ETV Bharat / city

महाशिवरात्रि 2022: मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब, हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजा शिवालय

महाशिवरात्रि पर सुबह से ही हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ दिखाई दे रही है. जिला कुल्लू में भगवान शिव का त्योहार शिवरात्रि धूमधाम से मनाया जा रहा है. जिला के सभी शिवालय पूरी तरह से सज गए हैं. जिला कुल्लू के मुख्यालय खराहल घाटी के शीर्ष पर स्थित बिजली महादेव मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों का आना जारी है. सरवरी के भूतनाथ मंदिर में भी सुबह 4 बजे से ही भक्तों की लंबी लाइनें लगी हुई हैं. इसके अलावा जिला के सभी शिवालयों में भी भगवान के दर्शनों को श्रद्धालु जुटे हुए हैं.

mahashivratri 2022
महाशिवरात्रि 2022
author img

By

Published : Mar 1, 2022, 2:11 PM IST

कुल्लू/पांवटा साहिब: आज महाशिवरात्रि का पर्व है. सनातन धर्म में महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और मां पार्वती (Maa Parvati) की पूजा-अर्चना की जाती है. फागुन कृष्ण पक्ष की चतुदर्शी तिथि यानी महाशिवरात्रि आज पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है.

महाशिवरात्रि पर सुबह से ही हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ दिखाई दे रही है. जिला कुल्लू में भगवान शिव का त्योहार शिवरात्रि धूमधाम से मनाया जा रहा है. जिला के सभी शिवालय पूरी तरह से सज गए हैं. जिला कुल्लू के मुख्यालय खराहल घाटी के शीर्ष पर स्थित बिजली महादेव मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों का आना जारी है. सरवरी के भूतनाथ मंदिर में भी सुबह 4 बजे से ही भक्तों की लंबी लाइनें लगी हुई हैं. इसके अलावा जिला के सभी शिवालयों में भी भगवान के दर्शनों को श्रद्धालु जुटे हुए हैं.

बिजली महादेव मंदिर के कपाट भी शिवरात्रि के अवसर पर एक दिन के लिए खोल दिए गए हैं. तीन माह पूर्व बिजली महादेव के कपाट देवविधि के अनुसार बंद हुए थे. महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य पर मंगलवार को बिजली महादेव श्रद्धालुओं और भक्तों को दर्शन दे रहे हैं. इसके बाद दोबारा मंदिर के कपाट चैत्र संक्रांति पर देवविधि के साथ खोल दिए जाएंगे.

वहीं, जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में भी महाशविरात्रि पर सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी हुई है. देव भूमि हिमाचल देवी देवताओं की धरती कहा जाता है आज भी यहां कई प्राचीन व धार्मिक स्थल है जो अपने आप में कई इतिहास समेटे हुए हैं. इसी श्रृंखला में पांवटा साहिब से करीब 5 किलोमीटर दूर महादेव चौक से कुछ दूरी पर ग्राम पातलियों के घने जंगल के किनारे पर स्थित प्राचीन श्री पातालेश्वर महादेव मंदिर है जो कि शिवभक्त श्रद्धा, आस्था और विश्वास का प्रमुख केंद्र माना जाता है. ये मंदिर अपने आप में एक विशेष धार्मिक इतिहास समाए हुए हैं. जैसे शिव की महिमा को लिख पाना बड़ा मुश्किल है, वैसे ही यह भी बता पाना कुछ मुश्किल सा प्रतीत होता है कि शिव धाम का इतिहास कितना पुराना है.

मंदिर का इतिहास: पातालेश्वर मंदिर में कहा जाता है कि यहां पर पांडवों ने भी काफी समय बिताया है इसके साथ द्वापर युग में योग शास्त्र के महर्षि पतंजलि महाराज ने इस स्थान पर भगवान शंकर जी की घोर तपस्या की थी. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ जी ने महर्षि को वरदान दिया कि इस स्थान पर ऐसे विशाल दिव्य अलौकिक रूप से सदा- सदा के लिए प्रकट होगी, जो की दूर-दूर तक कहीं ना हो, ताकि इस स्थान पर शिव भक्ति में डूबे भक्त निरंतर चलते रहे. जन-जन का भला हो. यहां पहुंचकर शीश नावाने वालों का सदा व सबका भला होता रहे.

