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18 साल बाद नए रथ में विराजमान हुईं माता नैना उग्रतारा, ढोल-नगाड़ों की थाप पर झूमे श्रद्धालु

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Published : May 21, 2019, 12:49 PM IST

रविवार को भुंत्तर के पिपलागे की माता नैना उग्रतारा 18 साल बाद नए रथ में विराजमान हुई.

शाही स्नान करती माता नैना उग्रतारा.

कुल्लू: देवभूमि हिमाचल के कण-कण में देवी-देवताओं का वास है और यहां देवी-देवता नए रथ में विराजमान होकर पार्वती व व्यास के संगम तट पर शाही स्नान करते हैं. इसी कड़ी में रविवार को भुंत्तर के पिपलागे की माता नैना उग्रतारा 18 साल बाद नए रथ में विराजमान हुई.

बता दें कि माता नैना दोपहर एक बजे अपने हारियानों के साथ ढोल-नगाड़े की थाप पर मंदिर से जिया संगम की ओर रवाना हुई. इसी बीच तेगूबेहड़ से माता भद्रकाली भी अपने हारियानों सहित शामिल हुईं.

हारियानों के साथ ढोल-नगाड़े की थाप पर मंदिर से जिया संगम की ओर रवाना हुई माता नैना उग्रतारा.

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इसके अलावा माता नैना ने पार्वती व व्यास नदी के तट पर सैंकड़ों श्रद्धालुओं के साथ शाही स्नान किया और उसके बाद हवन भी किया गया. कमेटी की ओर से भंडारे का भी आयोजन किया गया था, जिसमे सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया.

कुल्लू: देवभूमि हिमाचल के कण-कण में देवी-देवताओं का वास है और यहां देवी-देवता नए रथ में विराजमान होकर पार्वती व व्यास के संगम तट पर शाही स्नान करते हैं. इसी कड़ी में रविवार को भुंत्तर के पिपलागे की माता नैना उग्रतारा 18 साल बाद नए रथ में विराजमान हुई.

बता दें कि माता नैना दोपहर एक बजे अपने हारियानों के साथ ढोल-नगाड़े की थाप पर मंदिर से जिया संगम की ओर रवाना हुई. इसी बीच तेगूबेहड़ से माता भद्रकाली भी अपने हारियानों सहित शामिल हुईं.

हारियानों के साथ ढोल-नगाड़े की थाप पर मंदिर से जिया संगम की ओर रवाना हुई माता नैना उग्रतारा.

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इसके अलावा माता नैना ने पार्वती व व्यास नदी के तट पर सैंकड़ों श्रद्धालुओं के साथ शाही स्नान किया और उसके बाद हवन भी किया गया. कमेटी की ओर से भंडारे का भी आयोजन किया गया था, जिसमे सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया.

18 साल बाद नए रथ में विराजमान हुई माता नैणा उग्रतारा।
 ढोल नगाड़े की थाप पर हारियानों सहित जिया संगम में किया शाही स्नान।
 भुंत्तर, हिमाचल देवभूमि है और जिला कुल्लू के कण कण में भी देवी देवताओं का वास है। यहां देवी देवता नए रथ में विराजमान होने पर पार्वती व व्यास के संगम तट पर शाही स्नान करते है। रविवार को भुंत्तर से सटे पिपलागे की माता नैणा उग्रतारा 18 वर्ष बाद नए रथ में विराजमान हुई। माता नैणा दोपहर एक बजे अपने हारियानों के साथ ढोल नगाड़े की थाप पर मंदिर से जिया संगम की ओर रवाना हुई। वही इस शुभअवसर पर तेगूबेहड़ से माता भद्रकाली मे भी अपने हारियानों सहित शामिल हुई।वही विधिविधान के साथ माता नैणा ने पार्वती व व्यास नदी के तट पर शाही स्नान किया और उसके बाद हवन भी किया गया। साथ ही सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भी स्नान किया और मंदिर कमेटी की ओर से भंडारे का भी आयोजन किया गया था जिसमे सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
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