किन्नौर: देश के अंतिम गांव छितकुल में अक्टूबर माह के बाद अप्रैल माह के अंत तक बर्फबारी रहती (Chitkul Panchayat of kinnaur) है. ऐसे में गांव का संपर्क भी जिला मुख्यालय के साथ कट जाता है और गांव वासियों को कई परेशानियों से जूझना पड़ता है. वहीं, गांव वासियों को अपने पशुओं तक के लिए चारा लाने में परेशानी हो जाती (animal feed problem in Chitkul ) है. इसी मुद्दे को लेकर शुक्रवार को छितकुल पंचायत के पूर्व उपप्रधान अरविन्द नेगी ने रिकांगपिओ में मीडिया के माध्यम से जिला प्रशासन के समक्ष इस मुद्दे को उठाया.
पूर्व उपप्रधान ने बताया कि देश के अंतिम गांव छितकुल में अक्टूबर माह के बाद अप्रैल माह के अंत तक बर्फबारी रहती (Arvind Negi of Chitkul Panchayat) है. ऐसे मे यहां पर पशुओं को चारे कि समस्या हो जाती है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 मे छितकुल गांव के एक प्रतिनिधि मंडल ने जिला प्रशासन से छितकुल गांव मे लम्बे समय तक चारे की समस्या से निजात दिलाने के लिए मुलाकात भी की थी और उस समय प्रशासन ने छितकुल गांव में चारे की समस्या से निजात दिलाने का आश्वासन दिया था. ऐसे में उन्होंने जिला प्रशासन से इस मांग को पूरा करने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि छितकुल गांव में लोगों को प्रशासन द्वारा समय अनुसार घास व चारे की व्यवस्था की जाए तो पशुओं को भी परेशानी नहीं (Arvind Negi on animal feed problem) होगी. इसके अलावा छितकुल के ग्रामीणों को पशुओं से मिलने वाला दूध भी समयानुसार प्राप्त होगा जिससे ग्रामीणों की आय भी बढ़ेगी.
वहीं, सहायक आयुक्त किन्नौर मुनीश कुमार ने कहा कि जिले के ऐसे इलाके जहां पशुओं को घास व चारे की समस्याएं आती है, वहां पर प्रशासन द्वारा जल्द ही पशु पालन विभाग के माध्यम से सब्सिडी के तहत चारा व घास उपलब्ध करवाने के लिए योजना बना रहे (Assistant Commissioner Kinnaur on feed problem) है. ताकि ग्रामीणों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े.