कुल्लू: हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत महामंत्री डॉ. मामराज पुंडीर ने गुरुवार को कुल्लू में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर पूरा देश अमृत महोत्सव उत्सव मना रहा है. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की दिशा निर्देश अनुसार प्रदेश के 1882 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों ओर 732 उच्च विद्यालयों में उन देश भक्तों को नमन करेगा, जिन्होंने राष्ट्र को आजादी दिलाने में अपने प्राणों की परवाह नहीं की.
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ लोकल हीरो जो आज जीवित हैं, उन्हें सम्मानित करेंगे और जो देशभक्त स्वर्ग सिधार गए हैं. उनके चित्रों को स्कूलों में स्थापित करेंगे. उन्होंने कहा कि संघ के प्रयासों से प्रदेश में 6500 पीटीए, 3500 पेट अध्यापकों को नियमित किया और 45000 हजार सीएंडवी अध्यापकों को अंतर जिला ट्रांसफर नीति बनाई. वहीं, टेट को आजीवन करवाया और अनुबंध कार्यकाल को 3 वर्ष से 2 वर्ष किया गया.
मामराज का कहना है कि अब सरकार से मांग रखी जायेगी कि विभिन्न स्कूलों में कार्यरत 2555 एसएमसी अध्यापकों के लिए नियमतिकरण की नीति बनाई जाए और भाषा और संस्कृत अध्यापकों को टीजीटी का दर्जा दिए जाए. वहीं, कंप्यूटर शिक्षकों के लिए तर्कसंगत नीति बनाई जाए. 2010 से पूर्व टीजीटी को प्रोमोशन में पहले की तरह मुख्याध्यापक व प्रवक्ता के दोनों ऑप्शन दिये जाए और टीजीटी कैडर को प्रारंभिक निदेशालय से उच्च निदेशालय के अधीन में लाया जाए.
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ से संबंधित हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ प्रदेश में शिक्षकों, गैर शिक्षकों में प्रारंभिक से लेकर विश्वविद्यालय तक काम करने वाला एकमात्र संगठन है. राष्ट्र हित में शिक्षा, शिक्षा हित में शिक्षक और शिक्षक हित में काम कर रहा हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ प्रदेश के संगठनात्मक 24 जिलों सहित 125 शिक्षा खंडों और पांच स्कूलों का एक मंडल बनाकर शिक्षकों और समाज के बीच काम कर रहा है. अब सरकार से मांग की जाएगी कि प्रदेश में एसएमसी पर कार्यरत शिक्षकों के लिए भी जल्द स्थाई नीति बनाई जाए.
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