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कृषि उपज मंडी समिति के कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, ये मांगें उठाई - kullu protest on protest agriculture bill

कुल्लू में कृषि उपज मंडी समिति के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. इस मौके पर कर्मचारियों ने कहा कि नए विधेयक से मंडी समितियों की आय में बहुत कमी आएगी. इससे मंडियों के रखरखाव, नई मंडियो का निर्माण और कर्मचारियों के वेतन व भत्ता देना बहुत मुश्किल हो जाएगा.

Agricultural Market Committee Protest
Agricultural Market Committee Protest
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Published : Sep 27, 2020, 10:16 PM IST

कुल्लूः केंद्र सरकार की ओर से पारित कृषि उपज वाणिज्य और व्यापार विधेयक को लेकर कृषि उपज मंडी समिति कुल्लू और लाहौल स्पीति के कर्मचारियों ने रोष प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने कहा कि नए विधेयक से मंडी समितियों की आय में बहुत कमी आएगी. इससे मंडियों के रखरखाव, नई मंडियो का निर्माण और कर्मचारियों के वेतन व भत्ता देना बहुत मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में कर्मचारियों को भारी परेशानियों से गुजरना पड़ेगा.

वीडियो.

कर्मचारियों का कहना है कि नए विधेयक में व्यापारियों को मंडियों से बाहर कहीं से भी बिना लाइसेंस व बिना फीस दिए काम करने का प्रावधान है जबकि मंडी में कार्यरत को अपने कारोबार का 1% मंडी शुल्क अदा करना होता है. मंडियो के बाहर चलते फिरते व्यपारियों द्वारा किसानों से धोखाधड़ी के मामले सुर्खियों में रहे हैं.

इस विधेयक के आने से मंडियो में कार्यरत व्यपारी बाहर का रुख करेंगे. वर्तमान में मंडी समिति मंडी शुल्क से अपने खर्चे चलाती है. नया विधेयक लागू होने से मंडी समितियों की आय बहुत ही कम हो जाएगी जिससे मंडी समितिया बंद हो जाएंगी और कृषि विपणन भी बर्बाद हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि मंडी समिति कर्मचारियों द्वारा केंद्र सरकार से इस विधेयक को संशोधित करने की मांग रखी है और माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि हिमाचल प्रदेश कृषि मंडी समितियों के कर्मचारियों को राज्य सरकार के कर्मचारी घोषित किया जाए.

ये भी पढ़ें- हमीरपुर में 1308 अभ्यर्थियों ने दी कार्यकारी अधिकारियों एवं सचिवों की भर्ती परीक्षा, 1233 अभ्यर्थी अनुपस्थित

ये भी पढ़ें- जोगिंद्रनगर में 1 किलो 947 ग्राम चरस के साथ तीन युवक गिरफ्तार, पुलिस ने दर्ज किया मामला

कुल्लूः केंद्र सरकार की ओर से पारित कृषि उपज वाणिज्य और व्यापार विधेयक को लेकर कृषि उपज मंडी समिति कुल्लू और लाहौल स्पीति के कर्मचारियों ने रोष प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने कहा कि नए विधेयक से मंडी समितियों की आय में बहुत कमी आएगी. इससे मंडियों के रखरखाव, नई मंडियो का निर्माण और कर्मचारियों के वेतन व भत्ता देना बहुत मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में कर्मचारियों को भारी परेशानियों से गुजरना पड़ेगा.

वीडियो.

कर्मचारियों का कहना है कि नए विधेयक में व्यापारियों को मंडियों से बाहर कहीं से भी बिना लाइसेंस व बिना फीस दिए काम करने का प्रावधान है जबकि मंडी में कार्यरत को अपने कारोबार का 1% मंडी शुल्क अदा करना होता है. मंडियो के बाहर चलते फिरते व्यपारियों द्वारा किसानों से धोखाधड़ी के मामले सुर्खियों में रहे हैं.

इस विधेयक के आने से मंडियो में कार्यरत व्यपारी बाहर का रुख करेंगे. वर्तमान में मंडी समिति मंडी शुल्क से अपने खर्चे चलाती है. नया विधेयक लागू होने से मंडी समितियों की आय बहुत ही कम हो जाएगी जिससे मंडी समितिया बंद हो जाएंगी और कृषि विपणन भी बर्बाद हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि मंडी समिति कर्मचारियों द्वारा केंद्र सरकार से इस विधेयक को संशोधित करने की मांग रखी है और माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि हिमाचल प्रदेश कृषि मंडी समितियों के कर्मचारियों को राज्य सरकार के कर्मचारी घोषित किया जाए.

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