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NSUI का विश्वविद्यालय प्रबंधन पर हमला, कहा: छात्रों की आवाज को दबाया जा रहा है - राष्ट्रीय सह संयोजक अजीत शर्मा

हिमाचल प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों की आवाजों को विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा दबाया जा रहा है. वहीं छात्र दलों के साथ भी विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा भेदभाव किया जा रहा है. एनएसयूआई इस मुद्दे को लेकर आगामी दिनों में भी अपने आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी.

एनएसयूआई सोशल मीडिया के राष्ट्रीय सह संयोजक
एनएसयूआई सोशल मीडिया के राष्ट्रीय सह संयोजक
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Published : Oct 2, 2021, 1:06 PM IST

Updated : Oct 2, 2021, 1:50 PM IST

शिमला: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर पहुंचे एनएसयूआई सोशल मीडिया के राष्ट्रीय सह संयोजक अजीत शर्मा ने बताया कि प्रदेश में हजारों छात्र वोकेशनल की पढ़ाई कर रहे हैं और अब उन छात्रों का भविष्य भी खतरे में पड़ रहा है. विश्वविद्यालय प्रबंधन व शिक्षा विभाग उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, जिसके चलते उनका 1 साल खराब हो रहा है.

अजीत शर्मा का कहना है कि एनएसयूआई ने जब इस मुद्दे को लेकर धरना-प्रदर्शन किया तो विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा उन पर मामले दर्ज किए गए. जबकि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपना प्रदर्शन कर रहे थे. इसके साथ ही बाकी अन्य छात्र संगठनों के द्वारा जब विभिन्न कॉलेजों में हुड़दंग मचाया गया तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिससे साफ पता चलता है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्र दलों के साथ भी भेदभाव कर रहा है.

अजीत शर्मा ने बताया कि प्रदेश के हजारों छात्रों की मांग को लेकर एक बार फिर से सरकार व शिक्षा विभाग के समक्ष मांगें रखी जाएंगी. ताकि हजारों छात्रों को उनका हक मिल सके. अगर विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा इसी तरह का तानाशाही रवैया अपनाया गया, तो मजबूरी में एनएसयूआई प्रबंधन को आंदोलन करने होंगे.

ये भी पढ़ें: BJP विधायक विशाल नेहरिया ने तोड़ी चुप्पी, पत्नी से मांगी माफी...मारपीट की बात मानी

शिमला: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर पहुंचे एनएसयूआई सोशल मीडिया के राष्ट्रीय सह संयोजक अजीत शर्मा ने बताया कि प्रदेश में हजारों छात्र वोकेशनल की पढ़ाई कर रहे हैं और अब उन छात्रों का भविष्य भी खतरे में पड़ रहा है. विश्वविद्यालय प्रबंधन व शिक्षा विभाग उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, जिसके चलते उनका 1 साल खराब हो रहा है.

अजीत शर्मा का कहना है कि एनएसयूआई ने जब इस मुद्दे को लेकर धरना-प्रदर्शन किया तो विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा उन पर मामले दर्ज किए गए. जबकि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपना प्रदर्शन कर रहे थे. इसके साथ ही बाकी अन्य छात्र संगठनों के द्वारा जब विभिन्न कॉलेजों में हुड़दंग मचाया गया तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिससे साफ पता चलता है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्र दलों के साथ भी भेदभाव कर रहा है.

अजीत शर्मा ने बताया कि प्रदेश के हजारों छात्रों की मांग को लेकर एक बार फिर से सरकार व शिक्षा विभाग के समक्ष मांगें रखी जाएंगी. ताकि हजारों छात्रों को उनका हक मिल सके. अगर विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा इसी तरह का तानाशाही रवैया अपनाया गया, तो मजबूरी में एनएसयूआई प्रबंधन को आंदोलन करने होंगे.

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Last Updated : Oct 2, 2021, 1:50 PM IST
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