कुल्लूः ऐतिहासिक ढालपुर मैदान पर 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर जिला स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में सूबे के कृषि मंत्री रामलाल मरकंडा ने बौत मुख्य अतिथि शिरकत की. ध्वजारोहण व मार्च पास्ट के बाद कृषि मंत्री डॉ. राम लाल मारकंडा ने लोगों को संबोधित किया. उन्होंने किसानों व बागवानों को प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर दिया.
कृषि मंत्री ने इस दौरान जिला कुल्लू में किए गए विकास कार्यों के बारे में भी लोगों का बताया. उन्होंने कहा कि हिमाचल को देश का पहला प्राकृतिक खाद्यान्न तैयार करने वाला प्रदेश बनाने में किसानों का योगदान अहम रहेगा. प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया है.. उन्होंने कहा यह खुशी की बात है कि लगभग 50 हजार किसान प्रदेश में प्राकृतिक खेती से जुड़ चुके हैं.
डॉ. मारकंडा ने कहा कि रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता कम हो रही है और खेती को पानी की अधिक मांग रहती है. अनाज और फल जहरयुक्त तैयार हो रहे हैं, जिनके उपयोग से लोग अनेक प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं.
कृषि मंत्री ने जिलावासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संविधान सभी देशवासियों को बिना किसी भेदभाव के विकास एवं उत्थान के समान अवसर प्रदान करता है. यह पावन अवसर हमें आत्म-विश्लेषण का अवसर प्रदान करता है. एक गणराज्य के रूप में देश की विकास यात्रा, हासिल लक्ष्य और भविष्य में किए जाने वाले कार्य पर विचार करना महत्वपूर्ण है.
2.31 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बागवानी के अधीन
कृषि मंत्री ने कहा कि इस समय 2.31 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बागवानी के अधीन है और लगभग 10.28 लाख मीट्रिक टन फल उत्पादन हो रहा है. हर खेत को पानी उपलब्ध करवाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 333.18 करोड़ रुपये की 111 लघु सिंचाई योजनाएं स्वीकृत की गई हैं.
डॉ. मारकंडा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश 15 अप्रैल, 1948 को अस्तित्व में आया और 25 जनवरी 1971 को देश का 18वां पूर्ण राज्य बना. उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश ने विकास के सभी क्षेत्रों में आशातीत प्रगति की है. इस प्रगति के लिए सभी प्रदेशवासी प्रशंसा के पात्र हैं. प्रदेश ने पहाड़ी राज्यों को विकास की नई दिशा दिखाई है.
डॉ. मारकंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 8,74,304 लाभार्थियों को 430.80 करोड़ रुपये खर्च किए गए. किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से सुरक्षित रखने के लिए मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना में सोलर बाड़बंदी के अतिरिक्त कांटेदार तार व चेन लिंक बाड़बंदी को भी शामिल किया गया है.
1 साल में गृहिणी सुविधा योजना के तहत 2 लाख 76 हजार निशुल्क गैस कनैक्शन बांटे
उन्होंने बताया कि 2 सालों में 1,172 बस्तियों को पेयजल सुविधा और 5,130 घरों को पेयजल कनेक्शन प्रदान किए गए. हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना के तहत 1 साल में 2 लाख 76 हजार से भी अधिक निशुल्क गैस कनेक्शन बांटे गए हैं. हिम केयर योजना के तहत 5 लाख रुपये प्रति परिवार पांच सदस्यों के लिए निशुल्क उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है.
डॉ. मारकंडा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शुरु सहारा योजना में अधरंग, कैंसर तथा मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित रोगियों को 2000 हजार रुपये प्रति माह वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है. प्रदेश सरकार द्वारा भूतपूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं और विकलांग व भूतपूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों को सरकारी सेवाओं में 15 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित किया गया है.
युद्ध विधवाओं की पुत्री की शादी के लिए आर्थिक सहायता की राशि 15,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की गई है. गत दो वर्षों में 204 गांवों को सड़कों से जोड़ा गया. 1755 कि.मी. मोटर योग्य सड़कों, 111 कि.मी. जीप योग्य सड़कों और 118 पुलों का निर्माण किया गया. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क सड़क के अन्तर्गत केन्द्र से 2416.62 करोड़ रुपये की 500 सड़क परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं.
200 किसानों को मिला प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ
जिला कुल्लू में विकास की चर्चा करते हुए डॉ. मारकंडा ने कहा कि 200 किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिया गया है. जिला के 4350 किसान प्राकृतिक खेती को अपना चुके हैं. आत्मा परियोजना के तहत जिला के 900 से अधिक किसान प्राकृतिक खेती के विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ. सुभाष पालेकर से भी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं. बागवानों को सब्सिडी प्रदान करने के लिए लगभग 10 करोड़ 40 लाख के बजट का प्रावधान किया है.
कुल्लू, मनाली और बंजार में इस वित वर्ष में सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग को साढ़े 37 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत 26 सड़कों को मंजूरी दी गई है, जिन पर करीब 108 करोड़ की धनराशि खर्च होगी. नाबार्ड के माध्यम से भी 13 सड़कों पर लगभग 48 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. 9 पुलों के निर्माण के लिए सेंट्रल रोड फंड से 21 करोड़ 36 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं.
जिला में दो वर्षों के दौरान 10 हजार 470 नए पात्र लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन मंजूर की गई है. वर्तमान में जिला में कुल 36 हजार 468 लोगों को यह पेंशन मिल रही है और इस वर्ष पेंशन के लिए 48 करोड़ 50 लाख रुपये का बजट प्रावधान किया गया है. गृह अनुदान योजना के तहत एक करोड़ 10 लाख खर्च किए गए हैं.
कुल्लू जिला की 10 हजार 652 महिलाओं को मिले मुफ्त गैस कनैक्शन
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत कुल्लू जिला की 10 हजार 652 महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं. हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना से 14 हजार 809 कनेक्शन वितरित किए गए हैं. यानि, इन दोनों योजनाओं के माध्यम से लगभग साढे 25 हजार महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन मिल चुके हैं.
ढाई हजार से अधिक कामगारों को प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के माध्यम से पेंशन योजना के लिए पंजीकृत किया गया है. जिला में इस समय लगभग 73 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश वाली 2026 लघु एवं अति लघु औद्योगिक ईकाइयां संचालित की जा रही हैं, जिनमें 12 हजार से अधिक लोगों को सीधा रोजगार मिला है.
कुल्लू जिला के हथकरघा उद्योग ने अपनी अलग पहचान बनाई है. उद्योग विभाग ने बुनकर बीमा योजना के तहत जिला के 1752 बुनकरों का बीमा करवाया है. 693 योजनाओं के माध्यम से जिला की लगभग 3492 बस्तियों को पूर्ण रूप से पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है.
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