कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा की तरह ही मणिकर्ण में भी रथयात्रा के साथ सोमवार शाम को दशहरा उत्सव का आगाज हुआ. रथयात्रा में 13 देवी-देवताओं ने भाग लिया. इस दौरान लोगों ने जगह-जगह पर देवी-देवताओं का स्वागत कर आशीर्वाद लिया.
इस यादगार लम्हें को लोगों ने कैमरों ने कैद किया. भव्य रथयात्रा को देखने के लिए दूरदराज से श्रद्धालु और पर्यटक भी पहुंचे हैं. इस दौरान खास बात यह रही कि मास्क और सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं ने देवताओं के दर्शन किए. कुल्लू की भांति मणिकर्ण में भी दशहरा उत्सव मनाया जाता है. मणिकर्ण में घाटी के चौहकी के आराध्य देवता महादेव के दिशा-निर्देशों के अनुसार यह कार्य पूरा किया जाता है.
मणिकर्ण के दशहरा उत्सव के अलावा मकड़ाहर, हरिपुर, ठाउआ, वशिष्ठ में भी दशहरा उत्सव का आयोजन किया जाता है. मणिकर्ण दशहरा में नौना माता मणिकर्ण, खेडू देवता मणिकर्ण, चौहकी का महादेव, लक्ष्मी नारायण कसोल, जयवंत ऋषि यांगण, तकक्षक नाग क्याणी, कुडी नारायण लपास, बालमेषबलरगा, रावल ऋषि ऊच, चयवन ऋषि शिल्हा, बाबा गोहरी टाहूक, जंबत ऋषि शिल्हा, शनि देव ऊच, जग्दभ ऋषि गढपति बरशौणी मौजूद रहे.
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