ETV Bharat / city

फोरलेन प्रभावितों को झूठा आश्वासन देने पर सरकार को भुगतने होंगे गंभीर परिणाम: दिनेश सेन

author img

By

Published : Mar 30, 2022, 4:28 PM IST

जिला मंडी में 1 अप्रैल को फोरलेन प्रभावितों के लिए प्रदेश कैबिनेट के द्वारा गठित सब कमेटी की बैठक रखी गई है. इस बैठक में फोरलेन प्रभावितों की मांगों के बारे में बात की जाएगी. वहीं, बुधवार को जिला कुल्लू में 7 सालों से उनकी समस्याओं का कोई समाधान न निकलने पर प्रभावित व विस्थापितों में खासा रोष नजर आया और उन्होंने आज डीसी कुल्लू के माध्यम से राज्यपाल को भी एक ज्ञापन भेजा. जिसमें 16 सूत्रीय मांगों पर विचार करने का आग्रह किया गया. गौर रहे कि हिमाचल प्रदेश के किरतपुर मनाली फोरलेन के निर्माण कार्य से करीब 20 हजार परिवार प्रभावित हुए हैं.

Fourlane Sangharsh Samiti
फोरलेन संघर्ष समिति का प्रदर्शन.

कुल्लू: 1 अप्रैल को मंडी में फोरलेन प्रभावितों के लिए प्रदेश कैबिनेट के द्वारा गठित सब कमेटी की बैठक (Kullu Fourlane Meeting) रखी गई है. जिसमें फोरलेन प्रभावितों की मांगों के समाधान होने की उम्मीदें भी जग गई हैं. वहीं, फोरलेन प्रभावितों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 1 अप्रैल को भी उनकी समस्याओं का कोई हल नहीं निकला तो प्रदेश सरकार व अधिकारियों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. वहीं, फोरलेन संघर्ष समिति क्रमिक अनशन पर भी उतर सकती है.

जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के साथ रथ मैदान में फोरलेन संघर्ष समिति ने जहां आंदोलन किया तो वहीं, एक रैली भी निकाली गई. जिसमें सैकड़ों फोरलेन प्रभावित व विस्थापितों ने भाग लिया. इस दौरान 7 सालों से उनकी समस्याओं का कोई समाधान न निकलने पर प्रभावित व विस्थापितों में भी खासा रोष नजर आया और डीसी कुल्लू के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल को भी एक ज्ञापन भेजा गया. जिसमें 16 सूत्रीय मांगों पर विचार करने का आग्रह किया गया.

वहीं, फोरलेन संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष दिनेश सेन ने इशारों इशारों में भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों को खूब खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के लिए भाजपा ने प्रभावितों का प्रयोग किया और चुनाव जीतने के बाद उन्हें मुआवजा देने की बात भी कही थी, लेकिन घोषणा पत्र में अभी तक सरकार पूरा नहीं कर पाई है. घोषणापत्र में सरकार ने बुजुर्गों को चार धाम की यात्रा करवाने के बाद भी कही थी. लेकिन बुजुर्गों की यात्रा तो नहीं करवाई गई बल्कि अपना यात्रा भत्ता बढ़ा दिया गया है.

वीडियो.

दिनेश सेन का कहना है कि अब 1 अप्रैल को मंडी में बैठक रखी गई है और उम्मीद है कि सरकार 7 सालों (Fourlane Sangharsh Samiti) के बाद उनकी मांगों पर विचार करेगी. अगर सरकार ने अबकी बार फिर से उन्हें झूठा आश्वासन देने की कोशिश की तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. वहीं इस मामले में लेटलतीफी बरतने वाले अधिकारियों को भी फोरलेन प्रभावितों के गुस्से का शिकार होना पड़ेगा.

गौर रहे कि हिमाचल प्रदेश के किरतपुर मनाली फोरलेन (Kiratpur Manali Fourlane) के निर्माण कार्य से करीब 20 हजार परिवार प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा प्रदेश के मंडी पठानकोट, शिमला धर्मशाला व कालका शिमला में हुए फोरलेन कार्य से प्रभावित लोगों की संख्या (Number of people affected by forelane work) पौने 2 लाख के करीब हैं.

Fourlane Sangharsh Samiti
फोरलेन संघर्ष समिति का प्रदर्शन.

जिला कुल्लू फोरलेन संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश सेन ने बताया कि प्रदेश के राज्यपाल को भी 16 सूत्रीय मांग पत्र भेजा गया है. जिसमें मांग रखी गई ही कि फैक्टर 1 की अधिसूचना को रद्द करके फैक्टर 2 को लागू किया जाए. पुनर्स्थापन व पुनर्वास की शेड्यूल 2 प्रक्रिया को तुरंत लागू किया जाए. मुआवजा निर्धारण में भू-अधिग्रहण कानून 2013 के सेक्शन 28 के प्रावधान पर अमल करके सप्लीमेंट्री अवार्ड दिए जाएं.

Fourlane Sangharsh Samiti
फोरलेन प्रभावितों ने डीसी कुल्लू के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा

वहीं, मकानों में मुआवजा वर्तमान दरों पर निर्धारित किया जाए और पूर्व की तरह 12% ब्याज भी दिया जाए. सड़क से सटी भूमि पर हो रहे नुकसान के बारे में अभी नेशनल हाईवे अथॉरिटी व प्रदेश सरकार मिलकर नीति बनाए और प्रभावितों को तुरंत मुआवजा दिया जाए. उजड़ रहे कस्बों को शेड्यूल 3 के तहत दोबारा बसाया जाए और सड़क निर्माण से प्रभावित रास्ते बिजली व पाइप लाइनों की भी बहाली की जाए. इसके आलावा फोरलेन पर सर्विस रोड व ड्रेनेज का काम तुरंत किया जाए. वहीं, पर्यावरण से हो रहे खिलवाड़ को रोका जाए और अवैज्ञानिक और गैर जरूरी खनन कामों की भी जांच की जाए.

