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नाराज हुए देवता नाग धुम्बल! रथ मैदान में दिया छिद्रा करवाने का आदेश

कुल्लू के मुख्यालय स्थित रथ मैदान को शुद्ध करने के लिए देवता नाग धुम्बल ने छिद्रा करवाने के आदेश जारी किए हैं.

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Published : Nov 25, 2019, 7:51 PM IST

कुल्लूः जिला कुल्लू के मुख्यालय स्थित रथ मैदान को शुद्ध करने के लिए देवता नाग धुम्बल ने छिद्रा करवाने के आदेश जारी किए हैं. देवता नाग धुम्बल ने सोमवार को कारदारों, देव समाज और सरकारी अधिकारियों को यह फरमान सुनाया है.

देवता नाग धुम्बल रविवार शाम को ही ढालपुर मैदान पहुंच गए थे और पूरी रात अपने अस्थाई शिविर में ही रहे. सुबह देवता की पूजा अर्चना करने के बाद देवता नाग धुम्बल ने एक बार फिर से रथ मैदान में बजाई गई देव धुन को लेकर अपनी आपत्ति जाहिर की.

उन्होंने कारदारों को भी आदेश दिया कि रेथ मैदान में छिद्रा करवाया जाए और दोबारा ऐसी गलती को ना दोहराया जाए. वहीं, उसके बाद देवता देव सदन पहुंचे, जहां पर उन्होंने अपनी देव रीति को भी निभाया. इसके बाद देवता एक बार फिर भगवान रघुनाथ के मंदिर की और अपने हरियानों के साथ प्रस्थान कर गए.

बताया जा रहा है कि एक दिन के अंदर देवता ने छिद्रा करवाने के आदेश दिए हैं. अब इस छिद्रा में कौन-कौन शामिल होगा इस बारे में भी चर्चा की जा रही है. गौर रहे कि दशहरा उत्सव के दौरान मुख्यमंत्री के सामने देव धुन बजाने को लेकर देवता नाग धुम्बल ने आपत्ति दर्ज की थी.

वीडियो.

वहीं, भगवान रघुनाथ के छड़ी बरदार महेश्वर सिंह को भी जगती करने के आदेश जारी किए थे. रविवार को जगती आयोजित की गई और उसमें आए सभी देवी देवताओं ने भी कड़े स्वर में देव समाज को चेतावनी दी कि अगर वे पुरानी परंपराओं का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें किसी बड़ी आपदा से निपटने के लिए भी तैयार रहना होगा. बहरहाल देवता से मिले आदेशों के बाद देव समाज भी चिंतित हो गया है और देवता की ओर से दिए जा रहे आदेशों का पालन कर रहा है.

ये भी पढ़ें- 142 वर्षों के बाद वाहनों के भार से मुक्त होगा ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल, नये पुल के उद्घाटन के लिए सीएम का इंतजार

कुल्लूः जिला कुल्लू के मुख्यालय स्थित रथ मैदान को शुद्ध करने के लिए देवता नाग धुम्बल ने छिद्रा करवाने के आदेश जारी किए हैं. देवता नाग धुम्बल ने सोमवार को कारदारों, देव समाज और सरकारी अधिकारियों को यह फरमान सुनाया है.

देवता नाग धुम्बल रविवार शाम को ही ढालपुर मैदान पहुंच गए थे और पूरी रात अपने अस्थाई शिविर में ही रहे. सुबह देवता की पूजा अर्चना करने के बाद देवता नाग धुम्बल ने एक बार फिर से रथ मैदान में बजाई गई देव धुन को लेकर अपनी आपत्ति जाहिर की.

उन्होंने कारदारों को भी आदेश दिया कि रेथ मैदान में छिद्रा करवाया जाए और दोबारा ऐसी गलती को ना दोहराया जाए. वहीं, उसके बाद देवता देव सदन पहुंचे, जहां पर उन्होंने अपनी देव रीति को भी निभाया. इसके बाद देवता एक बार फिर भगवान रघुनाथ के मंदिर की और अपने हरियानों के साथ प्रस्थान कर गए.

बताया जा रहा है कि एक दिन के अंदर देवता ने छिद्रा करवाने के आदेश दिए हैं. अब इस छिद्रा में कौन-कौन शामिल होगा इस बारे में भी चर्चा की जा रही है. गौर रहे कि दशहरा उत्सव के दौरान मुख्यमंत्री के सामने देव धुन बजाने को लेकर देवता नाग धुम्बल ने आपत्ति दर्ज की थी.

वीडियो.

वहीं, भगवान रघुनाथ के छड़ी बरदार महेश्वर सिंह को भी जगती करने के आदेश जारी किए थे. रविवार को जगती आयोजित की गई और उसमें आए सभी देवी देवताओं ने भी कड़े स्वर में देव समाज को चेतावनी दी कि अगर वे पुरानी परंपराओं का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें किसी बड़ी आपदा से निपटने के लिए भी तैयार रहना होगा. बहरहाल देवता से मिले आदेशों के बाद देव समाज भी चिंतित हो गया है और देवता की ओर से दिए जा रहे आदेशों का पालन कर रहा है.

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Intro:देवता नाग धुम्बल ने रथ मैदान में दिया छिद्रा करवाने का आदेश
अभी भी कुल्लू में ही डटे है देवता नागBody:
जिला कुल्लू के मुख्यालय सिथत रथ मैदान में छिद्रा करवाया जाए ताकि इस स्थान को शुद्ध किया जा सके। देवता नाग धुम्बल ने सोमवार को कार दारो, देव समाज व सरकारी अधिकारियों को यह फरमान सुनाया। देवता नाग धुम्बल रविवार शाम को ही ढालपुर मैदान पहुंच गए थे और वह पूरी रात अपने अस्थाई शिविर में ही रहे। सुबह देवता की पूजा अर्चना करने के बाद उन्होंने एक बार फिर से रथ मैदान में बजाई गई देव धुन को लेकर अपनी आपत्ति जाहिर की। वहीं उन्होंने कारदारों को भी यह आदेश दिया कि स्थान पर छिद्रा करवाया जाए और दोबारा ऐसी गलती को ना दोहराया जाए। वही उसके बाद देवता देव सदन पहुंचे जहां पर उन्होंने अपनी देव रीति को भी निभाया। उसके बाद देवता एक बार फिर भगवान रघुनाथ के मंदिर की और अपने हरियानो के साथ प्रस्थान कर गए। वहीं बताया जा रहा है कि सोमवार शाम तक देवता ने इस छिद्रा को करवाने के आदेश दिए हैं। अब इस छिद्रा में कौन-कौन शामिल होगा इस बारे में भी चर्चा की जा रही है। गौर रहे कि दशहरा उत्सव के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष देव धुन बजाने को लेकर देवता नाग धुम्बल ने आपत्ति दर्ज की थी। वही भगवान रघुनाथ के छड़ी बरदार महेश्वर सिंह को भी जगती करने के आदेश जारी किए थे। रविवार को जगती आयोजित की गई और उसमें आए सभी देवी देवताओं ने भी कड़े स्वर में देव समाज को चेतावनी दी कि अगर वे पुरानी परंपराओं का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें किसी बड़ी आपदा से निपटने के लिए भी तैयार रहना होगा। Conclusion:बहर हाल देवता से मिले आदेशों के बाद देव समाज भी चिंतित हो गया है और देवता द्वारा दिए जा रहे आदेशों का पालन कर रहा है।
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