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होली के रंग में उड़ा राजनीति का गुब्बार, गले मिले महेश्वर और रामस्वरूप, क्या रंग दिखाएगा ये मिलन!

होली के मौके पर जिस तरह से सीएम के सामने रामस्वरूप और महेश्वर सिंह ने एक दूसरे को गुलाल लगाया है इससे ये समझ लिया जाए की मंडी में मामला सेट हो गया है? मंडी संसदीय सीट सीएम जयराम के लिए नाक का सवाल बनी है. मंडी सीएम का गृह जिला है. आश्रय शर्मा के चुनावी मैदान में उतरने के बाद सीएम ने मोर्चा संभाला और कड़क तेवर दिखाते हुए आश्रय को मैदान से हटाकर रामस्वरूप के लिए मैदान खाली कर दिया.

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Published : Mar 19, 2019, 1:58 PM IST

एक दूसरे के गले मिलते महेश्वर सिंह और रामस्वरूप शर्मा

कुल्लू: होली का त्यौहार शुरू हो गया है. चुनावी पोस्टर के साथ गुलाल भी उड़ने लगा है. चुनावी मौसम में नेता एक दूसरे को गुलाल लगाकर अतीत में रिश्ते में आई दरारों को भर रहे हैं. वो कहते हैं की होली के दिन दिल खिल जाते हैं. रंगों में रंग मिल जाते हैं और पुरानी प्रतिद्वंदिता रंग की खुशबू में घुल जाती है.

पुराने गिले शिकवों को भुलना हो तो होली सबसे अच्छा मौका है. जिला कुल्लू के दौरे पर पहुंचे सीएम जयराम ठाकुर ने नागवाई में कार्यकर्ताओं के साथ होली मनाई और प्रदेशवासियों को होली की बधाई भी दी. सीएम ने कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए टिप्स भी दिए और एकजुट होकर काम करने के लिए भी कहा.

होली मनाने के बाद सीएम जयराम, रामस्वरूप शर्मा और कार्यकर्ता
होली मनाने के बाद सीएम जयराम, रामस्वरूप शर्मा और कार्यकर्ता

वहीं, इस मौके पर बीजेपी के दो धुरंधरों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर राजीनतिक प्रतिद्वंदिता को पाट दिया. मंडी सीट से दो दावेदार रामस्वरूप शर्मा और महेंद्र सिंह ठाकुर आपस में गले मिले और एक दूसरे को रंग लगाया. मंडी संसदीय क्षेत्र इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. रामस्वरूप शर्मा जहां वर्तमान में सांसद हैं तो वहीं, महेश्वर सिंह तीन बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा में मंडी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

एक दूसरे को मिठाई खिलाते महेश्वर सिंह और सीएम जयराम
एक दूसरे को मिठाई खिलाते महेश्वर सिंह और सीएम जयराम

मंडी संसदीय सीट से टिकट के दावेदारी जताने वाले प्रत्याशी लोकसभा की टिकट के लिए दिल्ली में बड़े नेताओं के समक्ष अपनी हाजिरी लगा चुके हैं. वहीं, कार्यकर्ताओं के बीच में जाकर भी जनता से समर्थन मांगने में जुटे हुए हैं. महेश्वर सिंह ठाकुर टिकट के लिए दिल्ली में नरेंद्र मोदी के साथ बीजेपी के कई बड़े नेताओं से मिल चुके हैं. महेश्वर सिंह कई दिन तक दिल्ली में लंगर डाल कर बैठे थे.
एक दूसरे के गले मिलते महेश्वर सिंह और रामस्वरूप शर्मा
एक दूसरे के गले मिलते महेश्वर सिंह और रामस्वरूप शर्मा


होली के मौके पर जिस तरह से सीएम के सामने रामस्वरूप और महेश्वर सिंह ने एक दूसरे को गुलाल लगाया है इससे ये समझ लिया जाए की मंडी में मामला सेट हो गया है? मंडी संसदीय सीट सीएम जयराम के लिए नाक का सवाल बनी है. मंडी सीएम का गृह जिला है. आश्रय शर्मा के चुनावी मैदान में उतरने के बाद सीएम ने मोर्चा संभाला और कड़क तेवर दिखाते हुए आश्रय को मैदान से हटाकर रामस्वरूप के लिए मैदान खाली कर दिया.


