लाहौल-स्पीति: जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में टीबी को खत्म करने के लिए कर्मचारी बर्फ और कड़ाके की ठंड के बीच टीबी उन्मूलन अभियान में जुटे हैं. शून्य से सात डिग्री तापमान के बीच स्वास्थ्य विभाग के कर्मी घर-घर जाकर टीबी रोगियों की पहचान कर रहे हैं.
बता दें कि बर्फबारी के बाद घाटी के कई संपर्क मार्गों पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को दुर्गम इलाकों के गांवों तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ रहा है. अभियान में कड़ाके की ठंड और यातायात सुविधा विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है.
हिमाचल के दूसरे हिस्सों से अलग इस जिले में विषम भौगोलिक पृष्ठभूमि और बर्फबारी के बीच टीबी मुक्त अभियान को पूरा करना आसान काम नहीं है. जिला में आशा वर्कर, हेल्थ वर्कर ठंड की परवाह न करके बर्फ के बीच पैदल चलकर लोगों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं. लाहौल घाटी में अब तक करीब 7500 लोगों की स्क्रीनिंग पूरी हो चुकी है.
क्षयरोग विभाग के सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर सुखदीप नलवा ने बताया कि अभी तक की स्क्रीनिंग के दौरान लाहौल में 6 मरीजों में टीबी के पॉजिटिव लक्षण पाए गए है. इन मरीजों को एंटी टीबी डॉट्स में डाल कर उपचार शुरू कर दिया है. बर्फ से ड़के चंद्रा, तोद और मयाड़ घाटी में इस अभियान को अंजाम देने में स्वास्थ्य कर्मियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि यह अभियान 30 नवंबर तक जारी रहेगा.
स्वास्थ्य कर्मी प्रेम ने कहा कि बर्फबारी वाले इलाकों में सड़कें बंद होने के कारण स्क्रीनिंग के लिए लोगों तक पहुंचना भी एक चुनौती है. जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. जगदीश ने कहा कि बर्फबारी और माइनस तापमान में टीबी उन्मूलन अभियान में जुटे स्वास्थ्य कर्मी ईमानदारी के साथ अपना काम कर रहे हैं.
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