कुल्लू: जिला कुल्लू के मणिकर्ण घाटी में नदी नालों के किनारे कई कैंपिंग साइट चल रही है. इन कैंपिंग साइट में पर्यटकों सहित अन्य लोगों को लगातार खतरा बना रहता है. इसके बावजूद भी पर्यटकों को मौत के मुंह में धकेला जाता है. बुधवार (Cloud Burst in Kullu) करीब पांच बजे मणिकर्ण के चोझ में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद सभी नाले में चल रही 30 कैंपिंग साइट को बंद कर दिया है. सुबह हादसे की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने आदेश जारी किए. इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम कुल्लू ने मौके पर पहुंचकर सभी की जानकारी जुटाई.
इसके लिए पांच टीमें बनाई और कसोल, मणिकर्ण, कटागला, छलाल, तोष सहित अन्य जगहों पर नदी नालों के समीप कैंपिंग साइट को बंद करवा दिया गया है. प्रशासन की टीम पहले मलाणा में लोगों को रेस्क्यू करने पहुंचे इसके बाद चोझ गांव पहुंचे और लोगों को सुरक्षित करने के लिए हर संभव सहायता की. इसके बाद प्रशासन ने नदी नालों में चल रही कैंपिंग साइट को बंद करवा दिया है. गनीमत रही कि बुधवार को कैंपिंग साइट में ज्यादा पर्यटक नहीं ठहरे थे. जहां पर पर्यटक ठहरे थे उन्हें आवाज देकर जगा दिया था. अन्यथा कोई बड़ा हादसा हो सकता था. हालांकि अभी भी छानबीन में प्रशासन की टीमें जुटी है. इसमें कैंपिंग साइट नदी किनारे बनाई जाती है. इसके लिए वन विभाग से अनुमति लेकर कैंपिंग चलाना शुरू कर देते हैं.
इससे पूर्व भी 29 जुलाई 2021 को मणिकर्ण के ब्रह्मगंगा नाले में बाढ़ आ गई जिसमें स्थानीय मां बेटा सहित उत्तर प्रदेश के गाजिबाद की महिला पर्यटक बाढ़ की चपेट में आ गई. मां बेटा का शव तो मिल गया, जबकि महिला पर्यटक का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है. ऐसे में कई हादसे हो चुके हैं इसके बाद भी प्रशासन नहीं जागता है. जब कोई बड़ी घटना घटती है तब प्रशासन कार्रवाई करता है. कुल्लू एसडीएम विकास शुक्ला ने कहा कि कुल्लू जिला के मणिकर्ण घाटी में नदी नालों के समीप चल रही कैंपिंग साइट को बंद करवा दिया गया है. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद नदी किनारे इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगा दी है.
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