ये भी पढ़ें: Positive Bharat Podcast: देवों के देव महादेव के व्यक्तित्व से सीखें ये महत्वपूर्ण बातें...

कुल्लू/पांवटा साहिब: आज महाशिवरात्रि का पर्व है. सनातन धर्म में महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और मां पार्वती (Maa Parvati) की पूजा-अर्चना की जाती है. फागुन कृष्ण पक्ष की चतुदर्शी तिथि यानी महाशिवरात्रि आज पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है.

महाशिवरात्रि पर सुबह से ही हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ दिखाई दे रही है. जिला कुल्लू में भगवान शिव का त्योहार शिवरात्रि धूमधाम से मनाया जा रहा है. जिला के सभी शिवालय पूरी तरह से सज गए हैं. जिला कुल्लू के मुख्यालय खराहल घाटी के शीर्ष पर स्थित बिजली महादेव मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों का आना जारी है. सरवरी के भूतनाथ मंदिर में भी सुबह 4 बजे से ही भक्तों की लंबी लाइनें लगी हुई हैं. इसके अलावा जिला के सभी शिवालयों में भी भगवान के दर्शनों को श्रद्धालु जुटे हुए हैं.

बिजली महादेव मंदिर के कपाट भी शिवरात्रि के अवसर पर एक दिन के लिए खोल दिए गए हैं. तीन माह पूर्व बिजली महादेव के कपाट देवविधि के अनुसार बंद हुए थे. महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य पर मंगलवार को बिजली महादेव श्रद्धालुओं और भक्तों को दर्शन दे रहे हैं. इसके बाद दोबारा मंदिर के कपाट चैत्र संक्रांति पर देवविधि के साथ खोल दिए जाएंगे.

वहीं, जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में भी महाशविरात्रि पर सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी हुई है. देव भूमि हिमाचल देवी देवताओं की धरती कहा जाता है आज भी यहां कई प्राचीन व धार्मिक स्थल है जो अपने आप में कई इतिहास समेटे हुए हैं. इसी श्रृंखला में पांवटा साहिब से करीब 5 किलोमीटर दूर महादेव चौक से कुछ दूरी पर ग्राम पातलियों के घने जंगल के किनारे पर स्थित प्राचीन श्री पातालेश्वर महादेव मंदिर है जो कि शिवभक्त श्रद्धा, आस्था और विश्वास का प्रमुख केंद्र माना जाता है. ये मंदिर अपने आप में एक विशेष धार्मिक इतिहास समाए हुए हैं. जैसे शिव की महिमा को लिख पाना बड़ा मुश्किल है, वैसे ही यह भी बता पाना कुछ मुश्किल सा प्रतीत होता है कि शिव धाम का इतिहास कितना पुराना है.

मंदिर का इतिहास: पातालेश्वर मंदिर में कहा जाता है कि यहां पर पांडवों ने भी काफी समय बिताया है इसके साथ द्वापर युग में योग शास्त्र के महर्षि पतंजलि महाराज ने इस स्थान पर भगवान शंकर जी की घोर तपस्या की थी. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ जी ने महर्षि को वरदान दिया कि इस स्थान पर ऐसे विशाल दिव्य अलौकिक रूप से सदा- सदा के लिए प्रकट होगी, जो की दूर-दूर तक कहीं ना हो, ताकि इस स्थान पर शिव भक्ति में डूबे भक्त निरंतर चलते रहे. जन-जन का भला हो. यहां पहुंचकर शीश नावाने वालों का सदा व सबका भला होता रहे.

ये भी पढ़ें: Positive Bharat Podcast: देवों के देव महादेव के व्यक्तित्व से सीखें ये महत्वपूर्ण बातें...

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.