कुल्लूः जिला में लोगों का रूझान खेतीबाड़ी और बागवानी की तरफ बढ़ा है. किसान-बागवान टमाटर, सेब, लहसुन सहित अन्य उत्पादों का व्यवसाय कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं. वहीं, ज्येष्ठा ग्राम पंचायत के खारना गांव के किसान रामनाथ ने टमाटर का व्यवसाय शुरू किया है. इसका रामनाथ को काफी लाभ हो रहा है, जिसको लेकर वह बेहद खुश हैं.
रामनाथ परंपरागत खेती से मुश्किल से तीन-चार माह का ही अनाज जुटा पाते थे, जिसके बाद उसने टमाटर की खेती करनी शुरू की. रामनाथ ने पहले साल प्राइवेट नर्सरी से टमाटर की पनीरी लाकर अपने सभी खेतों में लगाई. पूरे परिवार ने इस दौरान खूब मेहनत की. फसल अच्छी हुई और लगभग पौने दो लाख के टमाटर रामनाथ ने बेचे. अच्छी आमदनी होने से रामनाथ के परिवार की रूचि टमाटर की खेती में बढ़ने लगी.
वहीं, रामनाथ ने बताया कि वह तीसरी कक्षा में पढ़ते थे, जब उनके पिता का देहांत हो गया था, जिसके कारण वह शुरुआती पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाए. परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेवारी पूरी तरह से रामनाथ पर आ गई. मेहनत मजदूरी करने के सिवाए कोई और रास्ता नहीं था.
बता दें कि रामनाथ हर सीजन में अब 300 से अधिक करेट टमाटर के तैयार करके मण्डियों में बेचते हैं, जिससे उसका कारोबार चार से पांच लाख रुपये तक का हो जाता है. रामनाथ ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि नौकरी के पीछे भागने से अच्छा है, कि अपना कोई कारोबार करना. उन्होंने कहा कि अच्छी जमीन है तो अनेक प्रकार की नकदी फसलें तैयार की जा सकती हैं.
गौर रहे कि सरकार की ओर से किसानों के लिए अनेक योजनाएं लाई गई हैं, जिसका किसानों को काफी लाभ हो रहा है. लघु सिंचाई योजनाओं के तहत स्प्रिंगर व ड्रिप सिंचाई के लिए भी 80 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है. किसान कृषि प्रसार अधिकारियों से तकनीकी जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही प्राकृतिक खेती करने की तकनीक भी विभाग की ओर से किसानों को बताई जा रही है. जिसका किसान लाभ उठा सकते हैं. प्राकृतिक उत्पादों से किसान दो से तीन गुणा अधिक कमाई कर सकते हैं.
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