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राजेंद्र राणा ने BJP पर साधा निशाना, बोले- बिना तैयारी थोपी गई नोटबंदी से बिगड़ी अर्थव्यवस्था

सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने मोदी सरकार को नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ी है. विधायक ने कहा कि अब भी केंद्र की मोदी सरकार मंदी से निपटने के लिए स्थाई प्रबंध नहीं कर पाई है.

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Published : Oct 10, 2019, 7:09 PM IST

हमीरपुरः सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने मोदी सरकार को नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है. राजेंद्र राणा ने कहा है कि हार्वर्ड व आईएमएफ की अध्ययन रिपोर्ट में भी नोटबंदी को खराब तरीके से लागू करने से नुक्सान होने का दावा किया गया है. अब केंद्र सरकार स्पष्ट करे कि ऐसे क्या कारण रहे कि बिना किसी तैयारी के देश पर नोटबंदी थोप दी गई थी.

विधायक ने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के बाद तिमाही में ही देश की आर्थिक गतिविधियों में 2.2 फीसदी व नौकरियों में 2 से 3 फीसदी की गिरावट आई, जिससे जीडीपी को भी 2 फीसदी तक का झटका लगा था. आईएमएफ ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि 90 प्रतिशत वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ चुकी है और भारत में इस साल मंदी के आंकड़े काफी गंभीर बताए गए हैं.

विधायक ने कहा कि देश में बिगड़ते हालातों के लिए केंद्र सरकार की नीतियों को जिम्मेवार हैं. सरकार के गलत फैसलों का खमियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है. उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं और बेरोजगारों की फौज खड़ी हो रही है, लेकिन सरकार अब भी इससे उभरने के बजाए अच्छे दिनों का दिलासा दे रही है.

राजेंद्र राणा ने कहा कि अब भी केंद्र सरकार मंदी से निपटने के लिए स्थाई प्रबंध नहीं कर पाई है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सब्जबाग तो दिखाए थे, लेकिन उनकी जगह पर दिलासों का झुनझुना जनता को थमा दिया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है. रिजर्व बैंक के पैसे पर सरकार ने काली नजर गढ़ा रखी हैं.

ये भी पढ़ें- बड़सर कॉलेज में नई SCA ने ली शपथ, शिवाली को मिली अध्यक्ष की कमान

हमीरपुरः सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने मोदी सरकार को नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है. राजेंद्र राणा ने कहा है कि हार्वर्ड व आईएमएफ की अध्ययन रिपोर्ट में भी नोटबंदी को खराब तरीके से लागू करने से नुक्सान होने का दावा किया गया है. अब केंद्र सरकार स्पष्ट करे कि ऐसे क्या कारण रहे कि बिना किसी तैयारी के देश पर नोटबंदी थोप दी गई थी.

विधायक ने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के बाद तिमाही में ही देश की आर्थिक गतिविधियों में 2.2 फीसदी व नौकरियों में 2 से 3 फीसदी की गिरावट आई, जिससे जीडीपी को भी 2 फीसदी तक का झटका लगा था. आईएमएफ ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि 90 प्रतिशत वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ चुकी है और भारत में इस साल मंदी के आंकड़े काफी गंभीर बताए गए हैं.

विधायक ने कहा कि देश में बिगड़ते हालातों के लिए केंद्र सरकार की नीतियों को जिम्मेवार हैं. सरकार के गलत फैसलों का खमियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है. उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं और बेरोजगारों की फौज खड़ी हो रही है, लेकिन सरकार अब भी इससे उभरने के बजाए अच्छे दिनों का दिलासा दे रही है.

राजेंद्र राणा ने कहा कि अब भी केंद्र सरकार मंदी से निपटने के लिए स्थाई प्रबंध नहीं कर पाई है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सब्जबाग तो दिखाए थे, लेकिन उनकी जगह पर दिलासों का झुनझुना जनता को थमा दिया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है. रिजर्व बैंक के पैसे पर सरकार ने काली नजर गढ़ा रखी हैं.

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Intro:बिना तैयारी के थोपी गई नोटबंदी से बिगड़ी देश की अर्थव्यवस्था: राजेंद्र राणा
हमीरपुर.
सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने मोदी सरकार को नोट बंदी को लेकर घेरा है. राणा ने कहा है कि हार्वर्ड व आई.एम.एफ की अध्ययन रिपोर्ट में भी नोटबंदी को खराब तरीके से लागू करने से नुक्सान होने का दावा किया गया है। अब केंद्र सरकार स्पष्ट करे कि ऐसे क्या कारण रहे कि बिना किसी तैयारी के देश पर नोटबंदी थोप दी गई थी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी वाली तिमाही में ही देश की आर्थिक गतिविधियों में 2.2 फीसदी व नौकरियों में 2 से 3 फीसदी की गिरावट बताई गई जिससे जी.डी.पी. को भी 2 फीसदी तक का झटका लगा था। आई.एम.एफ. ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि 90 प्रतिशत वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ चुकी है तथा भारत में इस साल मंदी के आंकड़े काफी जटिल स्थिति को परिलक्षित करने वाले बताए हैं।

उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार की नीतियों को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि सरकार के गलत फैसलों का खमियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं और बेरोजगारोंं की फौज खड़ी हो रही है लेकिन सरकार अब भी इससे उभरने के बजाए अच्छे दिनों का दिलासा दे रही है। उन्होंने कहा कि अब भी केंद्र सरकार मंदी से निपटने के लिए स्थाई प्रबंध नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सब्जबाग तो दिखाए थे लेकिन उनकी जगह पर दिलासों का झुनझुना जनता को थमा दिया है। वर्तमान में देश सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है। रिजर्व बैंक के पैसे पर सरकार ने काली नजर गडा रखी है।



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