कुल्लू: जिला कुल्लू में भाद्रपद मास के शुरू होते ही अब घाटी के देवी देवता आम जनमानस की रक्षा करेंगे. कुल्लू शहर में भी देवता गौहरी ने अपने हरियान के साथ पूरे क्षेत्र की परिक्रमा की और आम जनता को रक्षा का वचन भी दिया. भाद्रपद मास के शुरुआत होते ही अब कई ग्रामीण इलाकों में देवी देवता अपने अपने क्षेत्र की परिक्रमा कर रहे हैं और आसुरी शक्तियों से बचने के लिए भी रक्षा सूत्र बांधा जा रहा है.
कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर व कुल्लू शहर की भी देवता वीर नाथ गोहरी के द्वारा परिक्रमा की गई. इस दौरान हरियान भी ढोल नगाड़े बजाते हुए इस परिक्रमा में शामिल हुए और देवता ने पूरे कुल्लू शहर का चक्कर लगाया. इस दौरान देवता ने अपने गुर के माध्यम से श्रद्धालुओं को अभिमंत्रित सरसों भी प्रदान की, ताकि भादो माह में आसुरी शक्तियों के प्रभाव को कम किया जा सके.
देवता वीरनाथ गौहरी के कार दार राजकुमार महंत का कहना है कि हर साल देवता के द्वारा शहर की रक्षा के लिए परिक्रमा की जाती है और सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद भी दिया जाता है. इसके साथ ही घाटी के कई अन्य इलाकों में भी देवता के मंदिर से सरसों अभिमंत्रित करके दी जाती है और लोगों ने अपने घरों व गौशालाओं में भेखल की डाली के साथ लगा देते हैं, ताकि कोई भी आसुरी शक्ति उनका किसी प्रकार से नुकसान न कर सके
वहीं, जिला कुल्लू के निचले इलाकों में भी भादो मास के शुरू होने पर ही नव विवाहित महिलाएं 1 माह के लिए अपने मायके चली जाती हैं और भादो माह के समापन के बाद ही वे अपने ससुराल वापस लौटती हैं. मान्यता है कि नवविवाहिता अगर भादो माह में अपने ससुराल में रहे तो जीवन भर नवविवाहित महिला व उसकी सास के साथ उसके संबंध ठीक नहीं रहते हैं.
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