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कुल्लू में सड़कों पर बेसहारा जानवर, DC ने दिए गौसदन में आश्रय देने के निर्देश - कुल्लू में डीसी की बैठक

कुल्लू-मनाली में बेसहारा जानवरों (Stray Animals in kullu) को सड़कों पर देखकर उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने संबंधित विभाग को उन्हें शीघ्र गौ सदनों में आश्रय देने के निर्देश दिए (DC Kullu Meeting On Stray Animals) हैं. साथ ही कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति अपने पशु को बेसहारा छोड़ता पाया गया तो उसपर सख्त कारवाई की जाएगी.

DC Kullu Meeting On Stray Animals
कुल्लू में सड़कों पर बेसहारा जानवर
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Published : Sep 2, 2022, 3:42 PM IST

कुल्लू: गौसदनों के संचालन व व्यवस्था को लेकर आज कुल्लू में एक बैठक का आयोजन किया (DC Kullu Meeting) गया. इस दौरान मनाली से भुंतर के बीच राष्ट्रीय राजमार्गों पर बेसहारा जानवरों की मौजूदगी को लेकर उपायुक्त आशुतोष गर्ग काफी नाराज दिखे. वर्तमान में लगभग 750 बेसहारा जानवर सड़कों पर विचरण कर रहे (DC Kullu Meeting On Stray Animals) हैं. ऐसे में उन्होंने बैठक में साफ तौर पर नगर परिषद और स्थानीय ग्राम पंचायतें इन बेसहारा जानवरों को शीघ्र गौ सदनों में आश्रय देने को कहा.

उपायुक्त ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने पशु को बेसहारा छोड़ता पाया गया तो सख्त कारवाई की (DC Kullu On Stray Animals) जाएगी. उन्होंने कहा कि बेसहारा पशुओं के कारण वाहन दुर्घटनाओं की हर समय आंशका बनी रहती है और बिना कारण इन बेजुबान जानवरों को काल का ग्रास बनना पड़ता है और घायल होना पड़ता (Stray Animals in kullu) है. उन्होंने कहा कि पशुओं को इस प्रकार बेसहारा छोड़ देना पाप है. उप निदेशक पशु पालन डॉ. विशाल शर्मा ने बैठक में उपायुक्त को अवगत करवाया कि जिले में कुल 11 गौ सदन हैं जिनमें 1544 पशुओं के रखने की क्षमता है.

विशाल शर्मा ने कहा कि वर्तमान में इनमें लगभग 220 पशु हैं और गौ सदन संचालकों ने गर्मियों व बरसात के दौरान बहुत से मवेशियों को चारागाहों में छोड़ा है, जिन्हें बर्फ और ठंड पड़ने से पूर्व पुनः गौ सदनों में लाया जाएगा. बैठक में जानकारी दी गई कि रांगड़ी गौ सदन की क्षमता 300 की है और इसका संचालन स्थानीय नगर निकाय कर रही है. गौ सदन कटाराईं की क्षमता 450 पशुओं को आश्रय प्रदान करने की है. शिरढ़ की क्षमता 210, बंदरोल की 200, बाशिंग की 60, लंका बेकर कुललू की 160, वैष्णो माता गौसदन की 50, सैंज दामन की 35, शिंगड निरमंड की 50 और देवरी आनी की क्षमता 50 गायों को रखने की है.

आशुतोष गर्ग ने कहा कि सड़कों पर बेसहारा जानवरों को नजदीकी गौसदनों तक पहुंचाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मनाली के बाहंग में 1.76 करोड़ की लागत से लगभग 36 बीघा भूमि में गौ सदन व चारागाह बनाया जा रहा है. इसके लिये सरकार ने एक करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है. उन्होंने इस भूमि की डिमार्केशन के लिए तहसीलदार को कहा. उन्होंने इस भूमि पर बिजली की लाइनों को भी स्थानांतरित करने का मामला विद्युत बोर्ड के साथ उठाने के लिए संबंधित विभाग को निर्देश दिए.

उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बंजार के गौसदन को भी कार्यशील बनाने को कहा. उपायुक्त ने कहा कि गौसदन के लिए धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी. बशर्ते कि वनभूमि का एफसीए इत्यादि क्लीयर हो. उन्होंने स्थानीय ग्राम पंचायतों से भी अपनी पंचायतों में गौसदनों का निर्माण करवाने को कहा. उन्होंने कहा कि लोग इस पुनीत कार्य के लिए भूमि दान करने के लिए आगे आएं.

ये भी पढ़ें: विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज की कांग्रेस को चुनौती, विकास पर करें बहस, 19 साबित हुआ तो छोड़ दूंगा राजनीति

कुल्लू: गौसदनों के संचालन व व्यवस्था को लेकर आज कुल्लू में एक बैठक का आयोजन किया (DC Kullu Meeting) गया. इस दौरान मनाली से भुंतर के बीच राष्ट्रीय राजमार्गों पर बेसहारा जानवरों की मौजूदगी को लेकर उपायुक्त आशुतोष गर्ग काफी नाराज दिखे. वर्तमान में लगभग 750 बेसहारा जानवर सड़कों पर विचरण कर रहे (DC Kullu Meeting On Stray Animals) हैं. ऐसे में उन्होंने बैठक में साफ तौर पर नगर परिषद और स्थानीय ग्राम पंचायतें इन बेसहारा जानवरों को शीघ्र गौ सदनों में आश्रय देने को कहा.

उपायुक्त ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने पशु को बेसहारा छोड़ता पाया गया तो सख्त कारवाई की (DC Kullu On Stray Animals) जाएगी. उन्होंने कहा कि बेसहारा पशुओं के कारण वाहन दुर्घटनाओं की हर समय आंशका बनी रहती है और बिना कारण इन बेजुबान जानवरों को काल का ग्रास बनना पड़ता है और घायल होना पड़ता (Stray Animals in kullu) है. उन्होंने कहा कि पशुओं को इस प्रकार बेसहारा छोड़ देना पाप है. उप निदेशक पशु पालन डॉ. विशाल शर्मा ने बैठक में उपायुक्त को अवगत करवाया कि जिले में कुल 11 गौ सदन हैं जिनमें 1544 पशुओं के रखने की क्षमता है.

विशाल शर्मा ने कहा कि वर्तमान में इनमें लगभग 220 पशु हैं और गौ सदन संचालकों ने गर्मियों व बरसात के दौरान बहुत से मवेशियों को चारागाहों में छोड़ा है, जिन्हें बर्फ और ठंड पड़ने से पूर्व पुनः गौ सदनों में लाया जाएगा. बैठक में जानकारी दी गई कि रांगड़ी गौ सदन की क्षमता 300 की है और इसका संचालन स्थानीय नगर निकाय कर रही है. गौ सदन कटाराईं की क्षमता 450 पशुओं को आश्रय प्रदान करने की है. शिरढ़ की क्षमता 210, बंदरोल की 200, बाशिंग की 60, लंका बेकर कुललू की 160, वैष्णो माता गौसदन की 50, सैंज दामन की 35, शिंगड निरमंड की 50 और देवरी आनी की क्षमता 50 गायों को रखने की है.

आशुतोष गर्ग ने कहा कि सड़कों पर बेसहारा जानवरों को नजदीकी गौसदनों तक पहुंचाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मनाली के बाहंग में 1.76 करोड़ की लागत से लगभग 36 बीघा भूमि में गौ सदन व चारागाह बनाया जा रहा है. इसके लिये सरकार ने एक करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है. उन्होंने इस भूमि की डिमार्केशन के लिए तहसीलदार को कहा. उन्होंने इस भूमि पर बिजली की लाइनों को भी स्थानांतरित करने का मामला विद्युत बोर्ड के साथ उठाने के लिए संबंधित विभाग को निर्देश दिए.

उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बंजार के गौसदन को भी कार्यशील बनाने को कहा. उपायुक्त ने कहा कि गौसदन के लिए धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी. बशर्ते कि वनभूमि का एफसीए इत्यादि क्लीयर हो. उन्होंने स्थानीय ग्राम पंचायतों से भी अपनी पंचायतों में गौसदनों का निर्माण करवाने को कहा. उन्होंने कहा कि लोग इस पुनीत कार्य के लिए भूमि दान करने के लिए आगे आएं.

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