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कुल्लू रोहतांग दर्रा को बहाल करने में जुटा BRO, इस दिन शुरू होगी वाहनों की आवाजाही

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Published : Nov 10, 2019, 8:42 AM IST

रोहतांग दर्रा में करीब 120 सेंटीमीटर बर्फबारी होने से मनाली-लेह मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है. ऐसे में वाहनों की आवाजाही के लिए बीआरओ की टीम मार्ग को बहाल करने में जुट गई है. हालांकि बीआरओ की टीम बर्फ हटाते हुए दस किलोमीटर, जबकि मनाली की तरफ से सात किलोमीटर आगे तक पहुंच गई है.

डिजाइन फोटो

कुल्लू: जिला के रोहतांग दर्रा में करीब 120 सेंटीमीटर बर्फबारी होने से मनाली-लेह मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है. मार्ग को बहाल करने के लिए बीआरओ की टीम ने बर्फ हटाओं अभियान शुरू कर दिया है.

सूचना मिलते ही मनाली और लाहौल की तरफ से सीमा सड़क संगठन ने बर्फ हटाने के लिए जेसीबी मशीनें लगा दी हैं. जिससे बीआरओ की टीम बर्फ हटाते हुए दस किलोमीटर, जबकि मनाली की तरफ से सात किलोमीटर आगे तक पहुंच गई है. वहीं, मौसम खराब नहीं हुआ तो मनाली-लेह मार्ग को रविवार तक बहाल कर दिया जाएगा.

वीडियो

बर्फबारी से रोहतांग दर्रा बंद होने के चलते लाहौल स्पीति में फंसे कई लोगों को सीमा सड़क संगठन ने टनल से आवाजाही करने अनुमति नहीं दी है. ऐसे में रोहतांग दर्रा बहाल होने के बाद ही लोगों को राहत मिलेगी. इसके अलावा 48 घंटों तक लगातार बर्फबारी के बाद शनिवार को क्षेत्र में सूरज निकलने से लोगों ने राहत की सांस ली.

बता दें कि पिछले दो दिनों से रोहतांग दर्रा, बारालाचा पास, कुंजुम में भारी बर्फबारी होने की वजह से मनाली लेह, मनाली काजा और लाहौल घाटी का संपर्क बाहरी दुनिया से कटा हुआ है. चंद्रा और तोद घाटी के संपर्क मार्ग भी यातायात के लिए ठप है. हालांकि बीआरओ ने मुस्तैदी दिखाते हुए शनिवार को घाटी के सभी मुख्य मार्ग से बर्फ हटाकर यातायात बहाल कर दिया है.

कोकसर पंचायत के पूर्व प्रधान अमरचंद ने बताया कि नवंबर महीने के पहले हफ्ते में हुई बर्फबारी से लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि आने वाले सीजन में लोगों को सिंचाई और पेयजल आपूर्ति में कमी से जूझना पड़ेगा.

कुल्लू: जिला के रोहतांग दर्रा में करीब 120 सेंटीमीटर बर्फबारी होने से मनाली-लेह मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है. मार्ग को बहाल करने के लिए बीआरओ की टीम ने बर्फ हटाओं अभियान शुरू कर दिया है.

सूचना मिलते ही मनाली और लाहौल की तरफ से सीमा सड़क संगठन ने बर्फ हटाने के लिए जेसीबी मशीनें लगा दी हैं. जिससे बीआरओ की टीम बर्फ हटाते हुए दस किलोमीटर, जबकि मनाली की तरफ से सात किलोमीटर आगे तक पहुंच गई है. वहीं, मौसम खराब नहीं हुआ तो मनाली-लेह मार्ग को रविवार तक बहाल कर दिया जाएगा.

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बर्फबारी से रोहतांग दर्रा बंद होने के चलते लाहौल स्पीति में फंसे कई लोगों को सीमा सड़क संगठन ने टनल से आवाजाही करने अनुमति नहीं दी है. ऐसे में रोहतांग दर्रा बहाल होने के बाद ही लोगों को राहत मिलेगी. इसके अलावा 48 घंटों तक लगातार बर्फबारी के बाद शनिवार को क्षेत्र में सूरज निकलने से लोगों ने राहत की सांस ली.