क्या इस होली मिलन के बाद चुनाव में किसी एक को टिकट मिलने पर दोनों नेता मिलजुलकर काम करेंगे और नतीजों के दिन जीत की होली मनाएंगे? महेश्वर सिंह पहले ही साफ कर चुके हैं कि टिकट मिले या न मिले वो पार्टी के लिए काम करेंगे. क्या महेश्वर को दिल्ली दरबार से खाली हाथ लौटना पड़ा है और वो अब पार्टी के साथ खड़े हो गए हैं. ये कुछ समय बाद साफ हो जाएगा. अभी भी मंडी सीट पर एक अनार सौ बीमार बाली स्थिति बनी है. महेश्वर सिंह, आश्रय शर्मा, ब्रिगेडियर खुशाल सिंह टिकट के लिए अजमाईश कर रहे हैं. रामस्वरूप का पलड़ा सब उम्मीदवारों से भारी लग रहा है. रामस्वरूप मंडी जिले के ही रहने वाले हैं और संघ की पृष्ठभूमि से हैं. सीएम के मंडी संसदीय क्षेत्र के दौरे के दौरान रामस्वरूप हमेशा उनके साथ दिखे. विधानसभा चुनाव के समय भी जयराम को सीएम बनाने के लिए रामस्वरूप ने आवाज बुलंद की थी. मंडी का सीएम और मंडी से ही सांसद ऐसे में ये फैक्टर भी रामस्वरूप शर्मा के पक्ष में जा सकता है.

महेश्वर सिंह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. वो पार्टी के बड़े नेता हैं इसमे कोई शक नहीं है, लेकिन उनकी एक गलती गलती कहें या महत्वाकांक्षा ने उन्हे बीजेपी से हाशिये पर धकेल दिया. 2012 विधानसभा चुनाव से पहले महेश्वर सिंह ने हिलोपा बनाई. बीजेपी को इसका कुछ नुकसान भी हुआ. हिलोपा में बीजेपी के कुछ पूर्व विधायक जैसे खुशीराम बालनाहटा जैसे नेता शामिल थे. ऐसे में बीजेपी के बोट बैंक में कुछ सेंधमारी हुई. 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले महेश्वर सिंह ने हिलोपा का बीजेपी में विलय कर लिया. महेश्वर सिंह बीजेपी की टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और हार गए. महेश्वर सिंह की ये हार अब टिकट की रेस से उन्हे बाहर कर सकती है.
फिल्हाल बीजेपी अपने उम्मीदवारों के नाम भी हाइकमान को भेज चुकी है. ऐसे में मुहर किसके नाम पर लगती है इसके लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा.

कुल्लू: होली का त्यौहार शुरू हो गया है. चुनावी पोस्टर के साथ गुलाल भी उड़ने लगा है. चुनावी मौसम में नेता एक दूसरे को गुलाल लगाकर अतीत में रिश्ते में आई दरारों को भर रहे हैं. वो कहते हैं की होली के दिन दिल खिल जाते हैं. रंगों में रंग मिल जाते हैं और पुरानी प्रतिद्वंदिता रंग की खुशबू में घुल जाती है.

पुराने गिले शिकवों को भुलना हो तो होली सबसे अच्छा मौका है. जिला कुल्लू के दौरे पर पहुंचे सीएम जयराम ठाकुर ने नागवाई में कार्यकर्ताओं के साथ होली मनाई और प्रदेशवासियों को होली की बधाई भी दी. सीएम ने कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए टिप्स भी दिए और एकजुट होकर काम करने के लिए भी कहा.

होली मनाने के बाद सीएम जयराम, रामस्वरूप शर्मा और कार्यकर्ता
होली मनाने के बाद सीएम जयराम, रामस्वरूप शर्मा और कार्यकर्ता

वहीं, इस मौके पर बीजेपी के दो धुरंधरों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर राजीनतिक प्रतिद्वंदिता को पाट दिया. मंडी सीट से दो दावेदार रामस्वरूप शर्मा और महेंद्र सिंह ठाकुर आपस में गले मिले और एक दूसरे को रंग लगाया. मंडी संसदीय क्षेत्र इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. रामस्वरूप शर्मा जहां वर्तमान में सांसद हैं तो वहीं, महेश्वर सिंह तीन बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा में मंडी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

