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तीसरे चरण की चुनावी प्रक्रिया पूरी, जानिए क्या कहते हैं पंचायत के मतदाता

हमीरपुर जिला मुख्यालय से सटी बस्सी झनीयरा पंचायत में ईटीवी भारत की टीम ने मतदान प्रक्रिया के दौरान व्यवस्थाओं का जायजा लिया. ईटीवी भारत की टीम ने यहां पर मतदाताओं से बातचीत भी की और जाना कि लोग गांव में किस तरह की संसद चाहते हैं.

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Published : Jan 21, 2021, 7:25 PM IST

हमीरपुरः प्रदेशभर के साथ ही हमीरपुर जिला में तृतीय चरण का पंचायत चुनाव के मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. हमीरपुर जिला मुख्यालय से सटी बस्सी झनीयरा पंचायत में ईटीवी भारत की टीम ने मतदान प्रक्रिया के दौरान व्यवस्थाओं का जायजा लिया. ईटीवी भारत की टीम ने यहां पर मतदाताओं से बातचीत भी की और जाना कि लोग गांव में किस तरह की संसद चाहते हैं.

सबसे बड़ी पेयजल समस्या

इस पंचायत के महिला मतदाताओं का कहना है कि पंचायत के सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है. लोगों को चौथे पांचवें दिन पेयजल मिलता है, जिस वजह से अधिक दिक्कत पेश आ रही है. युवा मतदाताओं का कहना है कि पंचायत में ईमानदारी से काम करने वाले जनप्रतिनिधि चुनकर आने चाहिए वह चाहते हैं कि इमानदारी से पंचायत का सर्वांगीण विकास हो.

चुनावी खत्म होने से पहले की रिपोर्ट.

पंचायत का 3800000 रुपये का बजट लैप्स

पंचायत के बुजुर्ग मतदाताओं ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि जनप्रतिनिधि ऐसे हैं जो पंचायत का सम्मान विकास करें. उनका कहना है कि जो भी लोग चुनकर आए वह सिर्फ एक गांव का विकास न करें बल्कि पंचायत के हर हिस्से तक विकास कार्यों को गति प्रदान करें. इन मतदाताओं का यह भी कहना है कि पिछले 5 वर्षों में 3800000 रुपये का बजट पंचायत में खर्च नहीं हो पाया, जो कि लैप्स होने के कारण सरकार को वापस हो गया है.

ये भी पढ़ेंः बीजेपी अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने परिवार सहित किया मतदान, कहा भाजपा को चुनावों में मिल रहा प्रचंड बहुमत

हमीरपुरः प्रदेशभर के साथ ही हमीरपुर जिला में तृतीय चरण का पंचायत चुनाव के मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. हमीरपुर जिला मुख्यालय से सटी बस्सी झनीयरा पंचायत में ईटीवी भारत की टीम ने मतदान प्रक्रिया के दौरान व्यवस्थाओं का जायजा लिया. ईटीवी भारत की टीम ने यहां पर मतदाताओं से बातचीत भी की और जाना कि लोग गांव में किस तरह की संसद चाहते हैं.

सबसे बड़ी पेयजल समस्या

इस पंचायत के महिला मतदाताओं का कहना है कि पंचायत के सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है. लोगों को चौथे पांचवें दिन पेयजल मिलता है, जिस वजह से अधिक दिक्कत पेश आ रही है. युवा मतदाताओं का कहना है कि पंचायत में ईमानदारी से काम करने वाले जनप्रतिनिधि चुनकर आने चाहिए वह चाहते हैं कि इमानदारी से पंचायत का सर्वांगीण विकास हो.

चुनावी खत्म होने से पहले की रिपोर्ट.

पंचायत का 3800000 रुपये का बजट लैप्स

पंचायत के बुजुर्ग मतदाताओं ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि जनप्रतिनिधि ऐसे हैं जो पंचायत का सम्मान विकास करें. उनका कहना है कि जो भी लोग चुनकर आए वह सिर्फ एक गांव का विकास न करें बल्कि पंचायत के हर हिस्से तक विकास कार्यों को गति प्रदान करें. इन मतदाताओं का यह भी कहना है कि पिछले 5 वर्षों में 3800000 रुपये का बजट पंचायत में खर्च नहीं हो पाया, जो कि लैप्स होने के कारण सरकार को वापस हो गया है.

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