बता दें कि पिछले दो दिनों से रोहतांग दर्रा, बारालाचा पास, कुंजुम में भारी बर्फबारी होने की वजह से मनाली लेह, मनाली काजा और लाहौल घाटी का संपर्क बाहरी दुनिया से कटा हुआ है. चंद्रा और तोद घाटी के संपर्क मार्ग भी यातायात के लिए ठप है. हालांकि बीआरओ ने मुस्तैदी दिखाते हुए शनिवार को घाटी के सभी मुख्य मार्ग से बर्फ हटाकर यातायात बहाल कर दिया है.

कोकसर पंचायत के पूर्व प्रधान अमरचंद ने बताया कि नवंबर महीने के पहले हफ्ते में हुई बर्फबारी से लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि आने वाले सीजन में लोगों को सिंचाई और पेयजल आपूर्ति में कमी से जूझना पड़ेगा.

Intro:रोहतांग दर्रा बहाली में जुटा बीआरओ
आज शाम तक बहाल हो सकता है दर्राBody:

रोहतांग दर्रा में करीब 120 सेंटीमीटर बर्फबारी होने से यह वाहनों की आवाजाही के लिए अवरुद्ध है। ऐसे में मनाली-लेह मार्ग पर भी वाहनों के पहिये थम गए हैं। मनाली-लेह मार्ग बंद होने से जनजातीय क्षेत्र के लोगों की मुुश्किलें बढ़ गई हैं। मौसम खुलते ही शनिवार को बीआरओ ने रोहतांग दर्रे को बहाल करने के लिए मनाली-लेह मार्ग से बर्फ हटाने का अभियान शुरू कर दिया है। मनाली और लाहौल की तरफ से सीमा सड़क संगठन ने बर्फ हटाने के लिए मशीनें लगा दी हैं। लाहौल की तरफ से बर्फ हटाते हुए बीआरओ की टीम दस किलोमीटर, जबकि मनाली की तरफ से सात किलोमीटर आगे तक पहुंच गई है। हालांकि रोहतांग में चार फीट तक बर्फ गिरी हुई है। बताया जा रहा है कि अगर मौसम खराब नहीं हुआ तो मनाली-लेह मार्ग को रविवार तक बहाल किया जा सकता है। बर्फबारी से दर्रा बंद होने के चलते लाहौल में कई लोग फंसे हुए हैं। सीमा सड़क संगठन उन्हें टनल से आवाजाही की अनुमति नहीं दे रहा है। ऐसे में रोहतांग दर्रा बहाल होने के बाद ही लोगों को राहत मिलेगी। दूसरी ओर 48 घंटों तक लगातार बर्फबारी के बाद शनिवार को सूर्य के दर्शन होने से घाटी के लोगों ने राहत की सांस ली। पिछले दो दिनों से रोहतांग दर्रा, बारालाचा पास, कुंजुम सहित जनजातीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के चलते मनाली लेह, मनाली काजा और लाहौल घाटी का संपर्क बाहरी दुनिया से कटा हुआ है। चंद्रा और तोद घाटी के संपर्क मार्ग भी यातायात के लिए ठप है। हालांकि बीआरओ ने मुस्तैदी दिखाते हुए शनिवार को घाटी के सभी मुख्य मार्ग से बर्फ हटाकर यातायात बहाल कर दिया है। कोकसर पंचायत के पूर्व प्रधान अमरचंद ने कहा कि नवंबर महीने के पहले हफ्ते में हुई बर्फबारी से जहां लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ा, वहीं आने वाले सीजन में लोगों को सिंचाई और पेयजल आपूर्ति में कमी नहीं आएगी।

Conclusion:सेवानिवृत्त कैप्टन अमर सिंह ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से भी यह बर्फबारी महत्वपूर्ण है। पर्यटन कारोबारियों को इसका फायदा मिलेगा।
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