हमीरपुर: कोरोना वायरस के चलते लागू किए गए लंबे लॉकडाउन ने सभी प्रकार के उद्योग और व्यापार का दम निकाल दिया है. नतीजन कारोबार एक साल से अधिक पीछे चला गया. लॉकडाउन से पिछड़े उद्योग को रफ्तार देने के लिए ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा की है. सरकार द्वारा पेश किया गए आर्थिक पैकेज किस तरह छोटे बड़े व्यापारियों को फायदा पहुंचेगा. यह जानने के लिए ईटीवी भारत ने हमीरपुर के चार्टर्ड अकाउंटेंट जोगिन्दर सिंह से खास बातचीत की.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की जा रही घोषणाओं पर सीए जोगिन्दर सिंह ने कहा कि इंडस्ट्री की काफी समय से मांग चल रही थी कि आर्थिक पैकेज दिया जाए. वित्त मंत्री द्वारा की बुधवार और गुरुवार को की गई घोषणाओं से एमएसएमई, कॉन्ट्रैक्टर और देश की आम जनता को काफी फायदा पहुंचेगा. आने वाले दो से तीन महीनों में जमीनी स्तर पर इसका फायदा देखने को मिलेगा.
केंद्र के गरीबों और स्ट्रीट वेंडर को 10 हजार रुपये तक कर्ज के रुप में मुहैया कराए जाने के फैसले पर जोगिन्दर सिंह ने कहा कि रेहड़ी और गरीब तबके के लोगों को इससे बहुत राहत मिलेगी लेकिन यह भी सवाल है कि सरकार इतनी तादाद में रेहड़ी-फड़ी वालों को कैसे ट्रैक करेगी और किसको कितना पैसा देना है. सरकार जमीनी स्तर पर कैसे योजना को लागू कर पाती है यह अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है.
सरकार ने आदिवासी इलाकों में रोजगार सृजन के लिए 6 हजार करोड़ के फंड का ऐलान किया है. इस फंड के जरिए हो सकता है आदिवासी इलाकों में ज्यादा से ज्यादा स्मॉल स्केल इंडस्ट्री लगाई जाए ताकि युवाओं को रोजगार के साधन मुहैया हो सके.
टैक्सेशन में कटौती से मध्यमवर्गीय परिवार और 15 हजार से कम आय वाले होने वाले लाभ के सवाल पर जोगिन्दर शर्मा ने कहा कि वित्त मंत्री ने पिछले महीने ऐलान किया था कि मार्च, अप्रैल और मई महीने का ईपीएफ का कंट्रीब्यूशन सरकार ने देने का ऐलान किया था. इसके बाद वित्त मंत्री ने गुरुवार को इस घोषणा को बढ़ाकर छह महीने कर दी है. इससे इंप्लाइज ज्यादा से ज्यादा वेतन घर ले जा सकेंगे.
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