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कुल्लू नगर परिषद पर लगे गंभीर आरोप, शख्स ने कहा- मुझे मानसिक रूप से किया जा रहा प्रताड़ित - नगर परिषद कुल्लू

मुझे ना तो 35 सालों से मेरा हिस्सा दिया जा रहा है और ना ही अल्पसंख्यक आयोग के द्वारा दिए गए आदेशों की पालना की जा रही है. ये बात जिला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान स्थानीय निवासी परविंदर सिंह ने कही.

Local Resident Statement On City Council kullu in kullu
स्थानीय निवासी परविंदर सिंह
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Published : Dec 10, 2019, 7:16 PM IST

कुल्लू: मुझे ना तो 35 सालों से मेरा हिस्सा दिया जा रहा है और ना ही अल्पसंख्यक आयोग के द्वारा दिए गए आदेशों की पालना की जा रही है. ये बात जिला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान स्थानीय निवासी परविंदर सिंह ने कही.

स्थानीय निवासी परविंदर सिंह ने कहा कि नगर परिषद द्वारा मुझ से कुछ दस्तावेजों पर जबरदस्ती साइन करवाए गए हैं, जिसे मैं नहीं मानता हूं. उन्होंने कहा कि एक बार फिर से अल्पसंख्यक आयोग द्वारा बुधवार को डीसी कुल्लू के बाद नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को तलब होने के लिए कहा गया है और मैं भी इस दौरान दिल्ली में मौजूद रहूंगा.

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परविंदर सिंह ने बताया कि 1984 के दंगों में ढालपुर के मुख्य बाजार में उनकी दुकान को भी नुकसान पहुंचा था और उनके पिताजी ने 1964 को लीज पर नगर परिषद कुल्लू से ये जमीन का टुकड़ा लिया था. ऐसे में दंगों के बाद जब उन्होंने अपनी जमीन को वापस लेना चाहा तो नगर परिषद ने उन्हें आश्वासन दिया कि यहां पर कॉम्प्लेक्स बनाया जा रहा है और उन्हें उनकी जमीन वापस दी जाएगी, लेकिन आज तक जमीन नहीं दी गई.

परविंदर सिंह ने बताया कि बीते साल भी नगर परिषद कुल्लू के कार्यकारी अधिकारी व डीसी कुल्लू को अल्पसंख्यक आयोग के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था. जिसमें उन्होंने आयोग के समक्ष अपना बयान पेश किया था कि उन्हें 90 दिन के भीतर जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी. नगर परिषद उन्हें इधर-उधर की जमीन दिखा रही है, जबकि कानून के अनुसार उन्हें वहीं भूमि मिलनी चाहिए जो उनके नाम पर नगर परिषद में लीज पर दी गई है.

स्थानीय निवासी परविंदर सिंह ने कहा कि बीते शाम भी नगर परिषद के कार्यालय में उन्हें बुलाया गया और कुछ दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर लिए गए, जिसमें लिखा गया था कि वे अब दोबारा आयोग में नहीं जाएंगे और ना ही किसी प्रकार के मुआवजे की मांग करेंगे, जो पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि इस बारे भी अल्पसंख्यक आयोग को सूचित कर दिया गया है और वो एक बार फिर से नगर परिषद कुल्लू से मांग करते हैं कि उन्हें उनकी जमीन जल्द से जल्द दिलाई जाए.

कुल्लू: मुझे ना तो 35 सालों से मेरा हिस्सा दिया जा रहा है और ना ही अल्पसंख्यक आयोग के द्वारा दिए गए आदेशों की पालना की जा रही है. ये बात जिला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान स्थानीय निवासी परविंदर सिंह ने कही.

स्थानीय निवासी परविंदर सिंह ने कहा कि नगर परिषद द्वारा मुझ से कुछ दस्तावेजों पर जबरदस्ती साइन करवाए गए हैं, जिसे मैं नहीं मानता हूं. उन्होंने कहा कि एक बार फिर से अल्पसंख्यक आयोग द्वारा बुधवार को डीसी कुल्लू के बाद नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को तलब होने के लिए कहा गया है और मैं भी इस दौरान दिल्ली में मौजूद रहूंगा.

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परविंदर सिंह ने बताया कि 1984 के दंगों में ढालपुर के मुख्य बाजार में उनकी दुकान को भी नुकसान पहुंचा था और उनके पिताजी ने 1964 को लीज पर नगर परिषद कुल्लू से ये जमीन का टुकड़ा लिया था. ऐसे में दंगों के बाद जब उन्होंने अपनी जमीन को वापस लेना चाहा तो नगर परिषद ने उन्हें आश्वासन दिया कि यहां पर कॉम्प्लेक्स बनाया जा रहा है और उन्हें उनकी जमीन वापस दी जाएगी, लेकिन आज तक जमीन नहीं दी गई.

