कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के तीसरे दिन ढालपुर में ढोल नगाड़ों की थाप पर भगवान नरसिंह की भव्य जलेब निकाली गई. जलेब के माध्यम से नरसिंह भगवान ने ढालपुर में रक्षासूत्र बांधा. शाम करीब पौने पांच बजे निकली जलेब में ढोल, नगाड़े, नरसिगों और करनालों की स्वरलहरियों से ढालपुर मैदान गूंज उठा.
रघुनाथ के अस्थायी शिविर से निकली भव्य जलेब में गड़सा घाटी के दस देवताओं ने हिस्सा लिया. शाही अंदाज में निकाली गई जलेब में अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह पालकी में सवार हुए. साथ ही जलेब में महाराजा कोठी के देवताओं ने भी दशहरा पर्व पर भव्य जलेब की शोभा बढ़ाई. जलेब में सबसे आगे नरसिंह भगवान की घोड़ी सज-धजकर चली.
राजा की चानणी से जलेब का सिलसिला शुरू हुआ. अस्पताल रोड से होते हुए पुराने स्टेट बैंक पार्क, कलाकेंद्र के पीछे से, ढालपुर चौक होकर राजा की चानणी के पास जलेब समाप्त हुई. इसी बीच ढोल, नगाड़ों की थाप पर कई देवलु भी थिरके.
भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह का कहना है कि नरसिंह भगवान की जलेब में प्रतिदिन अलग-अलग क्षेत्रों के देवी-देवता शामिल होते हैं. उन्होंने बताया कि दशहरा उत्सव में शामिल हुए विदेशी मेहमानों ने भी जलेब का लुत्फ उठाया और पर्यटकों ने इन लम्हों को कैमरों में भी कैद किया.
गौर रहे कि भगवान नरसिंह अपने पूरे क्षेत्र की परिक्रमा कर सुरक्षा की कार बांधते है. जहां से भी भगवान नरसिंह की जलेब गुजरती है, वहां अस्थायी शिविरों में बैठे सभी देवी-देवता शेष फल देते हैं.