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कुल्लू दशहरे में मंडी शिवरात्रि मेले की तरह हों व्यापारिक गतिविधियां, इन्होंने सरकार से की ये मांग

कुल्लू के अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव पर अभी तक प्रशासन ने कोई फैसला नहीं लिया, लेकिन सदर विधायक सुंदर ठाकुर ने सरकार से यहां मंडी शिवरात्रि की तहर व्यापारिक गतिविधियां आयोजित करने की मांग की. उनका कहना है कि इससे व्यापारियों सहित दशहरा उत्सव कमेटी को फायदा होगा.

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कुल्लू दशहरा उत्सव.
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Published : Sep 24, 2021, 6:16 PM IST

कुल्लू: अगले महीने ढालपुर में मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के आयोजन पर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है. हालांकि, जिला प्रशासन ने देवी-देवताओं के आगमन पर कोई रोक नहीं लगाई, लेकिन इस दशहरे का क्या स्वरूप रहेगा इस बारे अभी भी कोई निर्णय प्रशासन ने अभी तक नहीं लिया है.



वहीं, सदर विधायक सुंदर ठाकुर ने मांग की है कि मंडी शिवरात्रि मेले की तर्ज पर कुल्लू दशहरा उत्सव में भी सभी प्रकार की व्यापारिक गतिविधियों को आयोजित किया जाना चाहिए. विधायक का कहना है कि जब मंडी शिवरात्रि में सभी गतिविधियां हो सकती तो यहां दशहरे के साथ इस प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. सुंदर ठाकुर ने कहा कि व्यापारी गतिविधियों में स्थानीय व्यापारियों को मौका दिया जाना चाहिए और यहां पर पारंपरिक खानपान और हथकरघा, हस्तशिल्प से जुड़े हुए उत्पादों के स्टॉल भी लगाए जाने चाहिए, ताकि कोरोना की मार झेल चुके स्थानीय व्यापारियों को भी राहत मिल सके.

उन्होंने कहा कि देवी देवताओं की परंपराओं को भी पूरी तरह से निभाया जाना चाहिए और उन्हें नजराना भी दिया जाना चाहिए. व्यापारिक गतिविधियों से जहां दशहरा उत्सव कमेटी को आय होगी. वहीं, इस आय से दशहरा उत्सव के खर्च भी आसानी से निकल सकेंगे. ठाकुर ने कहा कि दशहरा उत्सव देव समाज से जुड़ा हुआ प्रमुख उत्सव और इस उत्सव में घाटी के लोगों के अलावा बाहरी जिलों से भी लोग देवी-देवताओं के दर्शनों को आते हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार अपने खजाने से भी इस उत्सव का आयोजन कर सकती है. लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार को इस मेले में व्यापारिक गतिविधियों का भी आयोजन करना चाहिए.

ये भी पढ़ें :शिक्षा विभाग ने जारी की SOP, कोविड प्रोटोकॉल पालन नहीं करने पर होगी कार्रवाई

कुल्लू: अगले महीने ढालपुर में मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के आयोजन पर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है. हालांकि, जिला प्रशासन ने देवी-देवताओं के आगमन पर कोई रोक नहीं लगाई, लेकिन इस दशहरे का क्या स्वरूप रहेगा इस बारे अभी भी कोई निर्णय प्रशासन ने अभी तक नहीं लिया है.



वहीं, सदर विधायक सुंदर ठाकुर ने मांग की है कि मंडी शिवरात्रि मेले की तर्ज पर कुल्लू दशहरा उत्सव में भी सभी प्रकार की व्यापारिक गतिविधियों को आयोजित किया जाना चाहिए. विधायक का कहना है कि जब मंडी शिवरात्रि में सभी गतिविधियां हो सकती तो यहां दशहरे के साथ इस प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. सुंदर ठाकुर ने कहा कि व्यापारी गतिविधियों में स्थानीय व्यापारियों को मौका दिया जाना चाहिए और यहां पर पारंपरिक खानपान और हथकरघा, हस्तशिल्प से जुड़े हुए उत्पादों के स्टॉल भी लगाए जाने चाहिए, ताकि कोरोना की मार झेल चुके स्थानीय व्यापारियों को भी राहत मिल सके.

उन्होंने कहा कि देवी देवताओं की परंपराओं को भी पूरी तरह से निभाया जाना चाहिए और उन्हें नजराना भी दिया जाना चाहिए. व्यापारिक गतिविधियों से जहां दशहरा उत्सव कमेटी को आय होगी. वहीं, इस आय से दशहरा उत्सव के खर्च भी आसानी से निकल सकेंगे. ठाकुर ने कहा कि दशहरा उत्सव देव समाज से जुड़ा हुआ प्रमुख उत्सव और इस उत्सव में घाटी के लोगों के अलावा बाहरी जिलों से भी लोग देवी-देवताओं के दर्शनों को आते हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार अपने खजाने से भी इस उत्सव का आयोजन कर सकती है. लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार को इस मेले में व्यापारिक गतिविधियों का भी आयोजन करना चाहिए.

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