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कुल्लू में विकास कार्यों पर लगा ब्रेक, लंबे समय से कार्यकारी अधिकारी का पद खाली

करीब एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है और अभी तक कोई भी रेगुलर ईओ को नियुक्त नहीं की गई है. ऐसे में नगर परिषद क्षेत्र में चल रही अमृत योजना पर भी इसका सीधा असर पड़ रहा है, जबकि नगर परिषद के रूटीन कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं.

EO Post vacant after long time
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Published : Aug 29, 2019, 11:49 AM IST

कुल्लू: नगर परिषद कुल्लू में ईओ (executive officer - कार्यकारी अधिकारी) का पद लंबे समय से खाली रहने से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं. आलम ये है कि ईओ का कार्यभार कभी एसी टू डी तो कभी तहसीलदार को थमाया जा रहा है.

करीब एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है और अभी तक कोई भी रेगुलर ईओ को नियुक्ति नहीं की गई है. ऐसे में नगर परिषद क्षेत्र में चल रही अमृत योजना पर भी इसका सीधा असर पड़ रहा है, जबकि नगर परिषद के रूटीन कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. वहीं, कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य हैं, जिन्हें अभी शुरू किया जाना है, लेकिन रेगुलर ईओ ने होने से कार्य शुरू नहीं किया जा रहा.

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लंबे समय से नगर परिषद कुल्लू कचरा प्रबंधन नहीं करवा पा रहा है, जिससे शहर में अव्यवस्था और कई विकास कार्यों पर पूर्णविराम लगा हुआ है. इसके अलावा शहर में गलियों, चौराहों पर कचरा प्रबंधन भी पूरी तरह हांफता हुआ नजर आ रहा है. करीब एक साल से नगर परिषद के ईओ का कार्यभार दूसरे अधिकारियों को दिया जा रहा है. जिनके पास पहले से ही अपने विभाग और कार्यालय से संबंधित कार्य का बोझ है. ईओ के स्थानांतरित होने के बाद कुछ समय के लिए एसी टू डीसी को एमसी कुल्लू के ईओ का कार्यभार दिया गया, लेकिन उस दौरान भी नगर परिषद के कार्यों को गति नहीं मिल पाई.

पूर्व विधायक महेश्वर सिंह ने बताया कि दशहरा पर्व भी आने वाला है और कई विकास कार्यो पर विराम लगा हुआ है. उन्होंने बताया कि अगर जल्द ही ईओ की तैनाती नहीं की जाती तो, इससे विकास कार्यों के साथ-साथ लोगों की भी मुश्किलें बढ़ जाएंगी.

बता दें कि शहर के लिए करीब 64 करोड़ की तो अमृत योजना है. इस योजना के तहत कुल्लू के पार्किंग का सौंदर्यीकरण, पार्किंग की व्यवस्था, पानी का प्रावधान, सब-वे, फ्लाई ओवर, पब्लिक लिफ्ट बनाने के साथ अन्य कई ऐसे काम हैं जिससे कुल्लू शहर का नक्शा बदला जाना है.

कुल्लू: नगर परिषद कुल्लू में ईओ (executive officer - कार्यकारी अधिकारी) का पद लंबे समय से खाली रहने से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं. आलम ये है कि ईओ का कार्यभार कभी एसी टू डी तो कभी तहसीलदार को थमाया जा रहा है.

करीब एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है और अभी तक कोई भी रेगुलर ईओ को नियुक्ति नहीं की गई है. ऐसे में नगर परिषद क्षेत्र में चल रही अमृत योजना पर भी इसका सीधा असर पड़ रहा है, जबकि नगर परिषद के रूटीन कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. वहीं, कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य हैं, जिन्हें अभी शुरू किया जाना है, लेकिन रेगुलर ईओ ने होने से कार्य शुरू नहीं किया जा रहा.

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लंबे समय से नगर परिषद कुल्लू कचरा प्रबंधन नहीं करवा पा रहा है, जिससे शहर में अव्यवस्था और कई विकास कार्यों पर पूर्णविराम लगा हुआ है. इसके अलावा शहर में गलियों, चौराहों पर कचरा प्रबंधन भी पूरी तरह हांफता हुआ नजर आ रहा है. करीब एक साल से नगर परिषद के ईओ का कार्यभार दूसरे अधिकारियों को दिया जा रहा है. जिनके पास पहले से ही अपने विभाग और कार्यालय से संबंधित कार्य का बोझ है. ईओ के स्थानांतरित होने के बाद कुछ समय के लिए एसी टू डीसी को एमसी कुल्लू के ईओ का कार्यभार दिया गया, लेकिन उस दौरान भी नगर परिषद के कार्यों को गति नहीं मिल पाई.

