कुल्लू: जिला में आने वाले दिनों में लगातार बारिश होती है तो ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से एक बार फिर बेली ब्रिज को खतरा पैदा हो सकता है. दरअसल इस बात के संकेत पीडब्ल्यूडी ने दिए थे और विभाग ने उपायुक्त ऋचा वर्मा को पत्र लिखकर सूचना दी थी, लेकिन पार्किंग का निर्माण करने वाले ठेकेदार ने इस बात का खंडन किया है और प्रशासन से इस संबंध में जांच करने की मांग की है.
ठेकेदार अमित कुमार ने बताया कि रामशिला के पार्किंग का जो विस्तार कार्य हुआ है वो पहले से बनी हुई अखाड़ा बाजार की पार्किंग के साथ हुआ है. पार्किंग की सुरक्षा दीवार को बनाते टाइम जो खुदाई की गई थी उसको फिर से समतल कर दिया गया है, जिस वजह से नदी का प्रवाह पहले की तरह है. उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग अपनी नाकामी छिपाने के लिए उन पर आरोप लगा रहे हैं.
अमित कुमार ने बताया कि जब पहली बार बैली ब्रिज का निर्माण हुआ था तो उसमें विभाग ने ह्यूम पाइप डलवाए थे, जिसकी सूचना उन्होंने तत्कालीन डीसी को दी थी कि ये पाइप पहली बरसात भी नहीं झेल पाएंगे, लेकिन दशहरा उत्सव को ध्यान में रखते हुए लोक निर्माण विभाग ने आनन-फानन में बेली ब्रिज के बीच में पाइप डलवा दी थी.
अमित कुमार ने बताया कि दोनों ब्रिज को जोड़ने के लिए कंक्रीट की मजबूती को देखते हुए छत और मध्य में सुरक्षा के लिए दीवार बनाई जानी चाहिए थी, ताकि नदी के प्रवाह को कोई रुकावट ना हो. उन्होंने बताया कि इस बारे में उन्होंने डीसी कुल्लू को भी एक पत्र सौंपा है ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके.
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने पत्र में लिखा था कि नगर परिषद के वार्ड नंबर एक में पार्किंग के काम के दौरान नदी का रुख दूसरी ओर किया गया है, लेकिन पार्किंग तैयार होने के बाद जिस तरह से पानी का रुख बदला था, उसे अपने स्थान पर नहीं किया गया, जिससे पुल को खतरा हो गया है.
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