हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के (HP Scheduled Castes Commission) अध्यक्ष वीरेंद्र कश्यप सोमवार को हमीरपुर जिले के एक दिवसीय प्रवास पर रहे. उन्होंने हमीर भवन में जिले के अधिकारियों के साथ बैठक करके अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की. वह जिला प्रशासन और विभाग द्वारा किए गए कार्यों से संतुष्ट नजर आए, हालांकि जो कार्य नहीं हो पाए हैं उनको एक सप्ताह के भीतर पूरा करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
अध्यक्ष वीरेंद्र कश्यप ने बताया (Virender Kashyap On Hamirpur Tour) कि बैठक में एससीडीपी का फंड और प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटी एक्ट पर विस्तार से चर्चा हुई है. प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत 102 मामले वर्ष 2015 - 2021 तक दर्ज हुए हैं. उन्होंने कहा कि तुलनात्मक हमीरपुर जिले में कार्य संतोषजनक है और यहां पर फंड भी खर्च किए गए हैं. यहां पर अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण के मामले दर्ज तो हुए हैं लेकिन विभाग की तरफ से संतोषजनक कार्य भी किया गया है. इसके अलावा जो मामले लंबित हैं उनको 1 सप्ताह के भीतर निपटाने के भी निर्देश दिए गए हैं.
वहीं, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर सिकंदर को राज्यसभा में भाजपा से टिकट पर एंट्री मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह इस विषय पर ज्यादा नहीं कह सकते हैं. विपक्ष के सवालों पर उन्होंने टिप्पणी करने से इंकार किया और कहा कि यह पार्टी का अपना निर्णय है.
वहीं, हिमाचल में सवर्ण आयोग के गठन के (upper caste commission in himachal) सवाल पर उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति आयोग का गठन होने के नाते वह इस पर अधिक टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे. यदि लोगों को आयोग की जरूरत महसूस हो रही है तो सरकार को इस पर निर्णय लेना है. यदि गठन होता है तो वह इसका स्वागत करेंगे. वहीं, सवर्ण समाज के नेताओं की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि यदि नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो कानून अपना काम करेगा.
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