किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर (tribal district kinnaur) के मुख्यालय रिकांगपिओ में अग्निशमन सेवा सप्ताह का आयोजन 20 अप्रैल तक किया जा रहा (fire service week in reckongpeo) है. जिसकी शुरुआत 13 अप्रैल से की गई है. इस सेवा सप्ताह के तहत अग्निशमन केंद्र रिकांगपिओ की ओर से फायर सेफ्टी उपकरण की प्रदर्शनी लगाई है. जिसके माध्यम से लोगों को आगजनी से बचाव के बारे में जानकारी दी जा रही है.
बाहरी राज्यों से पहुंचते हैं पर्यटक: उप-अग्निशमन अधिकारी मनसा राम ने बताया कि कि 14 अप्रैल 1944 को मुंबई के डॉकयार्ड में एक जहाज में भीषण आग लगी थी, जिसमें अग्निशमन विभाग के 66 जवान शहीद हो गए थे. जवानों की याद व उन्हें श्रद्धांजलि के रूप में यह सेवा सप्ताह मनाया जा रहा है. मनसा राम ने कहा कि किन्नौर जिले का अधिकतर क्षेत्र सूखा है. जहां पर आगजनी जैसी घटनाएं सामने आती रहती है. जिले में बाहरी राज्यों से कई पर्यटक आते हैं और जंगलों का रुख करते हैं. कई बार पर्यटक जंगलों में आगजनी जैसी घटनाओं को अंजाम देते है या फिर लोग सूखा क्षेत्रों में आग जलाने के बाद उसे बुझाना भूल जाते है. जिसके कारण आगजनी की सामने आती है.
आग से बचाव की दी जा रही जानकारी: ऐसे में अग्निशमन सप्ताह के दौरान लोगों को भी विशेष रूप से आग से बचाव के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है. ताकि लोग अग्निकांड की घटनाओं से बच सकें. मनसा राम ने कहा कि सेवा सप्ताह के माध्यम से अग्निशमन विभाग (fire brigade centre kinnaur) के नए जवानों को भी आगजनी पर नए तकनीक वाले उपकरण को किस तरह से प्रयोग में लाया जाता है. उस बारे में भी अवगत करवाया जा रहा है. ताकि जिले में बड़ी आगजनी की घटनाओं के दौरान जवान सतर्कता के साथ आग की घटनाओं पर काबू पा सके.