लाहौल स्पीति: किन्नौर के बाद के बाद अब लाहौल स्पीति में पहाड़ी से भारी भूस्खलन हुआ है. पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा नदी में जा गिरा है, जिसके चलते चंद्रभागा नदी का बहाव पूरी तरह से रुक गया है. वहीं साथ लगते 11 गांवों को भी इससे खतरा पैदा हो गया है.
जानकारी के अनुसार सुबह लगभग नौ बजे के समय पहाड़ी टूटने की आवाज पूरे पटन घाटी में सुनाई दी. पहाड़ी से मलबा लगातार गिरता जा रहा है और नदी के बहाव को मलबे ने रोके रखा है. नदी का बहाव रुकने से जाहलमा से किलाड़ घाटी तक सड़क किनारे बसे लोगों को खतरा पैदा हो गया है. नदी का बहाव रुकने से जुंडा से जोबरंग की ओर नदी किनारे की जमीन पानी मे डूबने लगी है. वहीं, जसरथ गांव के लोग अधिक खतरे में हैं.
बता दें कि लाहौल घाटी में चंद्रा और भागा दो नदियां तांदी में मिलती हैं. जम्मू कश्मीर में प्रवेश करते ही इसका नाम चंद्रभागा हो जाता है. गौरतलब है कि जुलाई और अगस्त में हिमाचल प्रदेश में कई प्राकृतिक आपदाएं आई हैं. किन्नौर में ही कुछ दिनों के अंदर दो बड़े भूस्खलन हो चुके हैं. इस बीच लाहौल घाटी में भी खतरनाक हालात पैदा हो गए हैं. वहीं सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम भी मौके पर रवाना हो गई है. एसपी लाहौल स्पीति मानव वर्मा ने बताया कि ग्रामीणों को नदी किनारे से हटकर ऊंचाई वाले स्थानों की ओर जाने को कह दिया गया है.
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