ये भी पढ़ें- किन्नौर कांग्रेस ने प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष पर साधा निशाना, दे डाली ये नसीहत

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

कुल्लू: 1 अप्रैल को मंडी में फोरलेन प्रभावितों के लिए प्रदेश कैबिनेट के द्वारा गठित सब कमेटी की बैठक (Kullu Fourlane Meeting) रखी गई है. जिसमें फोरलेन प्रभावितों की मांगों के समाधान होने की उम्मीदें भी जग गई हैं. वहीं, फोरलेन प्रभावितों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 1 अप्रैल को भी उनकी समस्याओं का कोई हल नहीं निकला तो प्रदेश सरकार व अधिकारियों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. वहीं, फोरलेन संघर्ष समिति क्रमिक अनशन पर भी उतर सकती है.

जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के साथ रथ मैदान में फोरलेन संघर्ष समिति ने जहां आंदोलन किया तो वहीं, एक रैली भी निकाली गई. जिसमें सैकड़ों फोरलेन प्रभावित व विस्थापितों ने भाग लिया. इस दौरान 7 सालों से उनकी समस्याओं का कोई समाधान न निकलने पर प्रभावित व विस्थापितों में भी खासा रोष नजर आया और डीसी कुल्लू के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल को भी एक ज्ञापन भेजा गया. जिसमें 16 सूत्रीय मांगों पर विचार करने का आग्रह किया गया.

वहीं, फोरलेन संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष दिनेश सेन ने इशारों इशारों में भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों को खूब खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के लिए भाजपा ने प्रभावितों का प्रयोग किया और चुनाव जीतने के बाद उन्हें मुआवजा देने की बात भी कही थी, लेकिन घोषणा पत्र में अभी तक सरकार पूरा नहीं कर पाई है. घोषणापत्र में सरकार ने बुजुर्गों को चार धाम की यात्रा करवाने के बाद भी कही थी. लेकिन बुजुर्गों की यात्रा तो नहीं करवाई गई बल्कि अपना यात्रा भत्ता बढ़ा दिया गया है.

वीडियो.

दिनेश सेन का कहना है कि अब 1 अप्रैल को मंडी में बैठक रखी गई है और उम्मीद है कि सरकार 7 सालों (Fourlane Sangharsh Samiti) के बाद उनकी मांगों पर विचार करेगी. अगर सरकार ने अबकी बार फिर से उन्हें झूठा आश्वासन देने की कोशिश की तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. वहीं इस मामले में लेटलतीफी बरतने वाले अधिकारियों को भी फोरलेन प्रभावितों के गुस्से का शिकार होना पड़ेगा.

गौर रहे कि हिमाचल प्रदेश के किरतपुर मनाली फोरलेन (Kiratpur Manali Fourlane) के निर्माण कार्य से करीब 20 हजार परिवार प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा प्रदेश के मंडी पठानकोट, शिमला धर्मशाला व कालका शिमला में हुए फोरलेन कार्य से प्रभावित लोगों की संख्या (Number of people affected by forelane work) पौने 2 लाख के करीब हैं.

Fourlane Sangharsh Samiti
फोरलेन संघर्ष समिति का प्रदर्शन.

जिला कुल्लू फोरलेन संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश सेन ने बताया कि प्रदेश के राज्यपाल को भी 16 सूत्रीय मांग पत्र भेजा गया है. जिसमें मांग रखी गई ही कि फैक्टर 1 की अधिसूचना को रद्द करके फैक्टर 2 को लागू किया जाए. पुनर्स्थापन व पुनर्वास की शेड्यूल 2 प्रक्रिया को तुरंत लागू किया जाए. मुआवजा निर्धारण में भू-अधिग्रहण कानून 2013 के सेक्शन 28 के प्रावधान पर अमल करके सप्लीमेंट्री अवार्ड दिए जाएं.

Fourlane Sangharsh Samiti
फोरलेन प्रभावितों ने डीसी कुल्लू के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा

वहीं, मकानों में मुआवजा वर्तमान दरों पर निर्धारित किया जाए और पूर्व की तरह 12% ब्याज भी दिया जाए. सड़क से सटी भूमि पर हो रहे नुकसान के बारे में अभी नेशनल हाईवे अथॉरिटी व प्रदेश सरकार मिलकर नीति बनाए और प्रभावितों को तुरंत मुआवजा दिया जाए. उजड़ रहे कस्बों को शेड्यूल 3 के तहत दोबारा बसाया जाए और सड़क निर्माण से प्रभावित रास्ते बिजली व पाइप लाइनों की भी बहाली की जाए. इसके आलावा फोरलेन पर सर्विस रोड व ड्रेनेज का काम तुरंत किया जाए. वहीं, पर्यावरण से हो रहे खिलवाड़ को रोका जाए और अवैज्ञानिक और गैर जरूरी खनन कामों की भी जांच की जाए.

ये भी पढ़ें- किन्नौर कांग्रेस ने प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष पर साधा निशाना, दे डाली ये नसीहत

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.