एक दूसरे को मिठाई खिलाते महेश्वर सिंह और सीएम जयराम
एक दूसरे को मिठाई खिलाते महेश्वर सिंह और सीएम जयराम

मंडी संसदीय सीट से टिकट के दावेदारी जताने वाले प्रत्याशी लोकसभा की टिकट के लिए दिल्ली में बड़े नेताओं के समक्ष अपनी हाजिरी लगा चुके हैं. वहीं, कार्यकर्ताओं के बीच में जाकर भी जनता से समर्थन मांगने में जुटे हुए हैं. महेश्वर सिंह ठाकुर टिकट के लिए दिल्ली में नरेंद्र मोदी के साथ बीजेपी के कई बड़े नेताओं से मिल चुके हैं. महेश्वर सिंह कई दिन तक दिल्ली में लंगर डाल कर बैठे थे.
एक दूसरे के गले मिलते महेश्वर सिंह और रामस्वरूप शर्मा
एक दूसरे के गले मिलते महेश्वर सिंह और रामस्वरूप शर्मा


होली के मौके पर जिस तरह से सीएम के सामने रामस्वरूप और महेश्वर सिंह ने एक दूसरे को गुलाल लगाया है इससे ये समझ लिया जाए की मंडी में मामला सेट हो गया है? मंडी संसदीय सीट सीएम जयराम के लिए नाक का सवाल बनी है. मंडी सीएम का गृह जिला है. आश्रय शर्मा के चुनावी मैदान में उतरने के बाद सीएम ने मोर्चा संभाला और कड़क तेवर दिखाते हुए आश्रय को मैदान से हटाकर रामस्वरूप के लिए मैदान खाली कर दिया.


क्या इस होली मिलन के बाद चुनाव में किसी एक को टिकट मिलने पर दोनों नेता मिलजुलकर काम करेंगे और नतीजों के दिन जीत की होली मनाएंगे? महेश्वर सिंह पहले ही साफ कर चुके हैं कि टिकट मिले या न मिले वो पार्टी के लिए काम करेंगे. क्या महेश्वर को दिल्ली दरबार से खाली हाथ लौटना पड़ा है और वो अब पार्टी के साथ खड़े हो गए हैं. ये कुछ समय बाद साफ हो जाएगा. अभी भी मंडी सीट पर एक अनार सौ बीमार बाली स्थिति बनी है. महेश्वर सिंह, आश्रय शर्मा, ब्रिगेडियर खुशाल सिंह टिकट के लिए अजमाईश कर रहे हैं. रामस्वरूप का पलड़ा सब उम्मीदवारों से भारी लग रहा है. रामस्वरूप मंडी जिले के ही रहने वाले हैं और संघ की पृष्ठभूमि से हैं. सीएम के मंडी संसदीय क्षेत्र के दौरे के दौरान रामस्वरूप हमेशा उनके साथ दिखे. विधानसभा चुनाव के समय भी जयराम को सीएम बनाने के लिए रामस्वरूप ने आवाज बुलंद की थी. मंडी का सीएम और मंडी से ही सांसद ऐसे में ये फैक्टर भी रामस्वरूप शर्मा के पक्ष में जा सकता है.

महेश्वर सिंह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. वो पार्टी के बड़े नेता हैं इसमे कोई शक नहीं है, लेकिन उनकी एक गलती गलती कहें या महत्वाकांक्षा ने उन्हे बीजेपी से हाशिये पर धकेल दिया. 2012 विधानसभा चुनाव से पहले महेश्वर सिंह ने हिलोपा बनाई. बीजेपी को इसका कुछ नुकसान भी हुआ. हिलोपा में बीजेपी के कुछ पूर्व विधायक जैसे खुशीराम बालनाहटा जैसे नेता शामिल थे. ऐसे में बीजेपी के बोट बैंक में कुछ सेंधमारी हुई. 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले महेश्वर सिंह ने हिलोपा का बीजेपी में विलय कर लिया. महेश्वर सिंह बीजेपी की टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और हार गए. महेश्वर सिंह की ये हार अब टिकट की रेस से उन्हे बाहर कर सकती है.
फिल्हाल बीजेपी अपने उम्मीदवारों के नाम भी हाइकमान को भेज चुकी है. ऐसे में मुहर किसके नाम पर लगती है इसके लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा.

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