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दो विदेशी पक्षियों का अनूठा हिमाचल प्रेम, समूह में नहीं अकेले ही हिमालय को पार कर आते हैं ये मेहमान

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Published : Jan 27, 2022, 6:13 PM IST

Updated : Jan 27, 2022, 6:26 PM IST

हिमाचल प्रदेश में सर्दियों के दौरान विदेशों से पक्षियों का आना आम (Birds coming Himachal from abroad) बात है, लेकिन हिमाचल के कांगड़ा जिले में स्थित पौंग डैम में पिछले कई सालों से दो प्रजातियों का एक-एक पक्षी यहां पहुंचता (Common coot bird in Himachal) है. यह दोनों पक्षी अलग-अलग प्रजातियों के हैं और अलग-अलग स्थान पर ही झील में देखे जाते हैं. दोनों पक्षियों का हिमाचल से इतना अनूठा प्रेम है कि वे दोनों अक्टूबर के अंत तक हिमाचल में पहुंच जाते हैं और अप्रैल तक (Headed Goose Bird in Himachal) यहीं रहते हैं.

Birds coming Himachal from abroad
हिमाचल में विदेशी पक्षी

हमीरपुर: विदेशों से पक्षियों का हिमाचल आना कोई नई बात नहीं है. हजारों की तादाद में अक्सर पक्षी अलग-अलग मौसम में देश के अलग-अलग राज्यों में विभिन्न समय में पहुंचते (Birds coming Himachal from abroad) हैं. इन पक्षियों का आना आम बात है. हजारों की संख्या में विभिन्न प्रजातियों के यह पक्षी समूहों में उड़ान भरकर विदेशों से हिमाचल समेत देश के कई राज्यों में पहुंचते हैं. आज बात हजारों लाखों के समूहों में आने वाले इन पक्षियों की नहीं बल्कि महज दो दुर्लभ पक्षियों की करेंगे, जिनका हिमाचल प्रेम अनूठा है.

हिमाचल के कांगड़ा जिले में स्थित पौंग डैम में पिछले कई सालों से दो प्रजातियों का एक-एक पक्षी सर्दियों के मौसम में सात समंदर पार से यहां पहुंचता है. यह दोनों पक्षी अलग-अलग प्रजातियों के हैं और अलग-अलग स्थान पर ही झील में देखे (Common coot bird in Himachal) जाते हैं. एक पक्षी नॉर्थ अमेरिका कैलिफोर्निया से हिमाचल पहुंचता है और दूसरा यूरोप से आता है. यह दोनों अक्टूबर के अंत तक हिमाचल में पहुंच जाते हैं और अप्रैल तक यहीं रहते (Headed Goose Bird in Himachal) हैं. कई वर्षों से यह पक्षी यहां पर पहुंच रहे हैं, लेकिन सटीक तौर पर वाइल्डलाइफ विभाग हिमाचल प्रदेश (Wildlife Department Himachal Pradesh) द्वारा इनकी निगरानी पिछले 3 साल से की जा रही है.

हिमाचल में विदेशी पक्षी.
नाम मिलते जुलते लेकिन दोनों पक्षियों के ठिकाने अलग: हिमाचल से अनूठा प्रेम रखने वाले लेसर व्हाइट फ्रंटेड गूज पौंग डैम को वाइल्ड लाइफ विभाग हमीरपुर के टीम रैंसर और ग्रेटर व्हाइट फ्रंटेड गूज को नगरोटा सुरिया में स्पॉट कर रही है. पिछले 3 बरस से यह दोनों पक्षी अपनी-अपनी जगहों पर निरंतर स्पॉट किए जा रहे हैं. इनके साथ अन्य लगभग 1 दर्जन से अधिक प्रजातियों के हजारों पक्षी देखे जा सकते हैं, लेकिन अपनी प्रजाति के यह एकमात्र पक्षी यहां पर पहुंचते हैं. सेंट्रल एशियन फ्लाईवे से हिमाचल पहुंचते हैं लाखों पक्षी: पोंग डैम समेत प्रदेश के अन्य कई जिलों में विदेशों से पक्षी सर्दियों के मौसम में पहुंचते हैं. यह मेहमान पक्षी सेंट्रल एशियन फ्लाईवे से उड़ान भरते हुए हिमालय को लांग कर हिमाचल में पहुंचते हैं. हजारों किलोमीटर का सफर तय कर यह प्रवासी पक्षी यहां पर आते हैं और लगभग 6 महीनों का वक्त यहां पर व्यतीत करते हैं. यहां हजारों पक्षी जब हिमाचल पहुंचते हैं तो पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहते हैं.सबसे अधिक बार हेडेड गूज और कॉमन कूट की तादाद: पौंग डैम टाइम में ही 1,00,000 के लगभग प्रवासी पक्षी सर्दियों के मौसम में पहुंचते हैं. यह एरिया वाइल्डलाइफ विभाग हमीरपुर के अंतर्गत आता है. यहां पर लगातार इन पक्षियों की हर साल गिनती की जाती है. सबसे अधिक संख्या में इन पक्षियों में बार हेडेड गूज और कॉमन कूट प्रजाति के पक्षी यहां पर पहुंचते हैं. इस बार हेडेड गूज अभी तक 40,000 से अधिक यहां पर पहुंच गए हैं. कॉमन कूट प्रजाति के पक्षी की गिनती 15,000 से पार हो गई है इसके अलावा अभी तक कुल 86 प्रजातियां यहां पर रिकॉर्ड की गई हैं.वाइल्डलाइफ डिवीजन हमीरपुर के डीएफओ आरएम रोहाणे ने कहा कि इन प्रवासी पक्षियों की गिनती लगातार की जाती है. दो प्रजातियों के यह पक्षी पिछले 3 सालों से यहां पहुंच रहे हैं और इनके निगरानी की जा रही है. इसके अलावा दर्जनों प्रजातियों के पक्षी सेंट्रल एशियन फ्लाईवे से यहां पहुंचते हैं.


