हमीरपुर: प्रदेश भर के नगर निकाय क्षेत्र में अब घरेलू और व्यवसायिक भवनों की यूनिक आईडी बनेगी. यूनिक आईडी बनाने के बाद हर घर, दुकान, होटल, ढाबे, संपत्ति के ऊपर स्थाई प्लेट लगाई जाएगी. डिजिटल डोर नंबर होने से संपत्ति को एक विशिष्ट पहचान मिलेगी. इससे बिजली, पानी और सीवरेज कनेक्शन समेत अन्य सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करने में भी मदद मिलेगी. संबंधित क्षेत्र में हाउस टैक्स वसूली में भी मदद मिलेगी. डिजिटल डोर नंबर का उपयोग करके प्रत्येक नगर परिषद में सभी संपत्तियों के लिए एक मानक प्रारूप में एक समान पता प्रणाली स्थापित करने में मदद मिलेगी.
डिजिटल सर्वेक्षण और डिजिटल डोर नंबरिंग सिस्टम (Digital survey and digital door numbering system) को लागू करने के लिए यह तकनीक प्रदेश भर में अपनाई जा रही है. सभी की यूनिक आईडी बनाने के बाद उसमें सभी प्रकार की संपत्तियों की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की जाएगी और एक यूनिक नंबर भवन मालिक को दिया जाएगा. जिस घर में यह कार्य हो जाएगा वहां स्थायी प्लेट लगा दी जाएगी. वहीं, घरों को ट्रैक करने में भी इससे आसानी होगी. शहर के अंदर हर संपत्ति पर डोर नंबर प्लेट लगेगी. यह यूनिक आईडी और डोर प्लेट लगाने का कार्य नगर परिषद हमीरपुर में भी शुरू हो गया है जिसके तहत वार्ड 1 में यह कार्य किया जा रहा है.
वहीं, जिला शिमला में कार्य पूरा कर लिया गया है और जिला कुल्लू में भी इस कार्य को किया जा रहा है. इस सर्वेक्षण के लिए प्रदेश सरकार ने एक निजी कंपनी के साथ करार किया है. उसी के कर्मी हर घर में जाकर यह कार्य करेंगे. जिसके बदले हर व्यक्ति से 60 रुपये लिए जाएंगे. सेंट्रल कमर्शियल इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (Central Commercial Industry of India) के कार्यकारी विकास अधिकारी सतीश ठाकुर का कहना है कि प्रदेश भर की नगर परिषदों व नगर पंचायतों में प्रत्येक घर, होटल, दुकान, ढाबों की यूनिक आईडी बनाई जाएगी और एक स्थाई प्लेट लगाई जाएगी.
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