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ये कोई व्यापार नहीं, देव कारज है...कोविड की आड़ में देवी-देवताओं को नजराना न देना दुर्भाग्यपूर्ण: विक्रमादित्य सिंह - ये कोई व्यापार नहीं देव कारज है

कुल्लू दौरे पर पहुंचे कांग्रेस के युवा नेता विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार को ढालपुर मैदान में देवी-देवताओं के दर्शन किए. वहीं देवी-देवताओं को नजराना ना दिए जाने पर उन्होंने अपना रोष भी व्यक्त किया. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि देवी-देवताओं को नजराना ना दिया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

कुल्लू
विक्रमादित्य सिंह
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Published : Oct 18, 2021, 7:49 PM IST

Updated : Oct 18, 2021, 10:10 PM IST

कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा मैदान में आए देवी-देवताओं को नजराना न दिए जाने पर पहले कुल्लू जिले के पुजारी कल्याण संघ ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी. वहीं, अब कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने भी इस मामले में प्रदेश सरकार को घेरा है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि देवी-देवताओं को नजराना ना दिया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.


कुल्लू दौरे पर पहुंचे कांग्रेस के युवा नेता विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार को ढालपुर मैदान में देवी-देवताओं के दर्शन किए. वहीं, देवी-देवताओं को नजराना ना दिए जाने पर उन्होंने अपना रोष भी व्यक्त किया. विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह ने देवी-देवताओं को नजराना देने की पहल शुरू की थी जो अब जयराम सरकार ने बंद कर दी है.

वीडियो.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से कोविड-19 का बहाना बनाकर देवी-देवताओं को नजराना ना देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. विक्रमादित्य सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के नेता खुद लग्जरी गाड़ियों में घूम रहें हैं यहां तक सरकार बुलेट प्रूफ गाड़ियां खरीद रही है लेकिन देवी- देवताओं को नजराना देने के नाम पर कोविड-19 का बहाना बनाया जा रहा है. ऐसे में देवी-देवताओं को नजराना न देना देव समाज के खिलाफ है जिसकी वे कड़ी निंदा करते हैं.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों में देवी-देवताओं के प्रति अटूट श्रद्धा है, लेकिन सरकार अब देवी-देवताओं के नियमों पर भारी पड़ रही है. सरकार को चाहिए कि वे देवी-देवताओं के सम्मान में नजराना की राशि को जारी करें. वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने कुल्लू में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और मंडी लोकसभा चुनावों में प्रत्याशी प्रतिभा सिंह के लिए समर्थन की मांग की.

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरे के दौरान देवी-देवताओं के लिए दिए जाने वाले नजराने पर रोक लगाई गई है. सरकार का तर्क है कि, कोविड 19 की वजह से प्रदेश की आर्थिकी पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. ऐसे में आमदनी कम होने की वजह से सरकार इस बार देवी-देवताओं को नजराना देने में सक्षम नहीं है.

ये भी पढ़ें : कुल्लू दशहरा में प्रशासनिक व्यवस्थाओं के दावों की खुली पोल, बारिश में रात भर जागते रहे देवलु

कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा मैदान में आए देवी-देवताओं को नजराना न दिए जाने पर पहले कुल्लू जिले के पुजारी कल्याण संघ ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी. वहीं, अब कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने भी इस मामले में प्रदेश सरकार को घेरा है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि देवी-देवताओं को नजराना ना दिया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.


कुल्लू दौरे पर पहुंचे कांग्रेस के युवा नेता विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार को ढालपुर मैदान में देवी-देवताओं के दर्शन किए. वहीं, देवी-देवताओं को नजराना ना दिए जाने पर उन्होंने अपना रोष भी व्यक्त किया. विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह ने देवी-देवताओं को नजराना देने की पहल शुरू की थी जो अब जयराम सरकार ने बंद कर दी है.

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विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से कोविड-19 का बहाना बनाकर देवी-देवताओं को नजराना ना देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. विक्रमादित्य सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के नेता खुद लग्जरी गाड़ियों में घूम रहें हैं यहां तक सरकार बुलेट प्रूफ गाड़ियां खरीद रही है लेकिन देवी- देवताओं को नजराना देने के नाम पर कोविड-19 का बहाना बनाया जा रहा है. ऐसे में देवी-देवताओं को नजराना न देना देव समाज के खिलाफ है जिसकी वे कड़ी निंदा करते हैं.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों में देवी-देवताओं के प्रति अटूट श्रद्धा है, लेकिन सरकार अब देवी-देवताओं के नियमों पर भारी पड़ रही है. सरकार को चाहिए कि वे देवी-देवताओं के सम्मान में नजराना की राशि को जारी करें. वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने कुल्लू में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और मंडी लोकसभा चुनावों में प्रत्याशी प्रतिभा सिंह के लिए समर्थन की मांग की.

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरे के दौरान देवी-देवताओं के लिए दिए जाने वाले नजराने पर रोक लगाई गई है. सरकार का तर्क है कि, कोविड 19 की वजह से प्रदेश की आर्थिकी पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. ऐसे में आमदनी कम होने की वजह से सरकार इस बार देवी-देवताओं को नजराना देने में सक्षम नहीं है.

ये भी पढ़ें : कुल्लू दशहरा में प्रशासनिक व्यवस्थाओं के दावों की खुली पोल, बारिश में रात भर जागते रहे देवलु

Last Updated : Oct 18, 2021, 10:10 PM IST
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