कुल्लू: मणिकर्ण घाटी के पिणी पंचायत के बनाशा गांव में दो परिवारों के बीच हुई मारपीट मामले को लेकर अब सवर्ण समाज से जुड़े लोगों ने भी डीसी और एसपी से मुलाकात की. वहीं, एसपी कुल्लू के माध्यम से एक ज्ञापन भी राज्यपाल व मुख्यमंत्री को भेजा गया, जिसमें सवर्ण समाज के लोगों पर लगाए गए एससी एसटी एक्ट को हटाने की मांग की गई.
कुल्लू की पंचायत के बनाशा गांव में जमीनी विवाद को लेकर 30 अगस्त को दो परिवारों के बीच लड़ाई हुई थी. जिसमें दोनों ही परिवारों के पांच सदस्यों को चोट आई. बीते दिनों अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले परिवार ने भी एसपी कुल्लू से मांग की थी कि उनके साथ मारपीट करने वाले आरोपियों को 2 दिनों के भीतर गिरफ्तार किया जाए.
वहीं, अब दूसरे पक्ष की मांग को लेकर क्षत्रिय महासभा ने भी अपनी आवाज उठाई. अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा व सवर्ण परिवार से जुड़े लोगों ने एसपी कुल्लू व डीसी कुल्लू के साथ मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने एसपी कार्यालय में पुलिस अधिकारियों को सूचित किया कि यह दो परिवारों के बीच का मामला और जमीनी विवाद पहले भी हो चुका है. ऐसे में इस केस में एससी एसटी एक्ट नहीं लगाया जाना चाहिए.
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जितेंद्र राजपूत का कहना है कि साल 2020 में भी दोनों परिवारों के बीच झगड़ा हुआ था और पंचायत ने दोनों का समझौता भी करवाया था. बीते दिनों सड़क पर बजरी फेंकने को लेकर यह विवाद हुआ था, लेकिन अब कुछ लोग इसे जातीय मुद्दे से जुड़ रहे जो कि गलत है. ऐसे में मुख्यमंत्री व राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर मांग रखी गई है कि जमीनी विवाद के मामले में जातीय हिंसा को न जोड़ा जाए और सवर्ण समाज के लोगों पर लगाए गए एससी एसटी एक्ट को हटाया जाए.
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