कुल्लू: दिल्ली की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी महा आंदोलन शीघ्र शुरू होगा. इसका ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है और सभी किसान यूनियनों को एकत्र किया जा रहा है. यह बात किसान संघ के राष्ट्रीय नेता राकेश टिकैत ने कुल्लू में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सरकार द्वारा किसानों के साथ किया जा रहा भेदभाव सहन नहीं होगा. उन्होंने कहा कि यहां पर फोरलेन में भूमि अधिग्रहित हुई है. विद्युत प्रोजेक्टों में भूमि अधिग्रहित हुई है लेकिन न तो फोरलेन बालों को उचित मुआवजा मिला और न ही प्रोजेक्टों के विस्थापितों को स्थापित किया गया है. उन्होंने कहा कि सभी किसानों को एकत्र करके मेरी सड़क मेरा गांव के तहत चक्काजाम किया जाएगा.
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान अपने-अपने गांव में (Rakesh Tikait in Kullu) अपनी-अपनी सड़कों में उतर जाएंगे. उन्होंने कहा कि हिमाचल के किसानों को उनकी फसलों का भी उचित दाम नहीं मिल पा रहा है और मुनाफाखोरी हो रही है. मुनाफाखोर सस्ते दामों पर उत्पाद खरीद रहे हैं और स्टोर करके आम जनता को महंगे दामों पर बेचा जा रहा है. उन्होंने कहा कि एमएसपी लागू होना चाहिए और सरकार को किसानों को मुआवजा देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू होनी चाहिए. एक प्रश्न के (Rakesh Tikait Press conference in Kullu) जवाब में उन्होंने कहा कि उनका संघ गैर राजनीतिक है और राजनीति के लिए इसमें कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि जो चुनाव लड़ना चाहता है वोह संघ से अलग होकर चुनाव लड़ सकता है और किसान संघ का उससे कोई नाता नहीं होगा. किसान अपनी मर्जी अपने मत का प्रयोग कर सकता है. हमारा उद्देश्य सिर्फ किसानों को न्याय दिलवाना है. उनको उचित मूल्य दिलवाना है. किसानों की अर्थ व्यवस्था मजबूत करना है.
इसके लिए सरकार को झुकना है ताकि किसानों को लाभ हो सके उन्हें उचित मूल्य मिल सके. किसानों को उनकी भूमि का पूरा मुआवजा मिल सके और विस्थापित किसान स्थापित हो सके. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई लंबी है लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले हिमाचल में किसानों का विशाल आंदोलन खड़ा कर दिया जाएगा. इस दौरान उनके साथ हिमाचल प्रदेश किसान संघ के अध्यक्ष हरिंदर सिंह नोटी भी सहित कई किसान नेता मौजूद रहे.