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देव स्थलों के अपवित्र होने पर देवता नाराज, बुलाई देव संसद

कुल्लू में दशहरा उत्सव के दौरान देव स्थल के अपवित्र होने से देवी देवता नाराज हो रहे हैं. देवता नाग धूमल ने भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह को देव संसद बुलाने के आदेश दिए हैं

देव स्थलों के अपवित्र होने पर बुलाई जाएगी देव संसद
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Published : Oct 29, 2019, 12:36 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू में दशहरा उत्सव के बाद ढालपुर मैदान में देव स्थल को अपवित्र होने का मामला देव संसद तक पहुंच गया है. हालांकि, ठेकेदार को देवस्थल को अपवित्र करने पर 21 हजार रूपये जुर्माना लगाने के बाद देवता नाग धुम्बल ने भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह को देव संसद बुलाने के भी आदेश दिए हैं.

बता दें कि देवता नाग धुम्बल के आदेश पर भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने देव आदेश की जिला भर के कारदारों को सूचना दी है. सोमवार को रघुनाथपुर में कारदारों की एक बैठक में जगती(देव संसद) के आयोजन को लेकर भी चर्चा हुई. वहीं, कारदारों ने फैसला लिया है कि देव संसद को बुलाने के लिए देवी-देवताओं को पूछ कर एक तिथि निर्धारित की जाएगी और उस दिन जगती बुलाई जाएगी.

वीडियो.

गौर रहे कि देव स्थलों के अवपित्र होने से देवी देवता नाराज हो रहे हैं. कुछ दिन पहले देवताओं ने भी अपने स्थल के अपवित्र होने पर प्रशासन को फटकार लगाई थी. देवता ने अब गंदगी से रूष्ट होकर देव संसद को बुलाने के आदेश दिए हैं.

बताया जा रहा है कि दशहरा उत्सव में देव धुन बजाने को लेकर भी देवता ने आपत्ति दर्ज की है. देवता का कहना है कि देवधुन को देवताओं के समक्ष बजाया जाता है. वहीं, भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि धूम्बल देवता ने जगती के आदेश दिए हैं और आदेश को देव कारदारों तक भी पहुंचाया गया है.

कुल्लू: जिला कुल्लू में दशहरा उत्सव के बाद ढालपुर मैदान में देव स्थल को अपवित्र होने का मामला देव संसद तक पहुंच गया है. हालांकि, ठेकेदार को देवस्थल को अपवित्र करने पर 21 हजार रूपये जुर्माना लगाने के बाद देवता नाग धुम्बल ने भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह को देव संसद बुलाने के भी आदेश दिए हैं.

बता दें कि देवता नाग धुम्बल के आदेश पर भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने देव आदेश की जिला भर के कारदारों को सूचना दी है. सोमवार को रघुनाथपुर में कारदारों की एक बैठक में जगती(देव संसद) के आयोजन को लेकर भी चर्चा हुई. वहीं, कारदारों ने फैसला लिया है कि देव संसद को बुलाने के लिए देवी-देवताओं को पूछ कर एक तिथि निर्धारित की जाएगी और उस दिन जगती बुलाई जाएगी.

वीडियो.

गौर रहे कि देव स्थलों के अवपित्र होने से देवी देवता नाराज हो रहे हैं. कुछ दिन पहले देवताओं ने भी अपने स्थल के अपवित्र होने पर प्रशासन को फटकार लगाई थी. देवता ने अब गंदगी से रूष्ट होकर देव संसद को बुलाने के आदेश दिए हैं.

बताया जा रहा है कि दशहरा उत्सव में देव धुन बजाने को लेकर भी देवता ने आपत्ति दर्ज की है. देवता का कहना है कि देवधुन को देवताओं के समक्ष बजाया जाता है. वहीं, भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि धूम्बल देवता ने जगती के आदेश दिए हैं और आदेश को देव कारदारों तक भी पहुंचाया गया है.

Intro:देव स्थलों के अपवित्र होने पर बुलाई जाएगी देव संसद
रघुनाथ पुर में होगा आयोजनBody:
कुल्लू में दशहरा उत्सव के दौरान देव स्थल के अपवित्र होने का मामला अब देवसंसद तक जा पहुंचा है। हालांकि उस दिन ठेकेदार को देवस्थल को अपवित्र करने को लेकर 21000 रूपये जुर्माना भी लगा था लेकिन देवता नाग धूमल ने भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ी बरदार महेश्वर सिंह को जगती यानी देव संसद बुलाने के भी आदेश दिए हैं। जिसके चलते अब यह मामला देव संसद में जा पहुंचा है। लिहाजा देव समाज ने छोटी जगती बुलाने की तैयारी कर ली है। देवता नाग धूमल के आदेश पर भगवान रघुनाथ के छड़ी बरदार महेश्वर सिंह ने देव आदेश की जिला भर के कारदारों को सूचना दी है। गत दिन रघुनाथपुर में कारदारों की एक बैठक भी हुई जिसमें जगती आयोजन को लेकर चर्चा हुई। वहीं कारदारों ने भी यह फैसला लिया है कि देव संसद को बुलाने के लिए देवी देवताओं को पूछ कर एक तिथि निर्धारित की जाएगी और उस दिन जगती बुलाई जाएगी। गौर रहब की देवों स्थलों को अवपित्र होने के चलते देवी देवता नाराज़ हो रहे हैं और बीते दिनों नाग देवता भी मंदिर पहुंचने के बाद ढालपुर वापस पहुंचे थे। देवता ने अपने स्थल के अपवित्र होने पर प्रशासन को भी फटकार लगाई थी। इसी से रुष्ट होकर देवता ने संसद को बुलाने के आदेश भी दिए थे। बताया जा रहा है कि दशहरा उत्सव में देव धुन बजाने को लेकर भी देवता ने आपत्ति दर्ज की है। देवता का कहना है कि देवधुन को देवताओं के समक्ष बजाया जाता है। Conclusion:वही भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि धूमल देवता ने जगती के आदेश दिए हैं और आदेश को देव कार दारो तक भी पहुंचाया गया है। कुछ कारदारों ने बैठक में हिस्सा लिया है और जल्द ही देवी देवताओं को पूछकर जगती की तिथि तय की जाएगी।
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