, लेड़ी ऑफ केलंग, कुजुंम जोत, दारचा की पहाड़ियों, शिला पीक, बढ़ा व छोटा शिंगरी ग्लेशियर, नील कंठ राहनीनाला, मढ़ी, धुंधी जोत, पतालसू जोत, इंद्र किला, लदाखी पीक, सेवन सिस्टर पीक, हनुमान टिब्बा मकरवेद व शिकरवेद की पहाड़ियों, भृगु व दशौहर की पहाड़ियों में भी बर्फबारी हो रही है.

बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि प्रशासन से प्रशासन से आग्रह किया गया है कि वो वाहनों को रोहतांग दर्रा न भेजें. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अधिक बर्फबारी होती है,तो रोहतांग दर्रा वाहनों के लिए बहाल नहीं किया जाएगा.

कुल्लू: जिला के रोहतांग दर्रे सहित ऊंची चोटियों पर बर्फबारी का दौर लगातार जारी है. गुरुवार को हुई बर्फबारी से लाहौल स्पीति और कुल्लू घाटी का संपर्क टूट गया है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

गुरूवार को मनाली से लाहौल स्पीति के लिए निकले 44 वाहनों को बीआरओ की मदद से लाहौल स्पीति पहुंचाया गया. इसके अलावा रोहतांग दर्रा बंद होने से लाहौल घाटी के लोगों की नजरें एक बार फिर रोहतांग सुरंग पर टिक गई हैं.

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रोहतांग दर्रा सहित ग्राम्फु, कोकसर, सिसु व गोंदला, योचे, दारचा, छिका व रारिक राहनीनाला, मढ़ी, ब्यासनाला गांव में बर्फबारी का दौर जारी है. इसके अलावा बारालाचा दर्रा, जिंगजिंगबार, दारचा की पहाड़ियों, मयाड़ घाटी, घेपन पीक, लेड़ी ऑफ केलंग, कुजुंम जोत, दारचा की पहाड़ियों, शिला पीक, बढ़ा व छोटा शिंगरी ग्लेशियर, नील कंठ राहनीनाला, मढ़ी, धुंधी जोत, पतालसू जोत, इंद्र किला, लदाखी पीक, सेवन सिस्टर पीक, हनुमान टिब्बा मकरवेद व शिकरवेद की पहाड़ियों, भृगु व दशौहर की पहाड़ियों में भी बर्फबारी हो रही है.

बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि प्रशासन से प्रशासन से आग्रह किया गया है कि वो वाहनों को रोहतांग दर्रा न भेजें. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अधिक बर्फबारी होती है,तो रोहतांग दर्रा वाहनों के लिए बहाल नहीं किया जाएगा.

Intro:रोहतांग में बर्फबारी, 1 बार फिर वाहनों की आवाजाही बंद
अधिक हुई बर्फबारी तो अब बीआरओ बहाल नही करेगा दर्राBody:

हिमाचल में मौसम ने एक बार फिर करवट बदल ली है। रोहतांग दर्रे सहित ऊंची चोटियों में बर्फबारी का दौर लगातार जारी है। रोहतांग दर्रे में वीरवार की रात से लगातार ही रही बर्फबारी से लाहुल घाटी का एक बार फिर कुल्लू घाटी से संपर्क कट गया है। रोहतांग दर्रा फिलहाल वाहनों के लिए बंद हो गया है। वीरवार को मनाली से लाहुल के लिए निकले सभी 44 वाहन बीआरओ की मदद से लाहुल पहुंच गए हैं। रोहतांग दर्रा बंद हो जाने से लाहुल के लोगों की नजरें एक बार फिर रोहतांग सुरंग पर टिक गई हैं। बीआरओ रोहतांग सुरंग परियोजना ने भी विकट परिस्थितियों में लोगों की यथा संभव मदद की है।

रोहतांग दर्रे सहित ग्राम्फु, कोकसर, सिसु व गोंदला घाटी सहित योचे, दारचा, छिका व रारिक गांव में बर्फबारी हो रही है। मनाली की ओर राहनीनाला, मढ़ी, ब्यासनाला, राहलाफाल में बर्फ़बारी हो रही है। बारालाचा दर्रे सहित जिंगजिंगबार, दारचा की पहाड़ियों, मयाड़ घाटी, घेपन पीक, लेड़ी ऑफ केलंग, कुजुंम जोत, दारचा की पहाड़ियों, शिला पीक, बढ़ा व छोटा शिंगरी ग्लेशियर, नील कंठ सहित रोहतांग के इस ओर राहनीनाला, मढ़ी सहित धुंधी जोत, पतालसू जोत, इंद्र किला, लदाखी पीक, सेवन सिस्टर पीक, हनुमान टिब्बा मकरवेद व शिकरवेद की पहाड़ियों, भृगु व दशौहर की पहाड़ियों, सहित सभी धौलाधार की पहाड़ियों में बर्फ के फाहे गिर रहे है। हिमाचल में बर्फबारी की वजह से तापमान में गिरावट आई है। सैलानियों ने प्रदेश की ओर रुख किया है। रोहतांग दर्रे में फंसे सभी वाहनों को बीआरओ ने रेस्क्यू कर लिया है। बीआरओ डेढ़ महीने के भीतर चार बार रोहतांग दर्रे को बहाल कर चुका है। Conclusion:बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने प्रशासन से आग्रह किया कि वो वाहनों को रोहतांग न भेजें। उन्होंने कहा कि अधिक बफबारी होने की सूरत में अब रोहतांग दर्रा वाहनों के लिए बहाल नहीं होगा।
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