ये भी पढ़ें: नालागढ़ में दर्दनाक सड़क हादसा, निजी बस से टकराई बाइक, 2 युवकों की मौत

हमीरपुर: विदेशों से पक्षियों का हिमाचल आना कोई नई बात नहीं है. हजारों की तादाद में अक्सर पक्षी अलग-अलग मौसम में देश के अलग-अलग राज्यों में विभिन्न समय में पहुंचते (Birds coming Himachal from abroad) हैं. इन पक्षियों का आना आम बात है. हजारों की संख्या में विभिन्न प्रजातियों के यह पक्षी समूहों में उड़ान भरकर विदेशों से हिमाचल समेत देश के कई राज्यों में पहुंचते हैं. आज बात हजारों लाखों के समूहों में आने वाले इन पक्षियों की नहीं बल्कि महज दो दुर्लभ पक्षियों की करेंगे, जिनका हिमाचल प्रेम अनूठा है.

हिमाचल के कांगड़ा जिले में स्थित पौंग डैम में पिछले कई सालों से दो प्रजातियों का एक-एक पक्षी सर्दियों के मौसम में सात समंदर पार से यहां पहुंचता है. यह दोनों पक्षी अलग-अलग प्रजातियों के हैं और अलग-अलग स्थान पर ही झील में देखे (Common coot bird in Himachal) जाते हैं. एक पक्षी नॉर्थ अमेरिका कैलिफोर्निया से हिमाचल पहुंचता है और दूसरा यूरोप से आता है. यह दोनों अक्टूबर के अंत तक हिमाचल में पहुंच जाते हैं और अप्रैल तक यहीं रहते (Headed Goose Bird in Himachal) हैं. कई वर्षों से यह पक्षी यहां पर पहुंच रहे हैं, लेकिन सटीक तौर पर वाइल्डलाइफ विभाग हिमाचल प्रदेश (Wildlife Department Himachal Pradesh) द्वारा इनकी निगरानी पिछले 3 साल से की जा रही है.

हिमाचल में विदेशी पक्षी.
नाम मिलते जुलते लेकिन दोनों पक्षियों के ठिकाने अलग: हिमाचल से अनूठा प्रेम रखने वाले लेसर व्हाइट फ्रंटेड गूज पौंग डैम को वाइल्ड लाइफ विभाग हमीरपुर के टीम रैंसर और ग्रेटर व्हाइट फ्रंटेड गूज को नगरोटा सुरिया में स्पॉट कर रही है. पिछले 3 बरस से यह दोनों पक्षी अपनी-अपनी जगहों पर निरंतर स्पॉट किए जा रहे हैं. इनके साथ अन्य लगभग 1 दर्जन से अधिक प्रजातियों के हजारों पक्षी देखे जा सकते हैं, लेकिन अपनी प्रजाति के यह एकमात्र पक्षी यहां पर पहुंचते हैं. सेंट्रल एशियन फ्लाईवे से हिमाचल पहुंचते हैं लाखों पक्षी: पोंग डैम समेत प्रदेश के अन्य कई जिलों में विदेशों से पक्षी सर्दियों के मौसम में पहुंचते हैं. यह मेहमान पक्षी सेंट्रल एशियन फ्लाईवे से उड़ान भरते हुए हिमालय को लांग कर हिमाचल में पहुंचते हैं. हजारों किलोमीटर का सफर तय कर यह प्रवासी पक्षी यहां पर आते हैं और लगभग 6 महीनों का वक्त यहां पर व्यतीत करते हैं. यहां हजारों पक्षी जब हिमाचल पहुंचते हैं तो पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहते हैं.सबसे अधिक बार हेडेड गूज और कॉमन कूट की तादाद: पौंग डैम टाइम में ही 1,00,000 के लगभग प्रवासी पक्षी सर्दियों के मौसम में पहुंचते हैं. यह एरिया वाइल्डलाइफ विभाग हमीरपुर के अंतर्गत आता है. यहां पर लगातार इन पक्षियों की हर साल गिनती की जाती है. सबसे अधिक संख्या में इन पक्षियों में बार हेडेड गूज और कॉमन कूट प्रजाति के पक्षी यहां पर पहुंचते हैं. इस बार हेडेड गूज अभी तक 40,000 से अधिक यहां पर पहुंच गए हैं. कॉमन कूट प्रजाति के पक्षी की गिनती 15,000 से पार हो गई है इसके अलावा अभी तक कुल 86 प्रजातियां यहां पर रिकॉर्ड की गई हैं.वाइल्डलाइफ डिवीजन हमीरपुर के डीएफओ आरएम रोहाणे ने कहा कि इन प्रवासी पक्षियों की गिनती लगातार की जाती है. दो प्रजातियों के यह पक्षी पिछले 3 सालों से यहां पहुंच रहे हैं और इनके निगरानी की जा रही है. इसके अलावा दर्जनों प्रजातियों के पक्षी सेंट्रल एशियन फ्लाईवे से यहां पहुंचते हैं.


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Last Updated : Jan 27, 2022, 6:26 PM IST
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