कुल्लूः अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव को लेकर जिला कुल्लू के देवसदन में मंगलवार को बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में दशहरा उत्सव को मनाए जाने को लेकर चर्चा हुई. वहीं, कैबिनेट मंत्री व अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा समिति के अध्यक्ष गोविंद ठाकुर ने कहा कि कोरोना वायरस के संकट के चलते इस बार अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा को सूक्ष्म तौर पर मनाया जाएगा, लेकिन दशहरा पर्व पर जरूरी परम्पराओं का बखूबी निर्वहन किया जाएगा.
दशहरा समिति के अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना महामारी की खतरा बना हुआ है. प्रत्येक व्यक्ति को एहतियात बरतने की सख्त जरूरत है. गोविंद ठाकुर ने कहा कि उत्सव की जो भी परम्पराएं होंगी, उनका लोगों को लाइव प्रसारण करने के प्रयास किए जाएंगे ताकि लोग अपने घरों में भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा के दर्शन कर सकें.
उन्होंने कहा कि इस बार कोविड-19 की चुनौती के बीच दशहरा उत्सव का स्वरूप बिल्कुल अलग होगा, सूक्ष्म होगा और बहुत सतर्कता व सावधानी के साथ परम्पराओं का निर्वहन किया जाएगा ताकि लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि भिन्न परिस्थितियों में आयोजित किए जा रहे दशहरा उत्सव में बहुत सी चीजें बदली हुई नजर आएंगी. जिस दिव्यता व धूमधाम के साथ कुल्लू दशहरा का आयोजन होता रहा है, इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा.
गोविंद ठाकुर ने कारदारों व कारदार संघ द्वारा दशहरा उत्सव को सूक्ष्म तौर पर मनाने में अपनी सहमति देने के लिए आभार जताया. उन्होंने कहा कि वह पिछले कुछ दिनों से देव समाज, कारदारों, गुर, पुजारियों व व्यापारिक और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से दशहरे के सुरक्षित आयोजन को लेकर संवाद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि भगवान रघुनाथ के छड़ीवरदार के अनुसार कुल छह से सात देवता दशहरा में आएंगे. देवता के साथ रात्रि को केवल 10 लोग ही रह सकेंगे और सभी का कोरोना परीक्षण अनिवार्य होगा. गोविंद ठाकुर ने कहा कि इस बार कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम उत्सव के दौरान नहीं होंगे. प्रदर्शनी मैदान में किसी प्रकार की प्रदर्शनियों का आयोजन नहीं किया जाएगा. व्यापारिक गतिविधियां भी ढालपुर के मैदानों में नहीं होंगी.
कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर व बंजार के विधायक सुरेन्द्र शौरी ने कहा कि दशहरा कुल्लू वासियों का अपना उत्सव है और इस बार सभी लोगों को सयंम बरतते हुए बाजारों की ओर रूख न करके अपने घरों से ही उत्सव का आनंद लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण लोग सहमे हुए हैं और किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहते.
उन्होंने कहा कि हजारों-हजारों की संख्या में लोगों के आने की आंशका के चलते इस बार देवी-देवताओं को प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का निमंत्रण नहीं दिया गया है. इस बार व्यापारिक गतिविधियों के न होने से दशहरा उत्सव की कोई आमदनी नहीं होगी और ऐसे में देवी-देवताओं को नजराना देने की व्यवस्था भी नहीं हो पाएगी. उन्होंने कहा कि श्री रघुनाथ जी की यात्रा में रथ खींचने वाले सभी श्रद्वालुओं को अपना कोविड टेस्ट करवाना होगा.
कारदार संघ के अध्यक्ष जय चंद ठाकुर व प्रेस सचिव हंसराज शर्मा ने कहा कि कोरोना का खतरा स्वयं को भी है और ऐसे में देवता भी लोगों को किसी प्रकार के खतरे में नहीं डालना चाहते और शासन व प्रशासन की बात को मान रहे हैं. जय चंद ने कहा कि वह देवताओं के साथ आने वाले लोगों की सूचि दो-तीन दिनों के भीतर जिला प्रशासन को उपलब्ध करवा देंगे ताकि लोगों की कोरोना जांच की जा सके और साथ ही उन्हें आई-कार्ड जारी किए जा सकें.
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