कुल्लू: जिला कुल्लू की ग्राम पंचायत जिया के वार्ड नंबर-1 में स्कूल जा रहे बच्चों के बारे में जानकारी ली गई तो पता चला की अकेले ही सिर्फ इस वार्ड में 19 ऐसे बच्चे हैं जो गरीबी के कारण स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. गरीबी के कारण इन बच्चों ने आठवीं के बाद स्कूल जाना बंद कर दिया.
इन 19 बच्चों में 11 लड़कियां तो 8 लड़के शामिल है. वहीं, सभी बच्चे अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध रखते हैं. ऐसे में सरकार व प्रशासन का शिक्षा के अधिकार के तहत दी जाने वाली सुविधाओं के दावे यहां साकार होते नजर नहीं आ रहे हैं.
बता दें कि भुंतर स्कूल के शिक्षक आस-पास के गांव में जाकर ऐसे बच्चों की खोज करने में लगे हुए हैं जिन बच्चों ने गरीबी के कारण स्कूल छोड़ दिया था. इससे पहले भी भुंतर स्कूल में 4 ऐसे बच्चों को गोद लिया गया है जिनमें 3 लड़कियां शामिल है.
बता दें कि उन सभी बच्चों की पढ़ाई लिखाई से लेकर अन्य खर्चों को स्कूल के शिक्षकों द्वारा ही उठाया जा रहा है ताकि वे बच्चे पढ़ लिख कर आत्मनिर्भर हो सकें. भुंतर स्कूल के प्रधानाचार्य हेमराज शर्मा ने बताया कि स्कूल के शिक्षक मिलकर साथ लगते गांव में जाकर ऐसे बच्चों की खोज कर रहे हैं जिनका कुछ कारणों की वजह से स्कूल छूट गया था.
उन बच्चों को दोबारा से स्कूल में भर्ती कर रहे हैं ताकि वे पढ़ लिख कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें. उन्होंने कहा कि स्कूल में तैनात शिक्षक मिलकर इन सभी बच्चों की पढ़ाई का खर्च वहन करेंगे. वहीं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कमला ने बताया कि उन्होंने इस वार्ड का जब दौरा किया तो उन्होंने पाया कि यहां 19 बच्चे ऐसे हैं जो गरीबी के चलते स्कूल नहीं जा पा रहे थे तो ऐसे में स्कूल के प्रधानाचार्य को इसकी सूचना दी गई.
ग्राम पंचायत वार्ड नंबर-1 पंच सबीना का कहना है कि यहां पर काफी गरीब परिवार रहते हैं जो अपने बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने में असमर्थ है. अभिभावकों से बात की गई है और वो अब अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हो गए हैं.