लाहौल स्पीति: जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के मुख्यालय केलांग में अब पूरे साल और विशेष तौर से बर्फीली सर्दियों में पेयजल की आपूर्ति होगी. जल शक्ति विभाग की कार्य योजना को जल्द अमलीजामा पहनाने को लेकर तकनीकी शिक्षा मंत्री एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि जिला प्रशासन और जल शक्ति विभाग को इस महत्वाकांक्षी योजना को तय समय में शुरू करके इसे पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया है.
समुद्र तल से करीब 3 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित केलांग में विशेष तौर से सर्दियों के मौसम में पानी जम जाने की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. डॉ. मारकंडा ने कहा कि केलांग में सभी बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता के आधार पर मुहैया कराई जाएंगी. वहीं, उपायुक्त नीरज कुमार ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को भी इसी लक्ष्य के तहत निर्देश जारी कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि योजना की प्रगति की नियमित समीक्षा की जाएगी ताकि योजना तय समय में पूरी हो.
डॉ. मारकंडा ने बताया कि इस कार्य योजना के पूरा होने के बाद माइनस तापमान में भी केलांग में 24 घंटे पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी. योजना के तहत एंटी फ्रीज वाटर सप्लाई सिस्टम की सुविधा मुहैया करने की व्यवस्था होगी. यह महत्वपूर्ण योजना 13 करोड़ 78 लाख की राशि से पूरी होगी. उन्होंने कहा कि इस योजना के टेंडर की प्रक्रिया को मार्च 2022 तक पूरा करके निर्माण कार्य को शुरु करने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में यदि ये योजना धरातल पर उतरती है तो केलांग वासियों के अलावा यहां कार्यरत सरकारी कर्मचारियों के लिए भी राज्य सरकार की तरफ से यह एक बहुत बड़ा तोहफा होगा.
अमेरिका और यूरोपीय देशों में बर्फबारी के दौरान शून्य से नीचे तापमान में भी पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था के अध्ययन के बाद ये फैसला लिया गया है कि उसी तकनीक का उपयोग करके पेयजल आपूर्ति को कारगर बनाया जाए. इस तकनीक में पेयजल आपूर्ति के पाइप नेटवर्क को जमीन से नीचे करीब 4 फुट की गहराई में बिछाया जाएगा. इसके अलावा एंटी फ्रीज तकनीक के अन्य पहलुओं का भी इसमें समावेश होगा. इस योजना में कामयाबी मिलने के बाद इसे घाटी के अन्य इलाकों में भी शुरू किया जाएगा.
बीते कुछ सालों के दौरान केलांग में पर्यटन ने भी काफी विस्तार लिया है. ऐसे में पेयजल आपूर्ति योजना होटल, रेस्तरां और होम स्टे संचालकों के लिए अत्यंत ही मददगार साबित होगी. जल शक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता विनोद धीमान ने बताया कि पाइप नेटवर्क को करीब 4 फुट की गहराई में बिछाया जाएगा. इतनी गहराई में पानी के जमने की संभावना नहीं रहती. इसके अलावा विशेष तकनीक की मौजूदगी भी उपभोक्ताओं को पेयजल की आपूर्ति सीधे उनके घर तक पहुंचाने में मदद करेगी. पाइप इंसुलेटेड होने के कारण गर्मी को बनाए रखने में मदद करेगी. जिससे पानी पाइप के भीतर नहीं जमेगा और उपभोक्ताओं को माइनस तापमान में भी पानी की सप्लाई हो सकेगी.