लाहौल स्पीति: खंमीगर ग्लेशियर से फंसे पर्वतारोही दल के दो सदस्यों के शव वीरवार को काजा पहुंच गए हैं. इसके बाद दोनों शवों का पोस्टमार्टम करवा दिया गया है. शवों के साथ चार पोटर भी काजा पहुंच गए हैं. आईटीबीपी और डोगरा स्काउट के रेस्क्यू दल ने दोनों शवों को काजा अस्पताल तक पहुंचाया है. आईटीबीपी (Indo-Tibetan Border Police) के जवान 32 किलोमीटर तक इन शवों को स्ट्रेचर पर उठाकर लाए हैं. काजा से चंडीगढ़ तक शवों को गाड़ी के भेजा जाएगा इसके बाद दिल्ली भेजा जाएगा.
दिल्ली से पश्चिम बंगाल तक हवाई जहाज के माध्यम से पहुंचाया जाएगा. एडीएम मोहन दत्त ने रेस्क्यू दल के सदस्यों के साथ बैठक की और ऑपरेशन को सफलता पूर्वक अंजाम देने के लिए विशेष अभार जताया. वहीं, आईटीबीपी 17वीं बटालियन के एसी जीडी सुमित गोसाई ने कहा कि हमारे जवानों ने बेहतरीन रेस्क्यू अभियान चलाया. जवानों ने 32 किलोमीटर तक शव उठाकर लाए हैं.
डोगरा स्काउट के डॉक्टर ने कहा कि दोनों शव अच्छी तरह से पैक कर दिए गए थे. इसके साथ रेड फ्लैग टेंट पर लगा दिया जिस टेंट में वे रखे गए थे. दो सदस्यों को फ्रॉस्ट बाइट हुआ था जिन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया. छोटी झील भी क्रॉस करके जवान पहुंचे थे. काजा अस्पताल में डीएसपी रोहित मृग पुरी, नायब तहसीलदार विद्या नेगी , कानूनगो जीत सिंह, खंड चिकित्सा अधिकारी तेंजिन नोरबू विशेष तौर पर मौजूद रहे.
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