पूर्व विधायक महेश्वर सिंह ने बताया कि दशहरा पर्व भी आने वाला है और कई विकास कार्यो पर विराम लगा हुआ है. उन्होंने बताया कि अगर जल्द ही ईओ की तैनाती नहीं की जाती तो, इससे विकास कार्यों के साथ-साथ लोगों की भी मुश्किलें बढ़ जाएंगी.

बता दें कि शहर के लिए करीब 64 करोड़ की तो अमृत योजना है. इस योजना के तहत कुल्लू के पार्किंग का सौंदर्यीकरण, पार्किंग की व्यवस्था, पानी का प्रावधान, सब-वे, फ्लाई ओवर, पब्लिक लिफ्ट बनाने के साथ अन्य कई ऐसे काम हैं जिससे कुल्लू शहर का नक्शा बदला जाना है.

Intro:कुल्लू

कुल्लू नगर परिषद में रेगुलर ईओ न होने से विकास कार्य हुए प्रभावितBody:


नगर परिषद कुल्लू में ईओ का पद काफी लंबे समय से खाली चल रहा है ऐसे में ईओ का कार्यभार कभी एसी टू डी तो कभी तहसीलदार कुल्लू को थमाया जा रहा है।

करीब एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है कोई भी रेगुलर ईओ को यहां तैनात नहीं किया गया। ऐसे में करोड़ों के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। नगर परिषद क्षेत्र कुल्लू में चल रही अम्रुत योजना को भी इसका सीधा सीधा असर पड़ रहा है। जबकि नगर परिषद के रूटीन कार्य तो प्रभावित हो ही रहे हैं। लेकिन ज्यादा प्रभाव महत्वाकांक्षी अम्रुत योजना पर पड़ रहा है। जो निर्माण र्का अम्रुत योजना के तहत चल भी रहे हैं वे भी रफ्तार नहीं पकड़ पा रहे हैं जबकि कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य ऐसे हैं जिन्हें अभी शुरू किया जाना है परंतु ईओ का यहां रेगुलर तैनात नहीं होने के कारण ये कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

64 करोड़ की सिर्फ अम्रुत योजना

कुल्लू शहर के लिए करीब 64 करोड़ की तो अम्रुत योजना ही है जिसके तहत कुल्लू का कायाकल्प होना है। इस योजना के तहत कुल्लू के पार्काें का सौंदर्यकरण, पार्किंग की व्यवस्था, पानी का प्रावधान, सव-वे, फ्लाई ओवर, पब्लिक लिफ्ट बनाने के साथ अन्य कई ऐसे काम है जिससे कुल्लू शहर का नक्शा बदला जाना है। परंतु यहां रेगुलर तौर ईओ नहीं होने से ये तमाम कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जबकि वैसे भी कुल्लू का नगर परिषद जिला में ए क्लास नगर परिषद है जहां ईओ का होना अनिवार्य है।

कुल्लू में है अव्यवस्था का सा माहौल

कुल्लू नगर परिषद क्षेत्र में अव्यवस्था का माहौल सा बना हुआ है। जहां कई विकास कार्यों पर पूर्णविराम लगा हुआ है तो वहीं शहर में गलियों, चौराहों पर कचरा प्रबंधन भी पूरी तरह हांफता हुआ नजर आ रहा है। काफी लंबे समय से नगर परिषद कुल्लू कचरा प्रबंधन नहीं करवा पा रहा है। जिससे शहर में अव्यवस्था का सा माहौल बना हुआ है।

अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यभार

करीब एक साल से नगर परिषद के ईओ का कार्यभार कुल्लू के दूसरे अधिकारियों को दिया जा रहा है। जिनके पास पहले से ही अपने विभाग और कार्यालय से संबंधित कार्य का बोझ़ पड़ा है। ईओ के स्थानांतरित होने के बाद कुछ समय के लिए एसी टू डीसी कुल्लू को एमसी कुल्लू के ईओ का कार्यभार दिया गया लेकिन उस दौरान भी नगर परिषद के कार्याें को गति नहीं मिल पाई। उसके बाद तहसीलदार कुल्लू को कार्यभार दिया गया है।

Conclusion:बॉक्स
वही, पूर्व विधायक महेश्वर सिंह का कहना है कि दशहरा पर्व भी आने वाला है और कई विकास कार्यो पर विराम लगा हुआ है। अगर जल्द ही ईओ की तैनाती नही की जाती तो इससे विकास कार्यो के साथ साथ लोगो को भी मुश्किलें होंगी।
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