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अटल टनल बनने से रोहतांग दर्रे पर प्रदूषण से मिलेगी निजात, 75 फीसदी तक पॉल्यूशन होगा कम

मनाली-मढ़ी से रोहतांग दर्रा होकर जाने वाले हजारों वाहन अब सीधे टनल से होकर निकल जाएंगे. ऐसे में बर्फ से लकदक रहने वाले रोहतांग दर्रे में 75 फीसदी तक प्रदूषण कम हो जाएगा. जीबी पंत संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जीसी कुनियाल ने कहा कि रोहतांग दर्रे में ग्लेशियरों का पिघलना व बर्फ की परत का काला पड़ने का कारण वाहनों की भारी आवाजाही ही थी. अब टनल बनने से ग्लेशियर के साथ वातावरण भी साफ-सुथरा होगा.

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Published : Oct 5, 2020, 12:45 PM IST

Pollution will reduce on Rohtang Pass due to manufacture of Atal Tunnel
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कुल्लूः रोहतांग दर्रे को अटल टनल बड़ी सौगात देने जा रही है. मनाली-मढ़ी से रोहतांग दर्रा होकर जाने वाले हजारों वाहन अब सीधे टनल से होकर निकल जाएंगे. ऐसे में बर्फ से लकदक रहने वाले रोहतांग दर्रे में 75 फीसदी तक प्रदूषण कम हो जाएगा.

रोहतांग से वापसी में अगर वाया मढ़ी वाहन आते हैं तो जाम न होने की स्थिति में वायु प्रदूषण कम रहेगा. अमूमन हजारों की संख्या में रोहतांग दर्रे से होकर वाहन जाने से बर्फ काली पड़ जाती है.

यही कारण है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी समर सीजन में केवल 1500 वाहनों को ही रोहतांग दर्रे में जाने की अनुमति दी है. अटल टनल से वाहनों की आवाजाही होने से अभी से रोहतांग मार्ग सुनसान हो गया है.

भले ही रोहतांग से साल में मात्र 6 से 7 माह तक वाहन गुजरते हैं, लेकिन वाहनों के कम गुजरने से अब दर्रे के आसपास ग्लेशियरों को ताकत मिलेगी और उन्हें गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण से नुकसान नहीं होगा.

कोकसर में ढाबा संचालक राजीव ने बताया कि टनल खुलते ही स्थानीय लोगों की आवाजाही रोहतांग दर्रे से नहीं हो रही है, जिससे अब कोकसर में चहल पहल कम हो गई है. इसके अलावा मान सिंह रावत ने बताया कि स्पीति का रुख करने वाले और काजा से आने वाले यात्री कोकसर से होकर निकल रहे हैं. ग्लेशियर के साथ वातावरण भी साफ-सुथरा होगा और वायु प्रदूषण भी नहीं होगा.

वहीं, ग्लेशियरों पर शोध करने वाले जीबी पंत संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जीसी कुनियाल ने कहा कि रोहतांग दर्रे में ग्लेशियरों का पिघलना व बर्फ की परत का काला पड़ने का कारण वाहनों की भारी आवाजाही ही थी. अब टनल बनने से ग्लेशियर के साथ वातावरण भी साफ-सुथरा होगा.

ये भी पढ़ेंः अटल टनल से केलांग डिपो ने शुरू की बस सेवा, किराया और समय की बचत से यात्री खुश

कुल्लूः रोहतांग दर्रे को अटल टनल बड़ी सौगात देने जा रही है. मनाली-मढ़ी से रोहतांग दर्रा होकर जाने वाले हजारों वाहन अब सीधे टनल से होकर निकल जाएंगे. ऐसे में बर्फ से लकदक रहने वाले रोहतांग दर्रे में 75 फीसदी तक प्रदूषण कम हो जाएगा.

रोहतांग से वापसी में अगर वाया मढ़ी वाहन आते हैं तो जाम न होने की स्थिति में वायु प्रदूषण कम रहेगा. अमूमन हजारों की संख्या में रोहतांग दर्रे से होकर वाहन जाने से बर्फ काली पड़ जाती है.

यही कारण है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी समर सीजन में केवल 1500 वाहनों को ही रोहतांग दर्रे में जाने की अनुमति दी है. अटल टनल से वाहनों की आवाजाही होने से अभी से रोहतांग मार्ग सुनसान हो गया है.

भले ही रोहतांग से साल में मात्र 6 से 7 माह तक वाहन गुजरते हैं, लेकिन वाहनों के कम गुजरने से अब दर्रे के आसपास ग्लेशियरों को ताकत मिलेगी और उन्हें गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण से नुकसान नहीं होगा.

कोकसर में ढाबा संचालक राजीव ने बताया कि टनल खुलते ही स्थानीय लोगों की आवाजाही रोहतांग दर्रे से नहीं हो रही है, जिससे अब कोकसर में चहल पहल कम हो गई है. इसके अलावा मान सिंह रावत ने बताया कि स्पीति का रुख करने वाले और काजा से आने वाले यात्री कोकसर से होकर निकल रहे हैं. ग्लेशियर के साथ वातावरण भी साफ-सुथरा होगा और वायु प्रदूषण भी नहीं होगा.

वहीं, ग्लेशियरों पर शोध करने वाले जीबी पंत संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जीसी कुनियाल ने कहा कि रोहतांग दर्रे में ग्लेशियरों का पिघलना व बर्फ की परत का काला पड़ने का कारण वाहनों की भारी आवाजाही ही थी. अब टनल बनने से ग्लेशियर के साथ वातावरण भी साफ-सुथरा होगा.

ये भी पढ़ेंः अटल टनल से केलांग डिपो ने शुरू की बस सेवा, किराया और समय की बचत से यात्री खुश

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