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उपलब्धि! वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की लिस्ट में दर्ज हुई अटल टनल रोहतांग - Border Roads Organisation

पर्यटन नगरी मनाली के धंधे में 10000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित अटल टनल रोहतांग को आधिकारिक तौर पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की लिस्ट में दर्ज कर लिया गया है. वहीं, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने इसके निर्माण के लिए बीआरओ की उपलब्धि के लिए पुरस्कार प्राप्त किया और रक्षा मंत्रालय की ओर से भी इसकी जानकारी दी गई है. तीन अक्टूबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल रोहतांग का उद्घाटन किया था और टनल बनने से मनाली और लाहौल-स्पीति की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है.

atal tunnel in world book of records
अटल टनल रोहतांग (फाइल फोटो).
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Published : Feb 9, 2022, 10:26 PM IST

Updated : Feb 9, 2022, 10:36 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू के पर्यटन नगरी मनाली के धंधे में 10000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित अटल टनल रोहतांग को आधिकारिक तौर पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की लिस्ट में दर्ज कर लिया गया है. वहीं, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की ओर से एक प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है. अटल टनल रोहतांग जहां लाहौल घाटी के लिए एक नई उम्मीद बनकर आई थी तो वहीं, देश विदेश के पर्यटकों के लिए भी अब यह आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

ऐसे में अब वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की लिस्ट में भी इसे 10 हजार से अधिक ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग के रूप में प्रमाणित कर दिया गया है. वहीं, सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation) (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने इसके निर्माण के लिए बीआरओ की उपलब्धि के लिए पुरस्कार प्राप्त किया और रक्षा मंत्रालय की ओर से भी इसकी जानकारी दी गई है. तीन अक्टूबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल रोहतांग का उद्घाटन किया था और टनल बनने से मनाली और लाहौल-स्पीति की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है.

atal tunnel in world book of records
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की लिस्ट में दर्ज हुई अटल टनल रोहतांग

गौर रहे कि 10040 फीट ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी 9.02 किलोमीटर सुरंग है. यह दुनिया की पहली टनल है जिसमें 4जी कनेक्टिविटी मुहैया करवाई गई है. टनल में हर 500 मीटर पर आपातकाल सुरंग है, जो टनल के दोनों छोरों पर (longest highway atal tunnel) निकलती है. हर 150 मीटर पर आपातकाल 4जी फोन की सुविधा है. हर 60 मीटर पर सीसीटीवी हैं. अटल टनल रोहतांग के दोनों छोरों पर पूरी टनल का कंट्रोल रूम है. यहां से हर किसी पर पैनी नजर रखी जाती है.

अटल टनल रोहतांग को 10 वर्षों में मात्र 3200 करोड़ रुपये में तैयार किया गया है. टनल के निर्माण के दौरान सेरी नाला के पानी के चलते 600 मीटर पैच में चार साल का समय लग गया. वरना साल 2015 में ही टनल बनकर तैयार हो जाती. टनल के ऊपर दो किलोमीटर ऊंचा पहाड़ है. इससे टनल को हेवी सपोर्ट सिस्टम भी देना पड़ा है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में शराब की सालाना खपत नौ करोड़ बोतलों से अधिक, हर साल 1829 करोड़ की दारू पी जाते हैं लोग

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कुल्लू: जिला कुल्लू के पर्यटन नगरी मनाली के धंधे में 10000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित अटल टनल रोहतांग को आधिकारिक तौर पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की लिस्ट में दर्ज कर लिया गया है. वहीं, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की ओर से एक प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है. अटल टनल रोहतांग जहां लाहौल घाटी के लिए एक नई उम्मीद बनकर आई थी तो वहीं, देश विदेश के पर्यटकों के लिए भी अब यह आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

ऐसे में अब वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की लिस्ट में भी इसे 10 हजार से अधिक ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग के रूप में प्रमाणित कर दिया गया है. वहीं, सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation) (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने इसके निर्माण के लिए बीआरओ की उपलब्धि के लिए पुरस्कार प्राप्त किया और रक्षा मंत्रालय की ओर से भी इसकी जानकारी दी गई है. तीन अक्टूबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल रोहतांग का उद्घाटन किया था और टनल बनने से मनाली और लाहौल-स्पीति की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है.

atal tunnel in world book of records
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की लिस्ट में दर्ज हुई अटल टनल रोहतांग

गौर रहे कि 10040 फीट ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी 9.02 किलोमीटर सुरंग है. यह दुनिया की पहली टनल है जिसमें 4जी कनेक्टिविटी मुहैया करवाई गई है. टनल में हर 500 मीटर पर आपातकाल सुरंग है, जो टनल के दोनों छोरों पर (longest highway atal tunnel) निकलती है. हर 150 मीटर पर आपातकाल 4जी फोन की सुविधा है. हर 60 मीटर पर सीसीटीवी हैं. अटल टनल रोहतांग के दोनों छोरों पर पूरी टनल का कंट्रोल रूम है. यहां से हर किसी पर पैनी नजर रखी जाती है.

अटल टनल रोहतांग को 10 वर्षों में मात्र 3200 करोड़ रुपये में तैयार किया गया है. टनल के निर्माण के दौरान सेरी नाला के पानी के चलते 600 मीटर पैच में चार साल का समय लग गया. वरना साल 2015 में ही टनल बनकर तैयार हो जाती. टनल के ऊपर दो किलोमीटर ऊंचा पहाड़ है. इससे टनल को हेवी सपोर्ट सिस्टम भी देना पड़ा है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में शराब की सालाना खपत नौ करोड़ बोतलों से अधिक, हर साल 1829 करोड़ की दारू पी जाते हैं लोग

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Last Updated : Feb 9, 2022, 10:36 PM IST
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