कुल्लू: जिला कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को लेकर जहां बीते दिनों कांग्रेस कार्यकर्ताओं और कुल्लू के विधायक सुंदर ठाकुर के द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया था तो वहीं, विधायक ने अस्पताल प्रबंधन व निजी अस्पतालों के बीच मिलीभगत का भी आरोप लगाया था. इस मामले में विधायक सुंदर ठाकुर ने भाजपा नेताओं की भी मिलीभगत बताई थी कि कमीशन के चक्कर में कुल्लू अस्पताल में डॉक्टरों की भर्ती नहीं की जा रही है. वहीं, अब इस मामले में जिला कुल्लू दवा विक्रेता संघ भी सामने आया है और उन्होंने विधायक सुंदर ठाकुर के इन आरोपों को निराधार बताया है.
कुल्लू में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए जिला कुल्लू दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष ऋषभ कालिया ने विधायक के आरोपों का (Rishabh Kalia targeted MLA Sundar Thakur) खंडन करते हुए कहा कि यह सब आरोप निराधार है कि अस्पताल प्रबंधन व निजी अस्पतालों की आपस में कोई मिली भगत है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में भी डॉक्टरों के पद खाली रहे लेकिन उस समय विधायक सुंदर ठाकुर ने डॉक्टरों के पद को भरने के (Lack of doctors in Kullu Hospital) लिए कोई आवाज नहीं उठाई. आज विधायक सिर्फ पुतला फूंकने में व्यस्त है जबकि उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे सरकार के समक्ष अपनी इस मांग को उचित तरीके से रखें. ताकि अस्पताल में डॉक्टरों के खाली पड़े पदों को भरा जाए.
उन्होंने कहा कि विधायक सुंदर ठाकुर तैश में आकर बयानबाजी कर रहे हैं, जिससे अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों व अन्य स्टाफ को भी काफी निराशा हो रही है. वहीं, जिला कुल्लू दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष ऋषभ कालिया ने प्रदेश व केंद्र सरकार से भी (drug dealers association Kullu) आग्रह किया कि कुल्लू अस्पताल जहां 300 बेड का है तो वहीं, मातृ शिशु केंद्र बनने से यहां 100 बेड की कैपेसिटी और बढ़ गई है.
ऐसे में अगर इसे मेडिकल कॉलेज का दर्जा दिया जाए तो यहां पर पूरा साल लोगों को विशेषज्ञ डॉक्टर मिलेंगे और लोगों को भी किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना होगा. कुल्लू अस्पताल के पास अपना पर्याप्त भवन भी है और यहां पर मरीजों का आना भी लगातार जारी है. ऐसे में आम जनता की सुविधा को देखते हुए केंद्र व प्रदेश सरकार मिलकर जल्द से जल्द इसे मेडिकल कॉलेज घोषित करे.
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