परविंदर सिंह ने बताया कि बीते साल भी नगर परिषद कुल्लू के कार्यकारी अधिकारी व डीसी कुल्लू को अल्पसंख्यक आयोग के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था. जिसमें उन्होंने आयोग के समक्ष अपना बयान पेश किया था कि उन्हें 90 दिन के भीतर जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी. नगर परिषद उन्हें इधर-उधर की जमीन दिखा रही है, जबकि कानून के अनुसार उन्हें वहीं भूमि मिलनी चाहिए जो उनके नाम पर नगर परिषद में लीज पर दी गई है.

स्थानीय निवासी परविंदर सिंह ने कहा कि बीते शाम भी नगर परिषद के कार्यालय में उन्हें बुलाया गया और कुछ दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर लिए गए, जिसमें लिखा गया था कि वे अब दोबारा आयोग में नहीं जाएंगे और ना ही किसी प्रकार के मुआवजे की मांग करेंगे, जो पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि इस बारे भी अल्पसंख्यक आयोग को सूचित कर दिया गया है और वो एक बार फिर से नगर परिषद कुल्लू से मांग करते हैं कि उन्हें उनकी जमीन जल्द से जल्द दिलाई जाए.

Intro:मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही नगर परिषद: परविंदर
डीसी कुल्लू व ईओ फिर अल्पसंख्यक आयोग में होंगे तलबBody:




मुझे ना तो 35 सालों से मेरा हिस्सा मुझे दिया जा रहा है और ना ही अल्पसंख्यक आयोग के द्वारा दिए गए आदेशों की पालना की जा रही है। कुल्लू में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए स्थानीय निवासी परविंदर सिंह ने कहा कि 35 सालों से वे कुल्लू नगर परिषद से आपने जमीन के हिस्से को मांग रहे हैं लेकिन नगर परिषद उसके बाद भी तानाशाह रवैया अपनाए हुए हैं। वहीं बीते दिनों नगर परिषद कुल्लू के द्वारा मुझसे कुछ दस्तावेजों पर जबरदस्ती साइन करवाए गए जिसे मैं नहीं मानता हूं। परविंदर सिंह ने कहा कि एक बार फिर से अल्पसंख्यक आयोग ने बुधवार शाम 4:00 बजे डीसी कुल्लू बाद नगर परिषद कुल्लू के कार्यकारी अधिकारी को तलब होने के लिए कहा गया है और मैं भी इस दौरान दिल्ली में मौजूद रहूंगा। परविंदर सिंह ने बताया कि 1984 के दंगों में ढालपुर के मुख्य बाजार में उनकी दुकान को भी नुकसान पहुंचा था और उनके पिताजी ने 1964 को लीज पर नगर परिषद कुल्लू से यह जमीन का टुकड़ा लिया था। लेकिन दंगों के बाद जब उन्होंने अपनी जमीन को वापस लेना चाहा तो नगर परिषद ने उन्हें आश्वासन दिया कि यहां पर कॉम्प्लेक्स बनाया जा रहा है और उन्हें उनकी जमीन वापस दी जाएगी। उसके बाद से लेकर आज तक वह अपनी जमीन की मांग को लेकर नगर परिषद कुल्लू के समक्ष कई बार गुहार लगा चुके हैं। वहीं इस मामले में कई बार जांच पड़ताल भी हुई जो मेरे ही पक्ष में पाई गई। हालांकि बीते साल भी नगर परिषद कुल्लू के कार्यकारी अधिकारी व डीसी कुल्लू को अल्पसंख्यक आयोग के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था। तो उसमें उन्होंने आयोग के समक्ष अपना बयान पेश किया था कि उन्हें 90 दिन के भीतर जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी। उसके बाद से लेकर अभी तक नगर परिषद उन्हें इधर-उधर की जमीन दिखा रही है। जबकि कानून के अनुसार उन्हें वही भूमि मिलनी चाहिए जो उनके नाम पर नगर परिषद में लीज पर दी गई है। Conclusion:



बीते शाम भी नगर परिषद के कार्यालय में उन्हें बुलाया गया और कुछ दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर लिए गए जिसमें लिखा गया था कि वे अब दोबारा आयोग में नहीं जाएंगे और ना ही किसी प्रकार के मुआवजे की मांग करेंगे। जो पूरी तरह से गलत है। उन्होंने इस बारे भी अल्पसंख्यक आयोग को सूचना दे दी है और वे एक बार फिर से नगर परिषद कुल्लू से मांग करते हैं कि उन्हें उनकी जमीन जल्द से जल्द दिलाई जाए।
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